फिर होगी परीक्षा! जानिए किस गड़बड़ी के कारण तेज हो रही पटवारी भर्ती रद्द करने की मांग | Patwari Selection Exam Counseling on 24th February | News 4 Social h3>
जहां एक ओर आज से पटवारियों की नियुक्तियों के काउंसलिंग शुरु हो रही है वहीं दूसरी ओर हजारों युवा इसका विरोध कर रहे हैं। पटवारी भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाया जा रहा है। प्रदेशभर में प्रदर्शनकारी पटवारी नियुक्ति प्रक्रिया रोकने की मांग करते हुए पटवारी भर्ती प्रक्रिया की जांच कराने के लिए एसआइटी बनाने की मांग कर रहे हैं।
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आज से शुरु हो रही Patwari Selection Exam-2022 काउंसलिंग में चयनित अभ्यर्थियों को शासन के निर्देशानुसार पहचान पत्र- आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पेन कार्ड, सक्षम प्राधिकारी व्दारा जारी पहचान पत्र मूल निवासी प्रमाण पत्र, आयु संबंधी प्रमाण पत्र कक्षा 10वी की मार्कशीट अथवा जन्म प्रमाण पत्र मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से जारी स्नातक डिग्री लाना अनिवार्य है।
जाति प्रमाण पत्र, नि:शक्तजनों के लिए निशक्तता का प्रमाण पत्र, भूतपूर्व सैनिकों के लिए तत्संबंधी प्रमाण पत्र: यदि बोनस अंक प्राप्त हो तो संबंधित प्रमाण पत्र, सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण स्कोर कार्ड (यदि हो), संविदा कर्मी वर्ग में चयनित अभ्यर्थियों को परिशिष्ट क एवं ख में जानकारी तथा आयु सीमा में कोई लाभ लिया है तो संबंधित प्रमाण पत्रों की मूल प्रति के साथ 2 स्वप्रमाणित सत्यापित छायाप्रतियों लेकर उपस्थित होना अनिवार्य है।
पटवारी चयन परीक्षा-2022 से चयनित वरीयता सूची के सभी अभ्यर्थियों को यह भी सूचित किया गया है कि उन्हें अपने उक्त सभी दस्तावेज स्केन करके पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके साथ ही अनुपस्थित होने वाले अभ्यर्थियों के संबंध में विचार नहीं किया जाएगा।
इधर प्रदेशभर के युवा इस भर्ती के विरोध में फिर लामबंद हो रहे। चार दिन पूर्व इंदौर सहित अनेक जगहों पर भर्ती के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेताया भी था कि दो दिन में मांगे पूरी नहीं होने पर भोपाल में राज्य स्तरीय अनिश्चित कालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा। अब राज्यस्तरीय प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है।
इस कारण दोबारा परीक्षा की मांग
दरअसल पटवारी परीक्षा में कुछ सेंटर से गड़बड़ी के सबूत सामने आने पर राज्य सरकार ने रिटायर्ड जज से जांच कराई थी। युवाओं का कहना है इसी विवादित परीक्षा में चुने गए उम्मीदवारों को सरकार पटवारी पद पर नियुक्त कर रही है जोकि सरासर गलत है। नए सिरे से जांच करने की मांग की जा रही है। इसके लिए एसआइटी बनाने और इसमें तकनीकी विशेषज्ञ भी रखे जाने की भी सरकार से मांग की है।
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जहां एक ओर आज से पटवारियों की नियुक्तियों के काउंसलिंग शुरु हो रही है वहीं दूसरी ओर हजारों युवा इसका विरोध कर रहे हैं। पटवारी भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाया जा रहा है। प्रदेशभर में प्रदर्शनकारी पटवारी नियुक्ति प्रक्रिया रोकने की मांग करते हुए पटवारी भर्ती प्रक्रिया की जांच कराने के लिए एसआइटी बनाने की मांग कर रहे हैं।
आज से शुरु हो रही Patwari Selection Exam-2022 काउंसलिंग में चयनित अभ्यर्थियों को शासन के निर्देशानुसार पहचान पत्र- आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पेन कार्ड, सक्षम प्राधिकारी व्दारा जारी पहचान पत्र मूल निवासी प्रमाण पत्र, आयु संबंधी प्रमाण पत्र कक्षा 10वी की मार्कशीट अथवा जन्म प्रमाण पत्र मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से जारी स्नातक डिग्री लाना अनिवार्य है।
जाति प्रमाण पत्र, नि:शक्तजनों के लिए निशक्तता का प्रमाण पत्र, भूतपूर्व सैनिकों के लिए तत्संबंधी प्रमाण पत्र: यदि बोनस अंक प्राप्त हो तो संबंधित प्रमाण पत्र, सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण स्कोर कार्ड (यदि हो), संविदा कर्मी वर्ग में चयनित अभ्यर्थियों को परिशिष्ट क एवं ख में जानकारी तथा आयु सीमा में कोई लाभ लिया है तो संबंधित प्रमाण पत्रों की मूल प्रति के साथ 2 स्वप्रमाणित सत्यापित छायाप्रतियों लेकर उपस्थित होना अनिवार्य है।
पटवारी चयन परीक्षा-2022 से चयनित वरीयता सूची के सभी अभ्यर्थियों को यह भी सूचित किया गया है कि उन्हें अपने उक्त सभी दस्तावेज स्केन करके पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके साथ ही अनुपस्थित होने वाले अभ्यर्थियों के संबंध में विचार नहीं किया जाएगा।
इधर प्रदेशभर के युवा इस भर्ती के विरोध में फिर लामबंद हो रहे। चार दिन पूर्व इंदौर सहित अनेक जगहों पर भर्ती के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेताया भी था कि दो दिन में मांगे पूरी नहीं होने पर भोपाल में राज्य स्तरीय अनिश्चित कालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा। अब राज्यस्तरीय प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है।
इस कारण दोबारा परीक्षा की मांग
दरअसल पटवारी परीक्षा में कुछ सेंटर से गड़बड़ी के सबूत सामने आने पर राज्य सरकार ने रिटायर्ड जज से जांच कराई थी। युवाओं का कहना है इसी विवादित परीक्षा में चुने गए उम्मीदवारों को सरकार पटवारी पद पर नियुक्त कर रही है जोकि सरासर गलत है। नए सिरे से जांच करने की मांग की जा रही है। इसके लिए एसआइटी बनाने और इसमें तकनीकी विशेषज्ञ भी रखे जाने की भी सरकार से मांग की है।