नीट पेपर लीक में विजेंद्र गुप्ता ने किया लाइनर का काम, बीपीएससी शिक्षक बहाली धांधली में भी आ चुका है नाम h3>
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नीट पेपर लीक मामले में बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले विजेंद्र गुप्ता का भी नाम सामने आया है। विजेंद्र ने इस मामले में लाइनर के तौर पर भूमिका निभाई थी। वह पटना के दानापुर में रहता है। हालांकि, अब तक जांच एजेंसी को सीधे तौर पर उसके नीट पेपर लीक से जुड़े होने के सबूत नहीं मिले हैं। विजेंद्र का नाम इससे पहले बीपीएससी शिक्षक बहाली परीक्षा की धांधली में भी मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर नाम आ चुका है। इसके बाद वह पेपर सेटिंग के क्षेत्र में कुख्यात हो गया।
जानकारी के मुताबिक विजेंद्र गुप्ता ने दानापुर के दो-तीन लोगों को नीट में सेटिंग के लिए सेटर चिंटू और उसके ऊपर के लोगों के बारे में जानकारी दी थी। साथ ही उन्हें चिंटू से संपर्क करने का माध्यम और फोन नंबर भी मुहैया कराया था।
विजेंद्र ने बसाई नई दुनिया, गांव में घर बदहाल
शिक्षक बहाली के बाद नीट पेपर लीक से भी जुड़ने वाला विजेंद्र गुप्ता अपने घर और परिवार से कोई मतलब नहीं रखता है। वह मूलरूप से समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर स्थित शेरपुर का रहने वाला है। वह इंटर की पढ़ाई करने बेगूसराय गया था। जहां गलत काम में संलिप्त हो गया। एक बार वह जेल भी जा चुका है।
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विजेंद्र के पिता बालेश्वर साह की पांच संतानें हैं। उनमें विजेंद्र सबसे छोटा बेटा है। उसके पिता और भाई आटा चक्की चलाकर अपने परिवार का गुजारा चलाते हैं। पिता ने बताया कि विजेंद्र को घर से कोई मतलब नहीं है। वह घर पर कम ही आता है। गांव में बचपन में पढ़ने के बाद वह पढ़ाई करने बेगूसराय चला गया था। जहां पढ़ाई के दौरान एक केस में नाम आने पर जेल भी गया। उसके बाद वह घर नहीं लौटा।
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पिता ने कहा कि विजेंद्र ने लव मैरिज कर रखी है। पिछले साल नवंबर में मां की मौत हुई तो वह लंबे समय बाद घर आया। उसके बात गया तो फिर कभी घर नहीं लौटा। विजेंद्र के भाई उमेश साह ने बताया कि वह क्या करता है इसकी जानकारी परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं है। पंचायत के मुखिया रामप्रवेश राय ने बताया कि विजेंद्र कई सालों से घर नहीं आता है। इससे गांव में उसे ठीक से कोई पहचानता भी नहीं है। उसका घर अब भी फूस और खपरैल का बना हुआ है। घटना के बाद से उसके परिवार वाले भी सहमे हुए हैं और घर छोड़कर इधर-उधर रहा करते हैं।
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नीट पेपर लीक मामले में बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले विजेंद्र गुप्ता का भी नाम सामने आया है। विजेंद्र ने इस मामले में लाइनर के तौर पर भूमिका निभाई थी। वह पटना के दानापुर में रहता है। हालांकि, अब तक जांच एजेंसी को सीधे तौर पर उसके नीट पेपर लीक से जुड़े होने के सबूत नहीं मिले हैं। विजेंद्र का नाम इससे पहले बीपीएससी शिक्षक बहाली परीक्षा की धांधली में भी मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर नाम आ चुका है। इसके बाद वह पेपर सेटिंग के क्षेत्र में कुख्यात हो गया।
जानकारी के मुताबिक विजेंद्र गुप्ता ने दानापुर के दो-तीन लोगों को नीट में सेटिंग के लिए सेटर चिंटू और उसके ऊपर के लोगों के बारे में जानकारी दी थी। साथ ही उन्हें चिंटू से संपर्क करने का माध्यम और फोन नंबर भी मुहैया कराया था।
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शिक्षक बहाली के बाद नीट पेपर लीक से भी जुड़ने वाला विजेंद्र गुप्ता अपने घर और परिवार से कोई मतलब नहीं रखता है। वह मूलरूप से समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर स्थित शेरपुर का रहने वाला है। वह इंटर की पढ़ाई करने बेगूसराय गया था। जहां गलत काम में संलिप्त हो गया। एक बार वह जेल भी जा चुका है।
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विजेंद्र के पिता बालेश्वर साह की पांच संतानें हैं। उनमें विजेंद्र सबसे छोटा बेटा है। उसके पिता और भाई आटा चक्की चलाकर अपने परिवार का गुजारा चलाते हैं। पिता ने बताया कि विजेंद्र को घर से कोई मतलब नहीं है। वह घर पर कम ही आता है। गांव में बचपन में पढ़ने के बाद वह पढ़ाई करने बेगूसराय चला गया था। जहां पढ़ाई के दौरान एक केस में नाम आने पर जेल भी गया। उसके बाद वह घर नहीं लौटा।
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पिता ने कहा कि विजेंद्र ने लव मैरिज कर रखी है। पिछले साल नवंबर में मां की मौत हुई तो वह लंबे समय बाद घर आया। उसके बात गया तो फिर कभी घर नहीं लौटा। विजेंद्र के भाई उमेश साह ने बताया कि वह क्या करता है इसकी जानकारी परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं है। पंचायत के मुखिया रामप्रवेश राय ने बताया कि विजेंद्र कई सालों से घर नहीं आता है। इससे गांव में उसे ठीक से कोई पहचानता भी नहीं है। उसका घर अब भी फूस और खपरैल का बना हुआ है। घटना के बाद से उसके परिवार वाले भी सहमे हुए हैं और घर छोड़कर इधर-उधर रहा करते हैं।