दिलीप जायसवाल के हाथ बिहार बीजेपी की कमान, 16 माह रहे सम्राट चौधरी; EBC के साथ कोर वोटर पर भी नजर

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दिलीप जायसवाल के हाथ बिहार बीजेपी की कमान, 16 माह रहे सम्राट चौधरी; EBC के साथ कोर वोटर पर भी नजर

दिलीप जायसवाल के हाथ बिहार बीजेपी की कमान, 16 माह रहे सम्राट चौधरी; EBC के साथ कोर वोटर पर भी नजर

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बिहार भाजपा में बड़ा उलटफेर हुआ है। गुरुवार देर रात राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वैश्य समाज से आने वाले दिलीप जायसवाल को सम्राट चौधरी की जगह प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी है। सम्राट को करीब 16 माह पहले 23 मार्च 2023 को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में सम्राट चौधरी के डिप्टी सीएम बनाए जाने के बाद से ही बिहार बीजेपी में नए अध्यक्ष की चर्चा जोरों पर थी। अब इस पर विराम लग गया है। जायसवाल अमित शाह के करीबी बताए जाते हैं।

गृह मंत्री अमित शाह का करीबी

राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से गुरुवार देर रात जारी पत्र की जानकारी एमएलसी संजय मयूख ने मीडिया को दी। दिलीप जायसवाल के पिछले दिनों आलाकमान से मुलाकात के बाद से ही उन्हें बिहार की कमान सौंपने के कयास लगाये जा रहे थे। 61 वर्षीय डॉ. जायसवाल को गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। राजनैतिक गलियारे में चर्चा है कि 22025 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार बीजेपी में यह बड़ा फेरबदल किया गया है।

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कोर वोटर को साधा 

खगड़िया के मूल निवासी दिलीप जायसवाल पूर्णिया अररिया, किशनगंज क्षेत्र से तीसरी बार विधान पार्षद हैं। कई वर्षों तक वह प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष रहे। अभी सिक्किम के प्रभारी हैं। डॉ. जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप कर पार्टी ने बड़ी सधी चाल चली है। अति पिछड़ा वोट बैंक को साधने के साथ पार्टी ने अपने कोर वोटर का ख्याल रखा है। कुशवाहा समाज से आने वाले सम्राट के ठीक पहले संजय जायसवाल भी प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। दिलीप जायसवाल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही उनका मंत्री पद छोड़ना तय है।

संगठन की मजबूती प्राथमिकता 

प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के बाद डॉ. दिलीप जायसवाल ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि इस जिम्मेदारी के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व का आभारी हूं। मेरी प्राथमिकता पार्टी और संगठन को मजबूत करना होगा। अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाला हैं। एनडीए का ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर है। लोकसभा चुनाव में भी 174 सीटों पर बढ़त बनाने में हमारा गठबंधन कामयाब रहा है। एनडीए के आगे विपक्ष का कोई नामलेवा नहीं रहेगा। 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए भारी बहुमत की सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मान देना उनका ध्येय रहा है और आगे भी यह मजबूती से रहेगा।

 

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