कई राज्यों में मम्प्स का प्रकोप: लक्षण, इलाज और इससे बचाव के बारे में जानें | Mumps Cases Rising Know the Symptoms, Treatment and Prevention | News 4 Social h3>
केरल में मम्प्स का प्रकोप Mumps outbreak in Kerala
पिछले कुछ महीनों में केरल में मम्प्स (Mumps) का वायरल संक्रमण तेजी से फैल रहा है. 10 मार्च तक, राज्य में पिछले कुछ महीनों में 11,467 मामले सामने आए हैं और मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. रोग नियंत्रण केंद्र ने मलप्पुरम जिले और केरल के अन्य उत्तरी इलाकों पर ज्यादा ध्यान देने की बात कही है.
मम्प्स के लक्षण Symptoms of mumps
मम्प्स (Mumps) के कुछ आम लक्षणों में शामिल हैं: – चेहरे के एक या दोनों तरफ सूजन
– सूजन के आसपास, चेहरे, जबड़े और कानों के पास दर्द
– कान दर्द
– शरीर में दर्द
– सिरदर्द
– हल्का बुखार
– भूख कम लगना
– कमजोरी
आमतौर पर ये लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 2 हफ्तों के अंदर दिखाई देते हैं. इसके बाद तेज बुखार और ग्रंथियों में सूजन आ जाती है.
मम्प्स कैसे फैलता है? How is mumps spread?
मम्प्स (Mumps) का वायरस ऊपरी श्वास नल में रहता है और सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति की लार या हवा में मौजूद बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.
मम्प्स से बचाव कैसे करें? How to prevent mumps?
मम्प्स (Mumps) से बचाव का सबसे अच्छा तरीका टीकाकरण है. मम्प्स (Mumps) से बचाव के लिए एमएमआर (खसरा-गुल्लर-रूबेला) या एमएमआरवी (खसरा-गुल्लर-रूबेला-वैरीसेला) वैक्सीन लगाई जाती है.
<h2<सुनने की=”” क्षमता=”” भी=”” हो=”” सकती=”” है=”” खत्म=”” hearing=”” ability=”” may=”” also=”” be=”” lost<=”” h2=””>
– संक्रामक रोग, जिसमें लार ग्रंथियां प्रभावित
– बुखार के साथ शुरू होता है। चेहरे पर कान के नीचे पैरोटिड ग्लैंड्स और जबड़े के नीचे गर्दन पर सूजन आने के साथ दर्द
– कुछ सप्ताह में ठीक होने वाली इस बीमारी में कुछ बार गंभीर जटिलताओं का जोखिम
– सुनाई क्षमता भी ख़त्म हो सकती है, इस बार बच्चे ही नहीं बड़े भी प्रभावित
<h2<मम्प्स का=”” इलाज=”” treatment=”” of=”” mumps<=”” h2=””> मम्प्स (Mumps) का कोई खास इलाज नहीं है. उपचार केवल दर्द और अन्य लक्षणों को कम करने में मदद करता है. जल्दी ठीक होने के लिए पर्याप्त आराम करना बहुत जरूरी है. साथ ही डॉक्टर की सलाह लें, खूब सारे तरल पदार्थ पिएं, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो. नरम चीजें खाएं, सूजन को कम करने के लिए आइस पैक का इस्तेमाल करें और ऐसे खाने-पीने से बचें जो लार ग्रंथियों में ज्यादा दर्द पैदा कर सकते हैं.
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है. यह किसी भी तरह से किसी योग्य चिकित्सक की राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से सलाह लें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है.**
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केरल में मम्प्स का प्रकोप Mumps outbreak in Kerala
पिछले कुछ महीनों में केरल में मम्प्स (Mumps) का वायरल संक्रमण तेजी से फैल रहा है. 10 मार्च तक, राज्य में पिछले कुछ महीनों में 11,467 मामले सामने आए हैं और मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. रोग नियंत्रण केंद्र ने मलप्पुरम जिले और केरल के अन्य उत्तरी इलाकों पर ज्यादा ध्यान देने की बात कही है.
मम्प्स के लक्षण Symptoms of mumps
मम्प्स (Mumps) के कुछ आम लक्षणों में शामिल हैं: – चेहरे के एक या दोनों तरफ सूजन
– सूजन के आसपास, चेहरे, जबड़े और कानों के पास दर्द
– कान दर्द
– शरीर में दर्द
– सिरदर्द
– हल्का बुखार
– भूख कम लगना
– कमजोरी
आमतौर पर ये लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 2 हफ्तों के अंदर दिखाई देते हैं. इसके बाद तेज बुखार और ग्रंथियों में सूजन आ जाती है.
मम्प्स कैसे फैलता है? How is mumps spread?
मम्प्स (Mumps) का वायरस ऊपरी श्वास नल में रहता है और सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति की लार या हवा में मौजूद बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.
मम्प्स से बचाव कैसे करें? How to prevent mumps?
मम्प्स (Mumps) से बचाव का सबसे अच्छा तरीका टीकाकरण है. मम्प्स (Mumps) से बचाव के लिए एमएमआर (खसरा-गुल्लर-रूबेला) या एमएमआरवी (खसरा-गुल्लर-रूबेला-वैरीसेला) वैक्सीन लगाई जाती है.
<h2<सुनने की=”” क्षमता=”” भी=”” हो=”” सकती=”” है=”” खत्म=”” hearing=”” ability=”” may=”” also=”” be=”” lost<=”” h2=””>
– संक्रामक रोग, जिसमें लार ग्रंथियां प्रभावित
– बुखार के साथ शुरू होता है। चेहरे पर कान के नीचे पैरोटिड ग्लैंड्स और जबड़े के नीचे गर्दन पर सूजन आने के साथ दर्द
– कुछ सप्ताह में ठीक होने वाली इस बीमारी में कुछ बार गंभीर जटिलताओं का जोखिम
– सुनाई क्षमता भी ख़त्म हो सकती है, इस बार बच्चे ही नहीं बड़े भी प्रभावित
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है. यह किसी भी तरह से किसी योग्य चिकित्सक की राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से सलाह लें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है.**