Sainik Schools : सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए कब निकलेगा फॉर्म, जानें कैसे मिलता है दाखिला | Sainik school admission form online form last date how to get admission enterance exam | News 4 Social h3>
जानें क्यों बन रहे पेरेंट्स की पसंद
सैनिक स्कूलों में एडमिशन के लिए अब पेरेंट्स अवेयर हो रहे हैं। पेरेंट्स को लगता है कि उनका बच्चा यहां पढ़ेगा तो उसका भविष्य संवर जाएगा। वहीं हर पेरेंट्स की फाइनेंशियल कंडिशन इतनी बेहतर नहीं होती कि वे आजकल प्राइवेट स्कूलों में लगने वाली लाखों करोड़ों रुपए की फीस भर सकें। ऐसे में सैनिक स्कूल बेस्ट ऑप्शन साबित हो रहे हैं। वहीं पेरेंट्स की उम्मीद भी बढ़ी है कि यहां से पढ़कर निकले तो कॅरियर की ऊंची उड़ान भरेंगे।
एंट्रेंस एग्जाम से मिलता है एडमिशन
बता दें कि भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से स्थापित किए गए सैनिक स्कूलों में आम स्टूडेंट भी एडमिशन ले सकता है। इसके लिए एक पूरा प्रोसेस फॉलो करना होता है। यहां ज्यादातर सीटें आर्मी बैकग्राउंड के बच्चों के लिए रिजर्व होती हैं और बाकी सीटों के लिए सिविलियन स्टूडेंट्स को एंट्रेंस एग्जाम (Enterance Exam) देना पड़ता है।
दो बार मिलता है मौका
सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए दो बार मौका मिलता है। एक बार 6वीं कक्षा में और दूसरा 9वीं कक्षा में। बता दें कि मध्य प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश भर के सैनिक स्कूल में एंट्रेस एग्जाम के जरिए एडमिशन दिया जाता है।
हर साल होता है AISSEE एंट्रेंस एग्जाम (AISSEE Enterance Exam)
सैनिक स्कूल (Sainik School) में एडमिशन के लिए हर साल एआइएसएसईई एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाता है। इसके लिए पेंरेंट्स को पहले एडमिशन फॉर्म भरना होता है। तभी एंट्रेस एग्जाम का मौका मिलता है। एंट्रेस एग्जाम में पास होने के बाद ही सैनिक स्कूल में एडमिशन मिलता है।
आयु सीमा
बता दें कि कक्षा 6वीं में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 10 से 12 साल के बीच होनी चाहिए। जबकि कक्षा 9वीं में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 13 से 15 साल के बीच होनी चाहिए। कब निकलता है एडमिशन फॉर्म सैनिक स्कूल में एडमिशन फॉर्म हर साल नवंबर से दिसंबर में निकाले जाते हैं। ये फॉर्म ऑनलाइन भरने होते हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा सैनिक स्कूल एंट्रेंस टेस्ट हर साल जनवरी में आयोजित किया जाता है।
इंग्लिश मीडियम होते हैं सैनिक स्कूल
बता दें कि सैनिक स्कूल सीबीएसई बोर्ड से एफिलिएटेड इंग्लिश मीडियम बोर्डिंग स्कूल होते हैं। इन स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई के साथ ही एनडीए, एनए परीक्षाओं और अन्य सशस्त्र बलों में करियर के लिए तैयार किया जाता है।
जरूरी जानकारी
– 10 दिसंबर 2023 तक भारत में कुल 51 सैनिक स्कूल थे।
– इनमें से 33 स्कूल पिछले पैटर्न के तहत कार्यरत हैं, जबकि 42 स्कूल साझेदारी मोड के तहत कार्यरत हैं।
– साझेदारी मोड में स्थापित सैनिक स्कूलों में से 23 स्कूलों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 16 सितंबर 2023 को मंजूरी दी थी।
– ये स्कूल मध्य प्रदेश, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, बिहार, हरियाणा, तमिलनाडु, हवेली और केरल में स्थित हैं।
– सैनिक स्कूलों का उद्देश्य देश के युवाओं को भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार करना है। – इन स्कूलों में छात्रों को सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ सामान्य शिक्षा भी दी जाती है।
इस बार नए एकेडेमिक सेशन 2024-25 के लिए एडमिशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आज रिजल्ट घोषित हो चुका है। जो बच्चे पास हुए होंगे उन्हें एडमिशन मिल जाएगा। अब नए एडमिशन की प्रक्रिया अगले साल 2025-26 में नवंबर-दिसंबर में शुरू होगी।
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जानें क्यों बन रहे पेरेंट्स की पसंद
सैनिक स्कूलों में एडमिशन के लिए अब पेरेंट्स अवेयर हो रहे हैं। पेरेंट्स को लगता है कि उनका बच्चा यहां पढ़ेगा तो उसका भविष्य संवर जाएगा। वहीं हर पेरेंट्स की फाइनेंशियल कंडिशन इतनी बेहतर नहीं होती कि वे आजकल प्राइवेट स्कूलों में लगने वाली लाखों करोड़ों रुपए की फीस भर सकें। ऐसे में सैनिक स्कूल बेस्ट ऑप्शन साबित हो रहे हैं। वहीं पेरेंट्स की उम्मीद भी बढ़ी है कि यहां से पढ़कर निकले तो कॅरियर की ऊंची उड़ान भरेंगे।
एंट्रेंस एग्जाम से मिलता है एडमिशन
बता दें कि भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से स्थापित किए गए सैनिक स्कूलों में आम स्टूडेंट भी एडमिशन ले सकता है। इसके लिए एक पूरा प्रोसेस फॉलो करना होता है। यहां ज्यादातर सीटें आर्मी बैकग्राउंड के बच्चों के लिए रिजर्व होती हैं और बाकी सीटों के लिए सिविलियन स्टूडेंट्स को एंट्रेंस एग्जाम (Enterance Exam) देना पड़ता है।
दो बार मिलता है मौका
सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए दो बार मौका मिलता है। एक बार 6वीं कक्षा में और दूसरा 9वीं कक्षा में। बता दें कि मध्य प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश भर के सैनिक स्कूल में एंट्रेस एग्जाम के जरिए एडमिशन दिया जाता है।
हर साल होता है AISSEE एंट्रेंस एग्जाम (AISSEE Enterance Exam)
सैनिक स्कूल (Sainik School) में एडमिशन के लिए हर साल एआइएसएसईई एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाता है। इसके लिए पेंरेंट्स को पहले एडमिशन फॉर्म भरना होता है। तभी एंट्रेस एग्जाम का मौका मिलता है। एंट्रेस एग्जाम में पास होने के बाद ही सैनिक स्कूल में एडमिशन मिलता है।
आयु सीमा
बता दें कि कक्षा 6वीं में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 10 से 12 साल के बीच होनी चाहिए। जबकि कक्षा 9वीं में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 13 से 15 साल के बीच होनी चाहिए। कब निकलता है एडमिशन फॉर्म सैनिक स्कूल में एडमिशन फॉर्म हर साल नवंबर से दिसंबर में निकाले जाते हैं। ये फॉर्म ऑनलाइन भरने होते हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा सैनिक स्कूल एंट्रेंस टेस्ट हर साल जनवरी में आयोजित किया जाता है।
इंग्लिश मीडियम होते हैं सैनिक स्कूल
बता दें कि सैनिक स्कूल सीबीएसई बोर्ड से एफिलिएटेड इंग्लिश मीडियम बोर्डिंग स्कूल होते हैं। इन स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई के साथ ही एनडीए, एनए परीक्षाओं और अन्य सशस्त्र बलों में करियर के लिए तैयार किया जाता है।
जरूरी जानकारी
– 10 दिसंबर 2023 तक भारत में कुल 51 सैनिक स्कूल थे।
– इनमें से 33 स्कूल पिछले पैटर्न के तहत कार्यरत हैं, जबकि 42 स्कूल साझेदारी मोड के तहत कार्यरत हैं।
– साझेदारी मोड में स्थापित सैनिक स्कूलों में से 23 स्कूलों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 16 सितंबर 2023 को मंजूरी दी थी।
– ये स्कूल मध्य प्रदेश, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, बिहार, हरियाणा, तमिलनाडु, हवेली और केरल में स्थित हैं।
– सैनिक स्कूलों का उद्देश्य देश के युवाओं को भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार करना है। – इन स्कूलों में छात्रों को सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ सामान्य शिक्षा भी दी जाती है।
इस बार नए एकेडेमिक सेशन 2024-25 के लिए एडमिशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आज रिजल्ट घोषित हो चुका है। जो बच्चे पास हुए होंगे उन्हें एडमिशन मिल जाएगा। अब नए एडमिशन की प्रक्रिया अगले साल 2025-26 में नवंबर-दिसंबर में शुरू होगी।