चुनाव के बीच जेडीयू में नया बखेड़ा, प्रवक्ता लिस्ट से नाम हटा तो उमेश कुशवाहा पर भड़के निखिल मंडल h3>
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लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में नया घमासान छिड़ गया है। जेडीयू ने प्रदेश प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट की शनिवार को संशोधित लिस्ट जारी की, इसमें निखिल मंडल का नाम हटा दिया गया है। इस पर जेडीयू नेता निखिल मंडल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा पर भड़क गए हैं। उन्होंने कहा कि वह उमेश कुशवाहा की कृपा से नहीं बल्कि नीतीश कुमार की बदौलत जेडीयू में हैं। राजनीति करनी है तो दिल बड़ा कर कीजिए, ऐसा काम तो बच्चे भी नहीं करते हैं।
जेडीयू नेता निखिल मंडल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शनिवार को एक लंबा पोस्ट शेयर किया। इसमें उन्होंने बताया कि 5 अप्रैल को जेडीयू की चुनाव अभियान समिति की बैठक हुई थी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने तीन नए प्रवक्ताओं की सूची जारी कि जिसमें उनका भी नाम था। यह लिस्ट मीडिया को भी भेज दी गई थी। फिर पार्टी ऑफिस से खबर आई कि जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने लिस्ट को रोक दिया है और कल (6 अप्रैल) को संशोधित लिस्ट जारी की जाएगी।
निखिल मंडल ने कहा, “आज (6 अप्रैल) को जारी लिस्ट में उन्हें छोड़कर सभी नाम यथावत हैं। सिर्फ उनका नाम हटा दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा गलतफहमी के शिकार हो गए हैं। ये पार्टी ना उनकी है ना मेरी है। ये पार्टी सिर्फ नीतीश कुमार की है, जो मेरे राजनीतिक गुरु हैं और पहले भी उन्होंने ही मुझे प्रवक्ता बनाया था। पिछली कमेटी में मुझे प्रदेश महासचिव आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी ने ही बनाया था।”
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उन्होंने कुशवाहा से कहा कि वह उनकी कृपा से ना राजनीति में नहीं हैं और ना किसी पद पर हैं। 2020 का विधानसभा चुनाव वे भी हारे थे और मैं भी हारा था। वे प्रदेश अध्यक्ष हैं तो नीतीश कुमार के आशीर्वाद से, ना कि अपनी काबिलियत से। निखिल मंडल ने कहा कि वह पिछले 19 साल से कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं और नीतीश कुमार के हाथों को ना सिर्फ वे बल्कि उनका पूरा परिवार मजबूत कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाए कि कुशवाहा पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। निखिल ने यह भी कहा कि वे राजनीति में मेहनत करते हैं लेकिन अपने सम्मान से समझौता नहीं करते। उनकी रगों में बीपी मंडल का खून दौड़ रहा है। उनकी जेडीयू में क्या भूमिका होगी, यह फैसला सीएम नीतीश को लेना है।
निखिल मंडल को मिला बीजेपी नेता का साथ
जेडीयू की प्रवक्ता सूची से बाहर किए जाने पर भड़के निखिल मंडल को सहयोगी पार्टी बीजेपी का भी साथ मिला है। बिहार बीजेपी के प्रवक्ता रहे निखिल आनंद ने कहा कि छोटे मन से कोई बड़ा और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता है। कोई सूची जारी कर रोक दिया जाता है। कहा जाता है कि संशोधित सूची जारी होगी। फिर सिर्फ एक नाम हटाया जाता है। जाहिर है प्रदेश अध्यक्ष (उमेश कुशवाहा) उस एक व्यक्ति को टारगेट कर रहे हैं। खैर यह जेडीयू का अंदरूनी मामला है।
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लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में नया घमासान छिड़ गया है। जेडीयू ने प्रदेश प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट की शनिवार को संशोधित लिस्ट जारी की, इसमें निखिल मंडल का नाम हटा दिया गया है। इस पर जेडीयू नेता निखिल मंडल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा पर भड़क गए हैं। उन्होंने कहा कि वह उमेश कुशवाहा की कृपा से नहीं बल्कि नीतीश कुमार की बदौलत जेडीयू में हैं। राजनीति करनी है तो दिल बड़ा कर कीजिए, ऐसा काम तो बच्चे भी नहीं करते हैं।
जेडीयू नेता निखिल मंडल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शनिवार को एक लंबा पोस्ट शेयर किया। इसमें उन्होंने बताया कि 5 अप्रैल को जेडीयू की चुनाव अभियान समिति की बैठक हुई थी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने तीन नए प्रवक्ताओं की सूची जारी कि जिसमें उनका भी नाम था। यह लिस्ट मीडिया को भी भेज दी गई थी। फिर पार्टी ऑफिस से खबर आई कि जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने लिस्ट को रोक दिया है और कल (6 अप्रैल) को संशोधित लिस्ट जारी की जाएगी।
निखिल मंडल ने कहा, “आज (6 अप्रैल) को जारी लिस्ट में उन्हें छोड़कर सभी नाम यथावत हैं। सिर्फ उनका नाम हटा दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा गलतफहमी के शिकार हो गए हैं। ये पार्टी ना उनकी है ना मेरी है। ये पार्टी सिर्फ नीतीश कुमार की है, जो मेरे राजनीतिक गुरु हैं और पहले भी उन्होंने ही मुझे प्रवक्ता बनाया था। पिछली कमेटी में मुझे प्रदेश महासचिव आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी ने ही बनाया था।”
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उन्होंने कुशवाहा से कहा कि वह उनकी कृपा से ना राजनीति में नहीं हैं और ना किसी पद पर हैं। 2020 का विधानसभा चुनाव वे भी हारे थे और मैं भी हारा था। वे प्रदेश अध्यक्ष हैं तो नीतीश कुमार के आशीर्वाद से, ना कि अपनी काबिलियत से। निखिल मंडल ने कहा कि वह पिछले 19 साल से कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं और नीतीश कुमार के हाथों को ना सिर्फ वे बल्कि उनका पूरा परिवार मजबूत कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाए कि कुशवाहा पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। निखिल ने यह भी कहा कि वे राजनीति में मेहनत करते हैं लेकिन अपने सम्मान से समझौता नहीं करते। उनकी रगों में बीपी मंडल का खून दौड़ रहा है। उनकी जेडीयू में क्या भूमिका होगी, यह फैसला सीएम नीतीश को लेना है।
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जेडीयू की प्रवक्ता सूची से बाहर किए जाने पर भड़के निखिल मंडल को सहयोगी पार्टी बीजेपी का भी साथ मिला है। बिहार बीजेपी के प्रवक्ता रहे निखिल आनंद ने कहा कि छोटे मन से कोई बड़ा और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता है। कोई सूची जारी कर रोक दिया जाता है। कहा जाता है कि संशोधित सूची जारी होगी। फिर सिर्फ एक नाम हटाया जाता है। जाहिर है प्रदेश अध्यक्ष (उमेश कुशवाहा) उस एक व्यक्ति को टारगेट कर रहे हैं। खैर यह जेडीयू का अंदरूनी मामला है।