आइडीए ने लगाए 55 करोड़, पीपीपी मॉडल पर फिर होंगे 40 करोड़ खर्च, निगम कमाएगा बस 1 करोड़ | Corporation will hand over the regional park to private hands | News 4 Social

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आइडीए ने लगाए 55 करोड़, पीपीपी मॉडल पर फिर होंगे 40 करोड़ खर्च, निगम कमाएगा बस 1 करोड़ | Corporation will hand over the regional park to private hands | News 4 Social

आइडीए ने लगाए 55 करोड़, पीपीपी मॉडल पर फिर होंगे 40 करोड़ खर्च, निगम कमाएगा बस 1 करोड़ | Corporation will hand over the regional park to private hands | News 4 Social

इंदौरPublished: Mar 06, 2024 12:05:18 am

42 एकड़ में फैले रीजनल पार्क को संचालित करने चेन्नई की कंपनी सहित तीन एजेंसियों ने दिए टेंडर

आइडीए ने लगाए 55 करोड़, पीपीपी मॉडल पर फिर 40 करोड़ खर्च, निगम कमाएगा बस 1 करोड़

आइडीए ने लगाए 55 करोड़, पीपीपी मॉडल पर फिर 40 करोड़ खर्च, निगम कमाएगा बस 1 करोड़

प्रमोद मिश्रा
तालाब व बगीचे सहित करीब 80 एकड़ में फैले पीपल्यापाला पार्क को 14-15 साल पहले आइडीए ने गैर योजना मद से लगभग 55 करोड़ खर्च कर रीजनल पार्क का रूप दिया। तालाब के साथ एम्युजमेंट पार्क बनाया। 14 साल में ही यह बर्बाद होने की स्थिति में आ गया, इसलिए नगर निगम अब इसे निजी हाथों में देकर नए सिरे से विकसित करने की योजना बना रहा है। निजी एजेंसी से करीब 40 करोड़ खर्च कराने का टारगेट है। इससे निगम को साल में महज एक करोड़ की आय होगी।
वर्ष 2021 से रीजनल पार्क को निजी हाथों में सौंपने की योजना पर निगम काम कर रहा है। राजीव गांधी चौराहे के पास पीपल्यापाला तालाब सालों से शहर के लोगों के लिए पिकनिक स्थल रहा है। 14 साल पहले आइडीए ने तालाब व पार्क को विकसित करने के बाद निगम को सौंप दिया था। तालाब के संरक्षण के साथ ही हरियाली से भरपूर बगीचा, एम्युजमेंट पार्क, खेल गतिविधियों के हिसाब से इसे विकसित किया था। रीजनल पार्क इस इलाके के लोगों के लिए मनोरंजन का केंद्र बन गया। निगम ने संचालन किया, लेकिन धीरे-धीरे सुविधाएं खत्म होती गईं। तालाब में क्रूज चलाने का भी ठेका दिया गया, लेकिन वह भी बंद हो गया।
खर्च ज्यादा-कमाई कम, इसलिए बनाई योजना
निगम अफसरों का तर्क है कि रीजनल पार्क के संचालन में खर्च ज्यादा हो रहा है और आय कम हो रही है, इसलिए इसे निजी हाथों में देंगे। करीब 50 कर्मचारी तैनात करने पड़ते हैं। निगम ने 25 रुपए प्रवेश शुल्क रखा है। रविवार को पत्रिका टीम रीजनल पार्क पहुंची तो टिकट लेकर अंदर जाने वालों की संख्या काफी थी।
27 साल के लिए निजी हाथों में सौंपेंगे
निगम कई बार रीजनल पार्क को निजी हाथों में सौंपने के लिए टेंडर जारी कर चुका है, लेकिन ठेका नहीं हुआ। अभिभाषक व सामाजिक कार्यकर्ता इसका विरोध कर चुके हैं। उनका कहना है कि निजी एजेंसी सरकारी जमीन पर लोगों के घूमने का मनमाना शुल्क लेगी। माॅर्निंग वाॅक करने वाले परेशान हो जाएंगे। विरोध के बाद भी निगम ने फिर टेंडर निकाला है, जिसमें चेन्नई की कंपनी सहित तीन एजेंसियों के टेंडर आए हैं। करीब 40 करोड़ खर्च कर रीजनल पार्क का विकास करने का दावा है, लेकिन इसके बदले निगम को साल में करीब 1.15 करोड़ की आय ही संभावित है। निगमायुक्त हर्षिका सिंह के मुताबिक, रीजनल पार्क को पीपीपी मॉडल पर संचालित करने के लिए आए टेंडर की फाइल अभी निविदा समिति ने नहीं दी है। समिति जांच कर फाइल देगी, उसके आधार पर फैसला होगा।

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