एनएचएम कर्मियों को सरकारी सेवक घोषित करे सरकार: मुरारी मोहन

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एनएचएम कर्मियों को सरकारी सेवक घोषित करे सरकार: मुरारी मोहन

एनएचएम कर्मियों को सरकारी सेवक घोषित करे सरकार: मुरारी मोहन

बेगूसराय, निज प्रतिनिधि। बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला शाखा बेगूसराय द्वारा मंगलवार को कर्मचारी भवन से जुलुस निकाला जो शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए समाहरणालय गेट पर प्रर्दशन किया। प्रर्दशन में शामिल सैकड़ों महिला पुरुष कर्मचारी बैनर झंडा एवं मांगों से संबंधित तख्ती की अपनी मांगों के समर्थन में एवं सरकार के विरोध में नारा लगा रहे थे। कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ काफी आक्रोश देखा गया। प्रदर्शन सभा की अध्यक्षता महासंघ के उपाध्यक्ष राम दास ठाकुर ने की। इसमें अखिल भारतीय राज्य सरकारी महासंघ की 13-14 को हैदराबाद में कार्यकारिणी समिति की बैठक में बिहार में एनएचएम कर्मियों की 22 जुलाई से चल रही अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार का समर्थन करते हुए उनके समर्थन में पूरे देश के हर राज्य में बिहार सरकार के खिलाफ़ सभी जिला मुख्यालयों में प्रतिरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया था। राज्य महासंघ ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया। जिला मंत्री मोहन मुरारी ने बताया कि अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ ने एनएचएम कर्मियों की 22 जुलाई से चल रही अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार का न सिर्फ समर्थन किया है बल्कि इसके समर्थन में पूरे देश के हर जिला मुख्यालय में प्रतिरोध करने का निर्णय लिया गया। इनकी मांगों को जायज बताया। इन्होंने कहा कि कार्य बहिष्कार का आज एक माह हो गया है। लेकिन सरकार इसके प्रति गंभीर नहीं है। इस आंदोलन के कारण चिकित्सा व्यवस्था पर प्रतिकुल असर पर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन्होंने एनएचएम कर्मियों एएनएमआर, सीएचओ की 13 सूत्री मांगों को लेकर 22 जुलाई से अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार पर हैं। लेकिन इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। सरकार कुंभकर्णी निद्रा में सोई हुई है। जबकि ये लोग स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। इन्होंने एनएचएम कर्मियों को सरकारी सेवक घोषित करने, समान काम का समान वेतन देने, तबतक न्यूनतम 26 हजार रुपये भुगतान करने, स्वास्थ्य उप केंद्र पर मूलभूत सुविधाएं कार्यालय भवन, आवासीय सुविधा, पानी, बिजली, शौचालय, वाईफाईI इन्टरनेट सुविधा उपलब्ध कराने, एफआरएएस हाजिरी बंद करने, समय पर मानदेय का भुगतान करने, एके चौधरी कमिटी की अनुशंसा लागू करने, सीएचओ को वेतन मानदेय बढ़ाने सहित अन्य समस्याओं के समाधान की मांग की। इन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से चिकित्सा संघ के नेताओं से वार्ता कर इन कर्मियों की समस्याओं का समाधान करते हुए जनहित में कार्य बहिष्कार को समाधान कराने की मांग की। कार्यक्रम समापन के बाद महासंघ के शिष्टमंडल द्वारा डीएम से मिलकर मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। मौके पर चिकित्सा संघ के जिला मंत्री लव कुमार सिंह, पंचायत सेवक संघ के जिला मंत्री शंकर मोची के अलावा सहायक जिला मंत्री अनिल कुमार गुप्ता, राज्य संयुक्त मंत्री सुधीर कुमार गांधी , रामानंद सागर, संघर्ष मंत्री सुरेंद्र कुमार, सुनील कुमार, अनुराग कुमार, मथुरा ठाकुर, सान्या, पल्लवी, रुपम कुमारी, कोमल, पूजा, मोनी, प्रियंका, प्रिया, अमृता, अनुराधा, चांदनी,नीलू, श्वेता सहित दर्जनों नेताओं ने अपने विचार रखे।

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