दियारे इलाके में डूबी सड़क पर थाह कर चलने की नौबत h3>
बछवाड़ा, निज संवाददाता। गंगा बाया नदी में उफान से चमथा दियारे के सभी पांच पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल चुका है। इन पंचायतों की अधिकतर सड़कें पूरी तरह पानी में डूब चुकी हैं। हालात यह है कि दियारे की बस्तियों में किधर सड़क है और किधर गड्ढे यह बताना मुश्किल हो गया है। दियारे वासियों को पानी में डूबी सड़क पर पानी थाह कर चलने की नौबत है। चमथा- दो पंचायत के सनोज राय, विशनपुर पंचायत के सुनील रजक, उदय कांत चौधरी, सुरेश राय, मनोज राय आदि ग्रामीणों ने बताया कि पिछले करीब एक सप्ताह से ऐसी हालत बनी हुई है। घर से बाहर निकलने पर पानी में ही कदम रखना पड़ रहा है। दियारे के सैकड़ों एकड़ खेतों में लगी लोंगिया मिर्च व अन्य खरीफ फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। पशुपालकों के समक्ष पशु चारे की किल्लत होने लगी है। प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र चमथा से चमथा- दो पंचायत के कुर्मी टोल होते हुए गोप टोल तक जाने वाली सड़क पर 3 से 5 फीट ऊंचा बाढ़ का पानी बह रहा है। मध्य विद्यालय लोदियाही से फूलचंद चौक करीब 3 किलोमीटर दूर तक सड़क पर नाव चलने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दादुपुर से चमथा- एक, चमथा- दो, चमथा- तीन व विशनपुर पंचायतों को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क बाढ़ के पानी में डूब जाने से उसराही बिंदटोली, चिरैयाटोक, लंकाटोल, वसूलिया टोल, बिचली दीरी, बरौनी टोल, पंचखुटी आदि बस्तियों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि विशनपुर दियारा के सभी स्कूलों के प्रांगण में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। गंगा की सभी ढाब नदियां मिलकर एक हो जाने से हालात भयावह बन रही है। ग्रामीणों ने कहा कि अब तक प्रशासन की ओर से राहत व बचाव की कोई भी व्यवस्था नहीं की जा सकी है। कहा कि अधिकारियों का कहना है कि घरों में पानी घुसने के बाद ही सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है। इधर, सीओ प्रीतम कुमार गौतम ने बताया कि फिलहाल चमथा दियारे में पांचो पंचायतों के निचले इलाके में बाढ़ का पानी फैला है। दियारे के गांवों में आवाजाही की समस्या को देखते हुए सरकारी तौर पर तत्काल 30 नावों की व्यवस्था कराई गई है। सीओ ने कहा कि गंगा बाया नदी के जलस्तर में वृद्धि पर प्रतिदिन निगरानी रखी जा रही है। पिछले 24 घंटे के भीतर नदी के जलस्तर में एक फीट कमी आंकी गई है। शाम्हो प्रखंड हुआ जलमग्न, कई रास्ता हुआ बंद गैस गोदाम से टोटहा जाने वाला मार्ग पर बह रहा बाढ़ का पानी शाम्हो प्रखंड को बाढ़ प्रभावित प्रखंड घोषित करने की मांग शाम्हो, एक संवाददाता। जिले का गंगा शाम्हो प्रखंड पूरी तरह से बाढ़ से घिर गया है। यहां की लगभग सभी खेत बाढ़ के पानी में पूरी तरह से डूब चुके हैं। वहीं प्रखंड के कई गांव का आवागमन मुख्य मार्ग पर पानी आने के कारण अवरुद्ध हो गया है। शाम्हो के जिला पार्षद अमित कुमार ने बताया कि एक ओर गंगा नदी और दूसरी ओर क्यूल नदी के बीच बसा यह प्रखंड बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित होता है। इस साल भी 100 फीसदी खेत बाढ़ से डूब चुके हैं। गैस गोदाम से टोटहा जाने वाली सड़क पर कई फीट पानी बह रहा है। वहीं प्रखंड के कस्तूरबा विद्यालय और उच्च विद्यालय अकहा के बाहर भी कई फीट पानी भर गया है। जबकि प्रखंड के जगन सैदपुर और पथला टोल जाने वाले रास्ते में भी पानी भर चुका है। प्रखंड के अकबरपुर 40 और शिशबन्नी को जोड़ने वाला डायवर्सन भी पूरी तरह से बाढ़ के कारण बंद हो चुका है। लेकिन इसके बावजूद अंचल कार्यालय की ओर से ना तो नाव का परिचालन किया जा रहा है और ना ही बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत की व्यवस्था ही की जा रही है। जिला पार्षद ने डीएम को पत्र लिखकर बाढ़ प्रभावित शाम्होवासियों के लिए राहत कार्य शुरू करने, प्रखंड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने, वार्ड प्रभावित गांवों के आवागमन ग्रामीणों के आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था करने और उन्हें हर संभव मदद करने की गुहार लगाई है। जिला पार्षद ने कहा कि किसानों की फसल डूब गई है और ऐसे में पशुपालक अपना जान जोखिम में डालकर अपने मवेशियों के लिए हरा चारा इकट्ठा कर रहे हैं। पूर्व के वर्षों में भी कई अनहोनी की घटना हो चुकी है। इसलिए जिला प्रशासन को पशुपालकों की सुधि लेते हुए पशु चारा की व्यवस्था करनी चाहिए। डीएम को लिखे पत्र में कहा कि शाम्हो प्रखण्ड के किसााने को 100% फसल क्षतिपुर्त्ति मुआवजा घोषित करने की कृपा करें। शाम्हों प्रखण्ड में विभिन्न स्कूल में बाढ़ में बंद करने का आदेश दिया जाय, नहीं तो कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। आवागमन की सुलभता के लिये पर्याप्त नाव और एनडीआरएफ टीम की व्यवस्था हो बाढ़ पीड़ित लोगों के लिये अस्थायी आवास और भोजन हेतु पन्नी, तिरपाल और सामुदायिक रसोई की व्यवस्था हो। स्वास्थ्य सम्बद्ध किसी भी अनहोनी की आशंका से निपटाने हेतु चिकित्सकीय टीम की तैनाती की जाए। बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में कीड़े मकोड़े का खतरा बढ़ा, लोग दहशत में तेघड़ा, निज प्रतिनिधि। बाढ़ पीड़ितों को प्रतिदिन हो रही वर्षा से मुश्किलें और बढ़ गई है। घर के चारों तरफ पानी रहने एवं लगातार वर्षा से खाना बनाने में काफी मुश्किलें हो रही है। कई पीड़ितों ने बताया कि घर के चारों तरफ पानी रहने एवं सड़कों पर पानी जमा रहने से न तो रसाई गैस की गाड़ियां ही घर तक पहुंच रही है और न जलाने के लिए सूखी लकड़ियां है। इससे उन्हें परेशानी हो रही है। रातगांव पंचायत की भगवानपुर चक्की का सड़क संपर्क पूरी तरह टूट जाने से आवाजाही में घारे परेशानी हो रही है। भगवानपुर चक्की के मो अफजल, मो फारूख सहित कई लोगों ने बताया कि घर के चारों ओर पानी है। लेकिन सरकार द्वारा अब तक किसी प्रकार की राहत कैंप नहीं चलाया जा रहा है। लोगों ने बताया कि लगातार पानी बढ़ता जा रहा है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। कई प्रकार के कीड़े मकोड़े का खतरा उत्पन्न हो गया है। लेकिन अब तक सहायता कैंप नहीं शुरू किए जाने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। भगवानपुर चक्की के कई लोगों ने कहा कि स्वास्थ्य कैंप व छिड़काव आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके साथ ही पशुओं के लिए चारा आदि की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। हलांकि बीडीओ राकेश कुमार ने बताया कि कई स्थानों को सामुहिक किचेन के रूप में चिन्हित किए गए है। वरीय अधिकारियों के आदेश पर तुरंत इसे प्रारंभ किया जाएगा।
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बछवाड़ा, निज संवाददाता। गंगा बाया नदी में उफान से चमथा दियारे के सभी पांच पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल चुका है। इन पंचायतों की अधिकतर सड़कें पूरी तरह पानी में डूब चुकी हैं। हालात यह है कि दियारे की बस्तियों में किधर सड़क है और किधर गड्ढे यह बताना मुश्किल हो गया है। दियारे वासियों को पानी में डूबी सड़क पर पानी थाह कर चलने की नौबत है। चमथा- दो पंचायत के सनोज राय, विशनपुर पंचायत के सुनील रजक, उदय कांत चौधरी, सुरेश राय, मनोज राय आदि ग्रामीणों ने बताया कि पिछले करीब एक सप्ताह से ऐसी हालत बनी हुई है। घर से बाहर निकलने पर पानी में ही कदम रखना पड़ रहा है। दियारे के सैकड़ों एकड़ खेतों में लगी लोंगिया मिर्च व अन्य खरीफ फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। पशुपालकों के समक्ष पशु चारे की किल्लत होने लगी है। प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र चमथा से चमथा- दो पंचायत के कुर्मी टोल होते हुए गोप टोल तक जाने वाली सड़क पर 3 से 5 फीट ऊंचा बाढ़ का पानी बह रहा है। मध्य विद्यालय लोदियाही से फूलचंद चौक करीब 3 किलोमीटर दूर तक सड़क पर नाव चलने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दादुपुर से चमथा- एक, चमथा- दो, चमथा- तीन व विशनपुर पंचायतों को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क बाढ़ के पानी में डूब जाने से उसराही बिंदटोली, चिरैयाटोक, लंकाटोल, वसूलिया टोल, बिचली दीरी, बरौनी टोल, पंचखुटी आदि बस्तियों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि विशनपुर दियारा के सभी स्कूलों के प्रांगण में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। गंगा की सभी ढाब नदियां मिलकर एक हो जाने से हालात भयावह बन रही है। ग्रामीणों ने कहा कि अब तक प्रशासन की ओर से राहत व बचाव की कोई भी व्यवस्था नहीं की जा सकी है। कहा कि अधिकारियों का कहना है कि घरों में पानी घुसने के बाद ही सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है। इधर, सीओ प्रीतम कुमार गौतम ने बताया कि फिलहाल चमथा दियारे में पांचो पंचायतों के निचले इलाके में बाढ़ का पानी फैला है। दियारे के गांवों में आवाजाही की समस्या को देखते हुए सरकारी तौर पर तत्काल 30 नावों की व्यवस्था कराई गई है। सीओ ने कहा कि गंगा बाया नदी के जलस्तर में वृद्धि पर प्रतिदिन निगरानी रखी जा रही है। पिछले 24 घंटे के भीतर नदी के जलस्तर में एक फीट कमी आंकी गई है। शाम्हो प्रखंड हुआ जलमग्न, कई रास्ता हुआ बंद गैस गोदाम से टोटहा जाने वाला मार्ग पर बह रहा बाढ़ का पानी शाम्हो प्रखंड को बाढ़ प्रभावित प्रखंड घोषित करने की मांग शाम्हो, एक संवाददाता। जिले का गंगा शाम्हो प्रखंड पूरी तरह से बाढ़ से घिर गया है। यहां की लगभग सभी खेत बाढ़ के पानी में पूरी तरह से डूब चुके हैं। वहीं प्रखंड के कई गांव का आवागमन मुख्य मार्ग पर पानी आने के कारण अवरुद्ध हो गया है। शाम्हो के जिला पार्षद अमित कुमार ने बताया कि एक ओर गंगा नदी और दूसरी ओर क्यूल नदी के बीच बसा यह प्रखंड बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित होता है। इस साल भी 100 फीसदी खेत बाढ़ से डूब चुके हैं। गैस गोदाम से टोटहा जाने वाली सड़क पर कई फीट पानी बह रहा है। वहीं प्रखंड के कस्तूरबा विद्यालय और उच्च विद्यालय अकहा के बाहर भी कई फीट पानी भर गया है। जबकि प्रखंड के जगन सैदपुर और पथला टोल जाने वाले रास्ते में भी पानी भर चुका है। प्रखंड के अकबरपुर 40 और शिशबन्नी को जोड़ने वाला डायवर्सन भी पूरी तरह से बाढ़ के कारण बंद हो चुका है। लेकिन इसके बावजूद अंचल कार्यालय की ओर से ना तो नाव का परिचालन किया जा रहा है और ना ही बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत की व्यवस्था ही की जा रही है। जिला पार्षद ने डीएम को पत्र लिखकर बाढ़ प्रभावित शाम्होवासियों के लिए राहत कार्य शुरू करने, प्रखंड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने, वार्ड प्रभावित गांवों के आवागमन ग्रामीणों के आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था करने और उन्हें हर संभव मदद करने की गुहार लगाई है। जिला पार्षद ने कहा कि किसानों की फसल डूब गई है और ऐसे में पशुपालक अपना जान जोखिम में डालकर अपने मवेशियों के लिए हरा चारा इकट्ठा कर रहे हैं। पूर्व के वर्षों में भी कई अनहोनी की घटना हो चुकी है। इसलिए जिला प्रशासन को पशुपालकों की सुधि लेते हुए पशु चारा की व्यवस्था करनी चाहिए। डीएम को लिखे पत्र में कहा कि शाम्हो प्रखण्ड के किसााने को 100% फसल क्षतिपुर्त्ति मुआवजा घोषित करने की कृपा करें। शाम्हों प्रखण्ड में विभिन्न स्कूल में बाढ़ में बंद करने का आदेश दिया जाय, नहीं तो कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। आवागमन की सुलभता के लिये पर्याप्त नाव और एनडीआरएफ टीम की व्यवस्था हो बाढ़ पीड़ित लोगों के लिये अस्थायी आवास और भोजन हेतु पन्नी, तिरपाल और सामुदायिक रसोई की व्यवस्था हो। स्वास्थ्य सम्बद्ध किसी भी अनहोनी की आशंका से निपटाने हेतु चिकित्सकीय टीम की तैनाती की जाए। बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में कीड़े मकोड़े का खतरा बढ़ा, लोग दहशत में तेघड़ा, निज प्रतिनिधि। बाढ़ पीड़ितों को प्रतिदिन हो रही वर्षा से मुश्किलें और बढ़ गई है। घर के चारों तरफ पानी रहने एवं लगातार वर्षा से खाना बनाने में काफी मुश्किलें हो रही है। कई पीड़ितों ने बताया कि घर के चारों तरफ पानी रहने एवं सड़कों पर पानी जमा रहने से न तो रसाई गैस की गाड़ियां ही घर तक पहुंच रही है और न जलाने के लिए सूखी लकड़ियां है। इससे उन्हें परेशानी हो रही है। रातगांव पंचायत की भगवानपुर चक्की का सड़क संपर्क पूरी तरह टूट जाने से आवाजाही में घारे परेशानी हो रही है। भगवानपुर चक्की के मो अफजल, मो फारूख सहित कई लोगों ने बताया कि घर के चारों ओर पानी है। लेकिन सरकार द्वारा अब तक किसी प्रकार की राहत कैंप नहीं चलाया जा रहा है। लोगों ने बताया कि लगातार पानी बढ़ता जा रहा है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। कई प्रकार के कीड़े मकोड़े का खतरा उत्पन्न हो गया है। लेकिन अब तक सहायता कैंप नहीं शुरू किए जाने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। भगवानपुर चक्की के कई लोगों ने कहा कि स्वास्थ्य कैंप व छिड़काव आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके साथ ही पशुओं के लिए चारा आदि की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। हलांकि बीडीओ राकेश कुमार ने बताया कि कई स्थानों को सामुहिक किचेन के रूप में चिन्हित किए गए है। वरीय अधिकारियों के आदेश पर तुरंत इसे प्रारंभ किया जाएगा।