छात्रों की समस्याओं का करें त्वरित निदान : कुलपति

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छात्रों की समस्याओं का करें त्वरित निदान : कुलपति

छात्रों की समस्याओं का करें त्वरित निदान : कुलपति

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दरभंगा। अंगीभूत व संबद्ध कॉलेज छात्र-छात्राओं की समस्याओं का त्वरित निदान करें। इस बात का खास ध्यान रखें कि बच्चों को बेवजह किसी प्रकार की समस्या ना हो। छात्र-छात्राएं विवि व कॉलेजों की पूंजी हैं, इनका सर्वांगीण विकास हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में सीबीसीएस पाठ्यक्रम के सिलेबस व रेगुलेशन को लेकर रविवार को जुबली हॉल में आयोजित कॉलेजों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने ये बातें कहीं। कुलपति ने कहा कि स्नातक में चार वर्षीय पाठ्यक्रम लागू करने के पीछे उद्देश्य छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना है। इसलिए जरूरी है कि इसके प्रावधानों का निर्बाध अनुपालन हो। इसमें कॉलेजों की बड़ी भूमिका है। छात्र-छात्राओं की समस्याओं का कॉलेज स्तर पर त्वरित निदान होना चाहिए। अगर कोई ऐसी समस्या है जो विवि स्तर से संबंधित है तो कॉलेज को अपने नोडल पदाधिकारी के माध्यम से पहल करनी चाहिए। कुलपति ने कहा कि सीबीसीएस पाठ्यक्रम के सफल संचालन में कॉलेजों की अहम भूमिका है। उन्होंने कॉलेज स्तर पर होने वाली आंतरिक परीक्षाओं का पूरी निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ संचालन व मूल्यांकन तथा आंतरिक परीक्षाओं के अंक समयबद्ध तरीके से अपडेट करने का निर्देश दिया।

कुलपति ने कॉलेजों में वित्तीय पारदर्शिता पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि कॉलेजों को अपने कैश बुक व संचिकाएं अद्यतन रखनी चाहिए। कुलपति ने स्पष्ट कहा कि कॉलेजों में कोई भी विकास कार्य विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुमोदन के बिना नहीं किया जाएगा। ऐसा करने वाले प्रधानाचार्य को कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। कॉलेज स्तर पर होने वाले विकास कार्यों का विवि स्तर से अनुमोदन जरूरी है।

दो सत्रों में आयोजित कार्यशाला के प्रथम सत्र में अंगीभूत कॉलेज तथा द्वितीय सत्र में संबद्ध कॉलेजों के प्रधानाचार्य, नोडल पदाधिकारी व कर्मी शामिल हुए। उन्हें सीबीसीएस पाठ्यक्रम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। रिसोर्स पर्सन के रूप में विवि के साइंस डीन व डब्ल्यूआईटी निदेशक प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा ने कहा कि इस पाठ्यक्रम के लागू होने से मिथिला विश्वविद्यालय सहित बिहार राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों को उच्च शिक्षा में देश के विश्वविद्यालयों में समान अवसर प्राप्त हो सकेंगे। साथ ही अब बिहार के छात्र देश के अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों के छात्रों से पीछे नहीं रहेंगे। डीएसडब्ल्यू प्रो. विजय कुमार यादव ने नामांकन से संबंधित जानकारी प्रदान की। परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार ओझा ने परीक्षा व मूल्यांकन से संबंधित जानकारी दी। इसके अलावा रिसोर्स पर्सन के रूप में साइंस डीन प्रो. मिश्रा, फाइन आर्ट डीन प्रो. पुष्पम नारायण, गणित विभाग के डॉ. विपुल स्नेही, अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. पी भंजन एवं जंतु विज्ञान विभाग के डॉ. एस वनिक ने सीबीसीएस पाठ्यक्रम से संबंधित जानकारी देते हुए कॉलेजों की ओर से प्राप्त प्रश्नों का भी समाधान किया। धन्यवाद ज्ञापन उप परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार ने किया। कार्यशाला में विभिन्न अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों के प्रधानाचार्य व कर्मी सहित विवि के कई अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।

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