project crocodile: सीधी में घड़ियालों का रहवास उजाड़ने सरकार को प्रस्ताव | Project Crocodile: Preparations to destroy Son Gharial Sanctuary | News 4 Social h3>
सतनाPublished: Feb 14, 2024 02:13:40 pm
विलुप्त प्राय घड़ियालों को बचाने के लिए भारत सरकार ने 1975 में प्रोजेक्ट क्रोकोडाइल की शुरुआत की थी। इसकी शुरुआत उड़ीसा से हुई थी। इसी प्रोजेक्ट के तहत 1985 में मध्यप्रदेश सरकार ने सीधी जिले में सोन घड़ियाल अभयारण्य की स्थापना की थी। लेकिन रेत माफिया के लिए इस अभयारण्य को दफन करने का खेल शुरू कर दिया गया है। प्रशासन ने इसके डिनोटिफिकेशन का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा है और संभागायुक्त लगातार इसका फॉलोअप कर रहे हैं।
पुष्पेन्द्र पाण्डेय
सतना। सीधी जिले में घड़ियालों के रहवास को उजाड़ने की तैयारी चल रही है। सोन घड़ियाल अभयारण्य के कुछ क्षेत्र को डिनोटिफाई करने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है। दावा है कि यह कदम उस क्षेत्र में उठाया जा रहा, जहां वर्तमान में घडि़याल या अन्यजलीय जीव नहीं हैं। यह बात और है कि इन क्षेत्रों में घड़ियालों को बसाने के लिए वैसे प्रयास नहीं हुए जैसे होने चाहिए। सोमवार को संभागीय बैठक में कमिश्नर रीवा संभाग गोपालचंद्र डाड से डिनोटिफाई के संबंध में प्रस्ताव भेजने की पुष्टि अधिकारियों ने की। यह अभयारण्य घड़ियालों, मगरमच्छों, कछुओं, पक्षियों सहित कई लुप्तप्राय और संकटग्रस्त वन्यजीवों का घर है। इस कदम से घडि़यालों पर संकट तो आएगा ही जलीय जीवों पर खतरा और जैवविविधता को भी नुकसान होगा।
सतनाPublished: Feb 14, 2024 02:13:40 pm
विलुप्त प्राय घड़ियालों को बचाने के लिए भारत सरकार ने 1975 में प्रोजेक्ट क्रोकोडाइल की शुरुआत की थी। इसकी शुरुआत उड़ीसा से हुई थी। इसी प्रोजेक्ट के तहत 1985 में मध्यप्रदेश सरकार ने सीधी जिले में सोन घड़ियाल अभयारण्य की स्थापना की थी। लेकिन रेत माफिया के लिए इस अभयारण्य को दफन करने का खेल शुरू कर दिया गया है। प्रशासन ने इसके डिनोटिफिकेशन का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा है और संभागायुक्त लगातार इसका फॉलोअप कर रहे हैं।
पुष्पेन्द्र पाण्डेय
सतना। सीधी जिले में घड़ियालों के रहवास को उजाड़ने की तैयारी चल रही है। सोन घड़ियाल अभयारण्य के कुछ क्षेत्र को डिनोटिफाई करने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है। दावा है कि यह कदम उस क्षेत्र में उठाया जा रहा, जहां वर्तमान में घडि़याल या अन्यजलीय जीव नहीं हैं। यह बात और है कि इन क्षेत्रों में घड़ियालों को बसाने के लिए वैसे प्रयास नहीं हुए जैसे होने चाहिए। सोमवार को संभागीय बैठक में कमिश्नर रीवा संभाग गोपालचंद्र डाड से डिनोटिफाई के संबंध में प्रस्ताव भेजने की पुष्टि अधिकारियों ने की। यह अभयारण्य घड़ियालों, मगरमच्छों, कछुओं, पक्षियों सहित कई लुप्तप्राय और संकटग्रस्त वन्यजीवों का घर है। इस कदम से घडि़यालों पर संकट तो आएगा ही जलीय जीवों पर खतरा और जैवविविधता को भी नुकसान होगा।