तटबंधों की तीन कैटेगरी बनाकर बनेगी बाढ़ स्ट्रैटेजी

6
तटबंधों की तीन कैटेगरी बनाकर बनेगी बाढ़ स्ट्रैटेजी

तटबंधों की तीन कैटेगरी बनाकर बनेगी बाढ़ स्ट्रैटेजी


ऐप पर पढ़ें

राज्य सरकार बाढ़ स्ट्रैटेजी में बदलाव करने जा रही है। बाढ़ को लेकर तटबंधों की मरम्मत की पूरी कार्ययोजना बदल जाएगी। अब तटबंधों की तीन कैटेगरी बनाकर बाढ़ स्ट्रैटेजी बनायी जाएगी। इसी आधार पर उनकी मरम्मत होगी और इसी आधार पर वहां कटाव पूर्व तैयारियां होंगी। जल संसाधन विभाग ने इस संबंध में अपने सभी संबंधित अभियंताओं को गाइडलाइन जारी कर दिया है। इस बार बाढ़ अवधि में तटबंधों की निगरानी और तत्काल मरम्मत के लिए मोबाइल एम्बुलेंस उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा हाइड्रोलिक का भी इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि तटबंध पर अनावश्यक दबाव न बने।
जल संसाधन विभाग के अनुसार तटबंधों की तीन कैटेगरी आक्राम्य, अति आक्राम्य और संवेदनशील बनाकर उनके लिए अलग-अलग योजनाएं बनायी जाएंगी। इसी कैटेगरी के आधार पर वहां सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और मरम्मत की कार्ययोजना बनेगी। इसी आधार वहां गश्ती की व्यवस्था होगी और इंजीनियर-अधिकारी वहां निरीक्षण करेंगे। बाढ़ अवधि में सबसे खतरनाक अर्थात अति आक्राम्य और संवेदनशील स्थलों पर मोबाइल एम्बुलेंस व हाइड्रोलिक की व्यवस्था की जाएगी, जबकि,आक्राम्य स्थलों पर कैंप बनेंगे और वहां नियमित निरीक्षण-गश्ती की व्यवस्था की जाएगी।

दरअसल, विभाग की योजना यह है कि तटबंधों को लेकर एक स्पष्ट कार्ययोजना रहे। अभी तक सभी तटबंधों के लिए ही मानक पर काम किया जाता है। ऐसे में सबसे खतरनाक, संवेदनशील और सामान्य तटबंधों पर एक साथ काम किया जाता है। लिहाजा, कभी-कभी बेहद खतरनाक स्थलों पर संसाधन की कमी की संभावना बनी रहती है। लेकिन अलग-अलग कैटेगरी होने पर बेहद खतरनाक स्थलों पर पहले काम हो सकेगा।

224 योजनाओं पर हुआ काम : राज्य में बाढ़ लाने वाले 224 स्थलों की पहचान की गयी है। ये सारे संवेदनशील स्थलों से जुड़े हैं और बाढ़ के दौरान तबाही मचा सकते हैं। इन्हें दुरुस्त करने पर काम अंतिम चरण में है। अधिसंख्य योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इस योजना पर 665 करोड़ रुपए खर्च किये जा रहे हैं।

पिछले वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने प्रदेश में 297 जबकि नेपाल में 23 संवेदनशील स्थलों को चिह्नित किया था। इन स्थलों को फूलप्रूफ बनाने पर 1120 करोड़ रुपए खर्च किये गये थे। इनके कारण ही सूबे में बाढ़ का कहर देखने को नहीं मिला। नदियों के लाल निशान के ऊपर जाने और तटबंधों पर भारी दबाव के बावजूद कहीं तटबंध टूटा नहीं।

यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News