जन्माष्टमी का बाजार : अलीगढ़ के बाल गोपाल के लिए सूरत के रंग-बिरंगे चमकीले कपड़े h3>
दो दिन बाद सोमवार को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मंदिर, घर से लेकर बाजार में जन्माष्टमी की तैयारी है। गया के खुदरा बाजार में बाल गोपाल की मूर्ति, फैंसी व सूत्ती पोशाक, शृंगार सामान, झूला, पलंग, चादर, रजाई, सोफा, मच्छरदानी, इत्र सहित अन्य सामान बिक रहे हैं। अहमदाबाद का थ्री डी पोशाक, अलीगढ़ में पीतल और कांस्य के बने बाल गोपाल, सूरत व अहमदाबाद के सुंदर व चमकीले पोशाक, चौकी, बेड सहित अन्य सामान बिक रहे हैं। कन्नौज के इत्र व चंदन पाउडर बिक रहे हैं। वाराणसी के कपड़े व अन्य सामान भी उपलब्ध हैं। दो दिन से मौसम खराब रहने का असर बाजार पर दिख रहा है। शुक्रवार को दिनभर रुक-रुक होती रही हल्की बारिश ने जन्माष्टमी के बाजार को प्रभावित रखा।
विष्णुपद और लहेरिया टोला इलाके की दुकानों में बिक रही हैं सामग्री
शहर में थोक बाजार धामी टोला के बाद लहेरिया टोला में जन्माष्टमी का बाजार सजा है। प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के सामने की दुकानों में भी जन्माष्टमी से जुड़ी सामग्री बिक रही है। स्थानीय लोगों के अलावा दूसरे प्रदेशों से पिंडदान करने आने वाले तीर्थयात्री भी जन्माष्टमी को लेकर खरीदारी कर रहे हैं। इस इलाके में अलीगढ़, सूरत, अहमदाबाद के सामान बिक रहे हैं। विष्णुपद के बाद लहेरिया टोला की फूल-मालाओं की दुकानों तरह-तरह की सामग्री से पटी है। करीब एक दर्जन से अधिक दुकानों में सामान उपलब्ध हैं। बाल गोपाल के अलावा बच्चों के लिए श्री कृष्ण और राधा के पोशाक हैं। शृंगार सामग्री और बांसुरी भी।
विष्णुपद मंदिर के पास की दुकानों से दूसरे प्रदेश के पिंडदानी भी कर खरीदारी
विष्णुपद मंदिर के पास स्थित पंचमुखी मेटल शॉप के दुकानदार चंदन गुर्दा ने बताया कि जन्माष्टमी के लिए बाल गोापाल के सामान अलग-अलग प्रदेश के हैं। कीमत नहीं बढ़ी है। अलीगढ़ के पीतल और कांस्य के बाल गोपाल की मूर्ति 100 से 1000 रुपए तक में है। थ्री डी पोशाक 60 से लेकर 150 रुपए पीस है। चौकी, 50 से 120, पलंग 200 से 1000 व बांसुरी 10 से 50 रुपए तक में हैं। एक सप्ताह से बिक्री शुरू है। स्थानीय लोगों के अलावा दूसरे प्रदेश से आए पिंडदानी भी सामान खरीद रहे हैं। लहेरिया टोला स्थित फूल घर के शिव शंकर मालाकार ने बताया कि इस इलाके में अधिकतर बनारस के सामान बिक रहे हैं। झूला लोकल है। बच्चों के लिए राधा और कृष्ण के पोशाक 200 से लेकर 600 रुपए तक है। लेकिन, बारिश ने बाजार केरंग को फीका कर रखा है। शनिवार व रविवार को बिक्री का अनुमान है। मौसम साफ नहीं रहा तो पूंजी फंस जाएगी।
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दो दिन बाद सोमवार को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मंदिर, घर से लेकर बाजार में जन्माष्टमी की तैयारी है। गया के खुदरा बाजार में बाल गोपाल की मूर्ति, फैंसी व सूत्ती पोशाक, शृंगार सामान, झूला, पलंग, चादर, रजाई, सोफा, मच्छरदानी, इत्र सहित अन्य सामान बिक रहे हैं। अहमदाबाद का थ्री डी पोशाक, अलीगढ़ में पीतल और कांस्य के बने बाल गोपाल, सूरत व अहमदाबाद के सुंदर व चमकीले पोशाक, चौकी, बेड सहित अन्य सामान बिक रहे हैं। कन्नौज के इत्र व चंदन पाउडर बिक रहे हैं। वाराणसी के कपड़े व अन्य सामान भी उपलब्ध हैं। दो दिन से मौसम खराब रहने का असर बाजार पर दिख रहा है। शुक्रवार को दिनभर रुक-रुक होती रही हल्की बारिश ने जन्माष्टमी के बाजार को प्रभावित रखा।
विष्णुपद और लहेरिया टोला इलाके की दुकानों में बिक रही हैं सामग्री
शहर में थोक बाजार धामी टोला के बाद लहेरिया टोला में जन्माष्टमी का बाजार सजा है। प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के सामने की दुकानों में भी जन्माष्टमी से जुड़ी सामग्री बिक रही है। स्थानीय लोगों के अलावा दूसरे प्रदेशों से पिंडदान करने आने वाले तीर्थयात्री भी जन्माष्टमी को लेकर खरीदारी कर रहे हैं। इस इलाके में अलीगढ़, सूरत, अहमदाबाद के सामान बिक रहे हैं। विष्णुपद के बाद लहेरिया टोला की फूल-मालाओं की दुकानों तरह-तरह की सामग्री से पटी है। करीब एक दर्जन से अधिक दुकानों में सामान उपलब्ध हैं। बाल गोपाल के अलावा बच्चों के लिए श्री कृष्ण और राधा के पोशाक हैं। शृंगार सामग्री और बांसुरी भी।
विष्णुपद मंदिर के पास की दुकानों से दूसरे प्रदेश के पिंडदानी भी कर खरीदारी
विष्णुपद मंदिर के पास स्थित पंचमुखी मेटल शॉप के दुकानदार चंदन गुर्दा ने बताया कि जन्माष्टमी के लिए बाल गोापाल के सामान अलग-अलग प्रदेश के हैं। कीमत नहीं बढ़ी है। अलीगढ़ के पीतल और कांस्य के बाल गोपाल की मूर्ति 100 से 1000 रुपए तक में है। थ्री डी पोशाक 60 से लेकर 150 रुपए पीस है। चौकी, 50 से 120, पलंग 200 से 1000 व बांसुरी 10 से 50 रुपए तक में हैं। एक सप्ताह से बिक्री शुरू है। स्थानीय लोगों के अलावा दूसरे प्रदेश से आए पिंडदानी भी सामान खरीद रहे हैं। लहेरिया टोला स्थित फूल घर के शिव शंकर मालाकार ने बताया कि इस इलाके में अधिकतर बनारस के सामान बिक रहे हैं। झूला लोकल है। बच्चों के लिए राधा और कृष्ण के पोशाक 200 से लेकर 600 रुपए तक है। लेकिन, बारिश ने बाजार केरंग को फीका कर रखा है। शनिवार व रविवार को बिक्री का अनुमान है। मौसम साफ नहीं रहा तो पूंजी फंस जाएगी।