BPSC TRE 3: परीक्षा से पहले ही लीक हो गया था पेपर, 10-10 लाख में डील, ईओयू जांच में खुलासा

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BPSC TRE 3: परीक्षा से पहले ही लीक हो गया था पेपर, 10-10 लाख में डील, ईओयू जांच में खुलासा

BPSC TRE 3: परीक्षा से पहले ही लीक हो गया था पेपर, 10-10 लाख में डील, ईओयू जांच में खुलासा

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BPSC TRE 3 Paper Leak: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से 15 मार्च को आयोजित की गई शिक्षक बहाली की तीसरे चरण (टीआरई-3) की परीक्षा का प्रश्न-पत्र पहले ही आउट हो चुका था। ईओयू ने अबतक की जांच के आधार पर यह पेपर लीक का खुलासा किया है। इओयू द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक परीक्षा की तारीख 15 मार्च की सुबह करीब 5 बजे हजारीबाग के कुर्रा, पदमा और बरही स्थित कोहिनूर होटल एवं मैरिज हॉल में झारखंड पुलिस की मदद से सघन छापेमारी की गई। इस दौरान पाया गया कि होटलों के कई कमरों के अलावा मैरिज हॉल में 270 से अधिक अभ्यर्थियों को बैठाकर प्रश्न-पत्र का उत्तर रटवाया जा रहा था। मौके से जब्त किए गए प्रश्न-पत्र का मिलान बीपीएससी कार्यालय से प्राप्त प्रश्न-पत्रों से कराया गया, जो हूबहू एक जैसे पाए गए। यानी परीक्षा में वितरित होने से पहले ही प्रश्न-पत्र सेटरों के पास पहुंच चुके थे। 

इन सभी स्थानों पर छापेमारी के दौरान परीक्षा केंद्रों से जुड़े विभिन्न पालियों के प्रवेश-पत्र, अभ्यर्थियों के मूल प्रमाण-पत्र, सादा चेक, 50 हजार की कीमत वाला करीब 50 मोबाइल फोन, लैपटॉप, प्रिंटर, पेन ड्राइव समेत अन्य कई उपकरण और दस्तावेज बरामद हुए हैं। इस पूरे प्रकरण की जांच ईओयू की विशेष टीम कर रही है, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रश्न-पत्र कैसे और कहां से ऑउट हुआ था या इसका सटीक स्रोत क्या है। इसमें किस स्तर के लोगों की मिलीभगत है। पूरे मामले की जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। 

इस मामले में शनिवार को भी पटना में करीब आधा दर्जन स्थानों पर छापेमारी की गई। इनमें भी कई सुराग मिले हैं। ईओयू ने इस मामले में फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी, बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम, आईटी एक्ट समेत अन्य कई संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। फिलहाल पूरे मामले में आगे की जांच जारी है।

करबिगहिया से गिरफ्तारी के बाद मिला सुराग

इस छापेमारी से पहले 14 मार्च की देर रात को पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर करबिगहिया इलाके में मौजूद एक मकान में छापेमारी की थी। इस दौरान प्रश्न-पत्र लीक से जुड़े कुछ अहम सुराग मिले थे। बड़ी संख्या में संवेदनशील दस्तावेज भी बरामद किए गए। ईओयू की टीम ने गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ की और दस्तावेजों की छानबीन की। इस दौरान हजारीबाग में तीन-चार स्थानों पर अभ्यर्थियों को रखकर उत्तर रटवाने की बात सामने आई। प्रश्न-पत्र लीक गिरोह के मुख्य सरगनाओं में एक वैशाली निवासी विशाल चौरसिया है। वह सरकारी नौकरी से निलंबित होने के बाद सेटिंग के धंधे में लग गया है। पहले भी वह जेल जा चुका है। 

फिलहाल ईओयू की टीम उससे कई स्तर पर पूछताछ कर रही है।

परीक्षा केंद्र की तरह बैठाकर अभ्यर्थियों को रटवाए जा रहे थे उत्तर

हजारीबाग में पास होटल समेत जिस मैरेज गार्डेन में 300 से अधिक अभ्यर्थियों को उत्तर रटवाये जा रहे थे। बकायदा कुछ लोग इनकी मॉनीटरिंग करने में भी जुटे हुए थे। यहां मौजूद अभ्यर्थियों से भी पूछताछ में कई सेटरों के बारे में जानकारी मिली है। फिलहाल इनमें कइयों की तलाश जारी है और पटना के साथ ही झारखंड के कुछ शहरों में भी छापेमारी की गई है।

10-10 लाख रुपये में हुई थी डील

जांच में यह बात सामने आई कि प्रति अभ्यर्थी प्रश्न-पत्र और उत्तर मुहैया कराने के लिए 10-10 लाख रुपये में डील की गई थी। इसमें आधी राशि पहले और आधी राशि उत्तर रटने के बाद सेटरों के इन केंद्रों से जाने से पहले देने थे। कइयों से पैसे एडवांस में चेक से भी लिए गए थे। बाद में भी कइयों से राशि चेक से ली जा रही थी। ईओयू उन बैंक खातों की भी जांच करने में जुट गया है, जिनमें राशि ली गई है या लेने की तैयारी थी। इन सभी खातों को फ्रीज करके पूरे लेनदेन की जांच की जा रही है।

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