राहत : नूरसराय और हरनौत में भी खुलेंगे मछली बिक्री केन्द्र

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राहत : नूरसराय और हरनौत में भी खुलेंगे मछली बिक्री केन्द्र

राहत : नूरसराय और हरनौत में भी खुलेंगे मछली बिक्री केन्द्र

राहत : नूरसराय और हरनौत में भी खुलेंगे मछली बिक्री केन्द्रराहत : नूरसराय और हरनौत में भी खुलेंगे मछली बिक्री केन्द्रराहत : नूरसराय और हरनौत में भी खुलेंगे मछली बिक्री केन्द्रराहत : नूरसराय और हरनौत…

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSat, 28 Sep 2024 04:20 PM
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हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : राहत : नूरसराय और हरनौत में भी खुलेंगे फिश कियोस्क खरीदारों को मिलेंगी संक्रमणरहित जिंदा व ताजी मछलियां होटल का लेगा आकार, लोग यहां बैठ मछली-भात का चखेंगे स्वाद फोटो कियोस्क : थरथरी बाजार में संचालित फिश कियोस्क। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि/रामाशंकर कुमार। सरकारी मदद मिल रही है तो नालंदा के युवा मछलीपालन और इससे जुड़े कारोबार में खूब रुचि ले रहे हैं। पिछले साल थरथरी बाजार में जिले का पहला फिश कियोस्क (मछली बिक्री केंद्र) खोला गया था। बहुत जल्द नूरसराय और हरनौत में भी फिश कियोस्क खुलने वाला है। निर्माण कार्य प्रगति पर है। यहां आकर शुद्ध और संक्रमणरहित मछलियों का स्वाद हर कोई ले सकेंगे। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 200 वर्गमीटर में फिश कियोस्क के बनाने पर 10 लाख की लागत आएगी। इसपर हर वर्ग की महिलाएं और अनुसूचित जाति के लाभुकों को छह लाख तो समान्य वर्ग को पांच लाख अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। 200 वर्गमीटर में बने कियोस्क में लोगों को बैठकर मछली-भात का स्वाद लेने के लिए एक हॉल बनाना है। टेबुल और कुर्सियां लगानी हैं। किचेन और बाथरूम की व्यवस्था करनी है। शुद्ध जल के लिए बोरिंग और मोटर लगाना है। साथ ही मछलियों को जिंदा रखने के लिए एक हॉज बनाना है। महिलाएं संभवल रहीं केंद्रों की जिम्मेवारी: खास यह भी कि जिले में अबतक तीन फिश कियोस्क की स्वीकृति दी गयी हैं। सभी केन्द्रों की जिम्मेवारी महिलाओं के कंधे पर होंगी। थरथरी में गौरी देवी सफलतापूर्वक केंद्र का संचालक कर रही हैं। नूरसराय की रहने वाली संपत्ति कुमारी द्वारा फिश कियोस्क का निर्माणा कराया जा रहा है। जबकि, हरनौत की रुबी देवी को जिला मत्स्य विभाग से वर्क ऑडर मिल गया है। जल्द ही वे भी निर्माण शुरू कराएंगी। 6 और खोलने की मांगी अनुमति: फिश कियोस्क के प्रति जिले के लोगों में गजब का उत्साह है। इस साल दो लाभुकों को स्वीकृति दी गयी है। जबकि, मत्स्य विभाग के पास अभी भी 15 आवेदन पेंडिंग पड़े हुए हैं। आवेदकों के हितों के ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा जिले में छह और फिश कियोस्क खोलने की अनुमित देने का अनुरोध मुख्यालय से किया गया है। नहीं रहेगी मछलियों की मरने की चिंता: फिश कियोस्क बना लेने पर मछलियां के मरने की चिंता संचालक को नहीं रहेगी। मछलियों के खुले में काटकर बेचने का झमेला भी खत्म हो जाएगा। हॉज में रखी जाने वाली मछलियां संक्रमित न हों, इसके लिए नियमित अंतराल पर सैनिटाइज कराया जाएगा। खुले बाजार के मुकाबले यहां उच्च गुणवत्तायुक्त आहार के रूप में उपभोक्ता मछलियां ले सकते हैं। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इन केंद्रों में हर वेरायटी की ताजी और जिंदा मछलियां खरीदारों को उपलब्ध करायी जाएंगी। क्या कहते हैं अधिकारी: थरथरी में फिश कियोस्क की पहली यूनिट पिछले साल चालू की गयी थी। अब नूरसराय व हरनौत में खोलने की तैयारी चल रही है। मछली कारोबारियों के लिए यह बहुत ही बेहतर है। इससे जुड़े लोगों को कमाई का बेहतर जरिया भी मिलेगा। शंभु प्रसाद, जिला मत्स्य पदाधिकारी, नालंदा 10 लाख रुपया एक इकाई की स्थापना पर खर्च 60 फीसद महिला व एससी वर्ग के लाभुकों को अनुदान 40 फीसद समान्य वर्ग के आवेदनों को सब्सिडी

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