यूपी को मोदी सरकार का तोहफा, शिक्षा सुधार के लिए दिया 740 करोड़ का फंड | Modi government gift to UP Rs 740 crore fund given for education improvement | News 4 Social h3>
छह विश्वविद्यालयों को 100 करोड़ रुपये मिलेंगे
कार्यक्रम के तहत यूपी के छह विश्वविद्यालयों को 100 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिनमें लखनऊ विश्वविद्यालय, अयोध्या में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, बरेली में महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलहंद विश्वविद्यालय, गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, झांसी में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय शामिल हैं।
देशभर के 52 विश्वविद्यालयों में से 8 यूपी के
इसी प्रकार, विश्वविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण पहल के तहत देशभर में चिह्नित 52 विश्वविद्यालयों में से उत्तर प्रदेश के आठ विश्वविद्यालयों को अनुदान आवंटित किया गया। डॉ. भीम राव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर, मां शाकुंभरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी, प्रत्येक को 20 करोड़ रुपये का अनुदान मिला।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 19 करोड़ से होगा काम
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर को 19.9 करोड़ रुपये मिले, जबकि प्रयागराज में प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू ब्रदर) विश्वविद्यालय को भी 19.9 करोड़ रुपये मिले। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया और सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु को क्रमशः 13.38 करोड़ रुपये और 6.53 करोड़ रुपये मिले हैं।
बलिया की ताजा खबरें पढ़ें– Ballia News in Hindi लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया कि पीएम-यूएसएचए पहल के माध्यम से संभव हुआ यह वित्तीय प्रोत्साहन, विश्वविद्यालय को अपने शैक्षणिक बुनियादी ढांचे, अनुसंधान क्षमताओं और समग्र शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने में मदद करेगा।
प्रयोगशालाओं को बनाया जाएगा हाईटेक
एलयू के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने कहा, “इस धनराशि का उपयोग प्रयोगशालाओं को उन्नत करने, कक्षाओं को आधुनिक बनाने, नवाचार केंद्रों को बढ़ावा देने और अंतःविषय अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।”
छात्र-छात्राओं को मिलेगा ये लाभ
उन्होंने कहा, ”यह फंडिंग लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) को उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे न केवल हमारे वर्तमान छात्रों और संकाय को लाभ होगा, बल्कि देश के ज्ञान परिदृश्य में भी योगदान मिलेगा।” दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को भी पीएम-उषा योजना के तहत 100 करोड़ रुपये के योग्यता-आधारित अनुदान के लिए चुना गया है।
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विकास के लिए होगा फंडिंग का उपयोग
डीडीयू की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप विश्वविद्यालय को एक बहु-अनुशासनात्मक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) के रूप में विकसित करने के लिए फंडिंग का उपयोग किया जाएगा।”
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छह विश्वविद्यालयों को 100 करोड़ रुपये मिलेंगे
कार्यक्रम के तहत यूपी के छह विश्वविद्यालयों को 100 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिनमें लखनऊ विश्वविद्यालय, अयोध्या में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, बरेली में महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलहंद विश्वविद्यालय, गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, झांसी में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय शामिल हैं।
देशभर के 52 विश्वविद्यालयों में से 8 यूपी के
इसी प्रकार, विश्वविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण पहल के तहत देशभर में चिह्नित 52 विश्वविद्यालयों में से उत्तर प्रदेश के आठ विश्वविद्यालयों को अनुदान आवंटित किया गया। डॉ. भीम राव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर, मां शाकुंभरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी, प्रत्येक को 20 करोड़ रुपये का अनुदान मिला।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 19 करोड़ से होगा काम
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर को 19.9 करोड़ रुपये मिले, जबकि प्रयागराज में प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू ब्रदर) विश्वविद्यालय को भी 19.9 करोड़ रुपये मिले। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया और सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु को क्रमशः 13.38 करोड़ रुपये और 6.53 करोड़ रुपये मिले हैं।
प्रयोगशालाओं को बनाया जाएगा हाईटेक
एलयू के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने कहा, “इस धनराशि का उपयोग प्रयोगशालाओं को उन्नत करने, कक्षाओं को आधुनिक बनाने, नवाचार केंद्रों को बढ़ावा देने और अंतःविषय अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।”
छात्र-छात्राओं को मिलेगा ये लाभ
उन्होंने कहा, ”यह फंडिंग लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) को उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे न केवल हमारे वर्तमान छात्रों और संकाय को लाभ होगा, बल्कि देश के ज्ञान परिदृश्य में भी योगदान मिलेगा।” दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को भी पीएम-उषा योजना के तहत 100 करोड़ रुपये के योग्यता-आधारित अनुदान के लिए चुना गया है।
विकास के लिए होगा फंडिंग का उपयोग
डीडीयू की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप विश्वविद्यालय को एक बहु-अनुशासनात्मक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) के रूप में विकसित करने के लिए फंडिंग का उपयोग किया जाएगा।”