एक सप्ताह में ग्राम सभा कर रैयतों को भू-सर्वेक्षण की दे देनी है जानकारी h3>
एक सप्ताह में ग्राम सभा कर रैयतों को भू-सर्वेक्षण की दे देनी है जानकारी 34 गांवों में अब तक नहीं लगी हैं ग्राम सभाएं जिले के शेष 11 आंचलों में चल रहा भू-सर्वेक्षण का काम नगर निकाय को छोड़ 575 राजस्व गांवों का किया जा रहा सर्वे, 396 में पहले ही लग चुकी है ग्राम सभा इस्लामपुर, नगरनौसा, करायपरसुराय समेत अन्य अंचलों में हो रहीं ग्राम सभाएं वंशावली, खतियान, बंटवारा, आवेदन भरने की दी जा रही जानकारी कैंप में रैयत जमा कर रहे आवेदन आवेदन में देना होगा जमीन का पूरा ब्योरा के साथ वंशावली, खतियान व अन्य कागजात फोटो : नगरनौसा : नगरनौसा में ग्राम सभा के बाद रैयतों को भू-सर्वेक्षण की जानकारी देते कानूनगो सोनू कुमार व अन्य। बिहारशरीफ/करायपरसुराय, निज संवाददाता। जिले की सभी जमीनों का नए सिरे से भू-सर्वेक्षण कर नया खतियान तैयार किया जा रहा है। इसके लिए एक सप्ताह में सभी राजस्व गांवों में ग्राम सभाएं कर रैयतों को भू-सर्वेक्षण की जानकारी दे देनी है। ताकि, रैयत अपना आवेदन कैंप में आकर या ऑनलाइन दे सकें। लेकिन, 34 गांवों में अब तक ग्राम सभा नहीं लगी हैं। जिले के शेष 11 आंचलों में भी भू-सर्वेक्षण का काम चालू हो चुका है। नगर निकाय को छोड़कर 575 राजस्व गांवों का सर्वे किया जा रहा है। जबकि, जिले के नौ अंचलों के 396 राजस्व गांवों में पहले ही चरण में ग्राम सभा लगाकर लोगों को सारी जानकारी दे दी गयी है। उन गांवों में लोगों ने जमीन का नक्शा व अन्य ब्योरा तक रैयतों को उपलब्ध कराया जा चुका है। इस्लामपुर, नगरनौसा, करायपरसुराय समेत बचे 11 अंचलों में ग्राम सभाएं हो रही हैं। इनमें लोगों को वंशावली, खतियान, बंटवारा, आवेदन भरने समेत अन्य जानकारी दी जा रही है। वहीं अंचल मुख्यालयों में बने कैंप में रैयत आवेदन जमा कर रहे हैं। रैयतों को आवेदन में जमीन का पूरा ब्योरा के साथ वंशावली, खतियान व अन्य कागजात देने होंगे। करायपरसुराय अंचल की प्रभारी सह विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी पूजा कुमारी ने ग्राम सभा में लोगों को आवेदन से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने रैयतों को अपनी जमीन का स्वघोषणा व वंशावली को आवेदन में सही से भरने को कहा है। इस आवेदन को अंचल शिविर के शिविर प्रभारी सह विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के यहां जमा कर सकते हैं। ऑनलाइन भी दे सकते हैं आवेदन : रैयत अपना आवेदन ऑनलाइन माध्यम से भी जमा कर सकते हैं। इसके लिए रैयतों को कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है। वे इसके लिए बिहार सरकार भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट डीएलआरएस डॉट गॉव डॉट इन पर जाकर सर्वेक्षण संबंधित सेवाएं में आवेदन दो व तीन (1) पर क्लिक कर अपना पूरा ब्योरा दर्ज कर सकते हैं। सर्वेक्षण के बाद सारी जानकारी हो जाएगी ऑनलाइन : इससे भविष्य में भूमि से संबंधित देय लगान, भूमि का हस्तांतरण तथा क्रय विक्रय आदि का आधार बिहार सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम के आलोक में तैयार अधिकार अभिलेख ही होगा। जिले के सभी अंचलों में ग्राम सभाएं होनी हैं। इसके बाद अंचल शिविरों में कागजात लिए जाएंगे। सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सारी जानकारी ऑनलाइन हो जाएगी। इससे जमीन संबंधित हेरा फेरी खत्म हो जाएगी। सभी जमीन का रिकॉर्ड होगा पारदर्शी : बिहार में जमीन का सर्वेक्षण होने से सभी जमीन के रिकॉर्ड को सरकार और अधिक पारदर्शी बनाना चाहती है। जमीन से जुड़े विवाद अब बहुत अधिक बढ़ने लगे हैं। इस सर्वे से इस तरह के मामले खत्म हो जाएंगे। साथ ही आसानी से जमीन के मालिक का पता तुरंत चलाया जा सकता है। सरकार इस सर्वे के माध्यम से यह भी जानने में लगी है कि कितनी जमीन सरकारी है। उन सरकारी जमीनों पर किसका कब्जा है। आवेदन के साथ देने होंगे ये कागजात : 1. मृत जमाबंदी रैयत की मृत्यु की तिथि। 2. जमाबंदी संख्या की विवरणी/मालगुजारी रसीद संख्या/वर्ष। 3. खतियान की नकल (यदि उपलब्ध हो तो)। 4. दावाकृत भूमि से संबंधित दस्तावेज का विवरण। 5. अगर सक्षम न्यायालय का आदेश हो, तो आदेश की सच्ची प्रति। 6. आवेदनकर्ता या हित अर्जन करनेवाले का मृतक का वारिस होने के संबंध में प्रमाण पत्र। 7. आवेदनकर्ताओं के आधार कार्ड की छायाप्रति। 8. आवेदनकर्ता के वोटर कार्ड की छायाप्रति।
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एक सप्ताह में ग्राम सभा कर रैयतों को भू-सर्वेक्षण की दे देनी है जानकारी 34 गांवों में अब तक नहीं लगी हैं ग्राम सभाएं जिले के शेष 11 आंचलों में चल रहा भू-सर्वेक्षण का काम नगर निकाय को छोड़ 575 राजस्व गांवों का किया जा रहा सर्वे, 396 में पहले ही लग चुकी है ग्राम सभा इस्लामपुर, नगरनौसा, करायपरसुराय समेत अन्य अंचलों में हो रहीं ग्राम सभाएं वंशावली, खतियान, बंटवारा, आवेदन भरने की दी जा रही जानकारी कैंप में रैयत जमा कर रहे आवेदन आवेदन में देना होगा जमीन का पूरा ब्योरा के साथ वंशावली, खतियान व अन्य कागजात फोटो : नगरनौसा : नगरनौसा में ग्राम सभा के बाद रैयतों को भू-सर्वेक्षण की जानकारी देते कानूनगो सोनू कुमार व अन्य। बिहारशरीफ/करायपरसुराय, निज संवाददाता। जिले की सभी जमीनों का नए सिरे से भू-सर्वेक्षण कर नया खतियान तैयार किया जा रहा है। इसके लिए एक सप्ताह में सभी राजस्व गांवों में ग्राम सभाएं कर रैयतों को भू-सर्वेक्षण की जानकारी दे देनी है। ताकि, रैयत अपना आवेदन कैंप में आकर या ऑनलाइन दे सकें। लेकिन, 34 गांवों में अब तक ग्राम सभा नहीं लगी हैं। जिले के शेष 11 आंचलों में भी भू-सर्वेक्षण का काम चालू हो चुका है। नगर निकाय को छोड़कर 575 राजस्व गांवों का सर्वे किया जा रहा है। जबकि, जिले के नौ अंचलों के 396 राजस्व गांवों में पहले ही चरण में ग्राम सभा लगाकर लोगों को सारी जानकारी दे दी गयी है। उन गांवों में लोगों ने जमीन का नक्शा व अन्य ब्योरा तक रैयतों को उपलब्ध कराया जा चुका है। इस्लामपुर, नगरनौसा, करायपरसुराय समेत बचे 11 अंचलों में ग्राम सभाएं हो रही हैं। इनमें लोगों को वंशावली, खतियान, बंटवारा, आवेदन भरने समेत अन्य जानकारी दी जा रही है। वहीं अंचल मुख्यालयों में बने कैंप में रैयत आवेदन जमा कर रहे हैं। रैयतों को आवेदन में जमीन का पूरा ब्योरा के साथ वंशावली, खतियान व अन्य कागजात देने होंगे। करायपरसुराय अंचल की प्रभारी सह विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी पूजा कुमारी ने ग्राम सभा में लोगों को आवेदन से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने रैयतों को अपनी जमीन का स्वघोषणा व वंशावली को आवेदन में सही से भरने को कहा है। इस आवेदन को अंचल शिविर के शिविर प्रभारी सह विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के यहां जमा कर सकते हैं। ऑनलाइन भी दे सकते हैं आवेदन : रैयत अपना आवेदन ऑनलाइन माध्यम से भी जमा कर सकते हैं। इसके लिए रैयतों को कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है। वे इसके लिए बिहार सरकार भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट डीएलआरएस डॉट गॉव डॉट इन पर जाकर सर्वेक्षण संबंधित सेवाएं में आवेदन दो व तीन (1) पर क्लिक कर अपना पूरा ब्योरा दर्ज कर सकते हैं। सर्वेक्षण के बाद सारी जानकारी हो जाएगी ऑनलाइन : इससे भविष्य में भूमि से संबंधित देय लगान, भूमि का हस्तांतरण तथा क्रय विक्रय आदि का आधार बिहार सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम के आलोक में तैयार अधिकार अभिलेख ही होगा। जिले के सभी अंचलों में ग्राम सभाएं होनी हैं। इसके बाद अंचल शिविरों में कागजात लिए जाएंगे। सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सारी जानकारी ऑनलाइन हो जाएगी। इससे जमीन संबंधित हेरा फेरी खत्म हो जाएगी। सभी जमीन का रिकॉर्ड होगा पारदर्शी : बिहार में जमीन का सर्वेक्षण होने से सभी जमीन के रिकॉर्ड को सरकार और अधिक पारदर्शी बनाना चाहती है। जमीन से जुड़े विवाद अब बहुत अधिक बढ़ने लगे हैं। इस सर्वे से इस तरह के मामले खत्म हो जाएंगे। साथ ही आसानी से जमीन के मालिक का पता तुरंत चलाया जा सकता है। सरकार इस सर्वे के माध्यम से यह भी जानने में लगी है कि कितनी जमीन सरकारी है। उन सरकारी जमीनों पर किसका कब्जा है। आवेदन के साथ देने होंगे ये कागजात : 1. मृत जमाबंदी रैयत की मृत्यु की तिथि। 2. जमाबंदी संख्या की विवरणी/मालगुजारी रसीद संख्या/वर्ष। 3. खतियान की नकल (यदि उपलब्ध हो तो)। 4. दावाकृत भूमि से संबंधित दस्तावेज का विवरण। 5. अगर सक्षम न्यायालय का आदेश हो, तो आदेश की सच्ची प्रति। 6. आवेदनकर्ता या हित अर्जन करनेवाले का मृतक का वारिस होने के संबंध में प्रमाण पत्र। 7. आवेदनकर्ताओं के आधार कार्ड की छायाप्रति। 8. आवेदनकर्ता के वोटर कार्ड की छायाप्रति।