परिवहन विभाग ने जुर्माने की राशि में किया संशोधन, ट्रैफिक पुलिस पुराने का जता रहे धौंस

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परिवहन विभाग ने जुर्माने की राशि में किया संशोधन, ट्रैफिक पुलिस पुराने का जता रहे धौंस

परिवहन विभाग ने जुर्माने की राशि में किया संशोधन, ट्रैफिक पुलिस पुराने का जता रहे धौंस

सीतामढ़ी में ट्रैफिक को सुचारू करने और एमवी एक्ट का पालन कराने के लिए जांच अभियान चलाया जा रहा है। प्रदूषण प्रमाणपत्र न होने पर अब जुर्माना राशि वाहन की श्रेणी के अनुसार निर्धारित की गई है। पहले…

सीतामढ़ी। जिले में ट्रैफिक सूचारू करने व एमवी एक्ट को सख्ती से पालन कराने को लेकर शहर से लेकर प्रखंडस्तर व एनएच पर जांच अभियान चलाया जा रहा है। बड़े शहरों के तर्ज पर शहर में भी ऑटोमेटिक ई चालान भी काटा जा रहा है। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस रेंडमली खासकर बाइक को रोककर कागजात की जांच कर चालान काट रही है। अधिकांश बाइक का प्रदूषण का प्रमाणपत्र नहीं होता या फेल रहता है। जिसके एवज से उनसे पुराने दर यानी 10 हजार रुपये का जुर्माना की बात कही जाती है। जिसको लेकर बाइक चालक अकसर जुर्माना से बचने के लिए सेवा शुल्क की सेटिंग करने लगते है। लेकिन विगत एक पखवाड़ा पूर्व ही प्रदूषण के जुर्माना में परिवर्तन किया गया है। परिवहन विभाग ने प्रदूषण फेल रहने पर जुर्माना वाहनों के प्रकार पर निर्धारित किया है। इसमें भी पहली व दूसरी बार में जुर्माना की राशि अलग-अलग होगी। अगर कोई वाहन मालिक बार बार नियम तोड़ता है तो उसे ज्यादा जुर्माना देना होगा।

वाहनों के प्रकार पर जुर्माना राशि

डीटीओ स्वप्निल सिन्हा ने बताया कि प्रदूषण चालान में कटौती को लेकर विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। पूर्व में प्रदूषण फेल होने की स्थिति में एक समान वाहनों से 10 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाता था। अब विभाग ने वाहनों के कैटेगरी के अनुसार चालान में कटौती की है। उन्होंने बताया कि दोपहिया वाहन का प्रथम अपराध करने पर एक हजार, द्वितीय या उससे ज्यादा अपराध करने पर 1500 रुपए, तिपहिया वाहन पर प्रथम 1500, बाद में 2000, लाईट मोटर व्हीकल (एलएमवी) प्रथम 2000, बाद में 3000, मध्यम वाहन (एमएमवी) प्रथम 3000, बाद में 4000, भारी वाहन (एचएमवी)प्रथम 5000, बाद में 10,000 एवं अन्य वाहन में प्रथम 1500, बाद में 2000 रुपए जुर्माना लगेगा।

सात दिन का दिया जा रहा ग्रेस परियड

प्रदूषण का पहला जुर्माना कटने के बाद वाहन मालिक को सात दिन का समय दिया जाता है कि वे अपना प्लयूशन सर्टिफिकेट बनवा लें। जिसके बाद ही उनका दूसरा चालान काटा जाता है। डीटीओ ने बताया कि प्रदूषण प्रमाण पत्र के मामले में ई चालान जमा करने के लिए वाहन चालकों को सात दिनों का समय मिलेगा। एक सप्ताह के ग्रेस पीरियड के बाद ही दूसरा चालान निर्गत किया जाता है। ग्रेस पिरियर खत्म होने पर भी चालान नहीं जमा होने पर अधिक जुर्माना देना होता है।

नियम पालन नहीं करने पर भरना पड़ता है जुर्माना

डीटीओ ने बताया कि चालक के पास वाहन का डॉक्यूमेंट नही रहने पर जुर्माना राशि बढ़ा दी गई है। जिसमे ड्राइविंग लाइसेंस नही रहने पर पूर्व में 500रुपए था अब 5000 रुपए, खतरनाक ड्राइविंग पर अब 5000 जबकि पूर्व में 1000 था। नशे में वाहन चलाने पर 10 हजार जबकि पूर्व में दो हजार रुपए था। रेस ड्राइविंग पर 5 हजार जबकि पूर्व में पांच सौ रुपए जुर्माना था। हेलमेट नहीं रहने पर अब एक हजार रुपये का जुर्माना है। जबकि पूर्व में 100 रुपए का चालान काटा जाता था। वाहन का बीमा नहीं रहने पर 2000 से 4000 रुपए के बीच जुर्माना ,जबकि पूर्व में एक हजार रुपए का चालान जमा करना पड़ता था।

ई डिटेक्शन व ऑनलाइन काटा जा रहा चालान

वाहन के कागजात दुरूस्त नहीं रहने पर ई डिटेक्शन के माध्यम से भी चालान कट रहा है। यह चालान किसी टॉल को पार करने पर कटता है। वहीं शहर में ई चालान भी काटा जा रहा है। इसमें गलती करने पर वाहन का फोटो खिंचकर चालान ऑनलाइन भेज दिया जाता है। ट्रैफिक पुलिस ने हाल के दिनों में एक लाख रुपये से अधिक ा चालान ऑनलाइन के माध्यम से काटा है।

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