लखनऊ में लगेगा जल नीतिकारों का सबसे बड़ा कुंभ | biggest Kumbh of water policymakers will be held in Lucknow through Jal Shakti Department | News 4 Social h3>
लखनऊ में देश के जल नीति कारों की सबसे बड़ी जुटान होने को है। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की सचिव विनी महाजन की अगुआई में सभी प्रदेशों के जलशक्ति विभाग के प्रमुख सचिव और डायरेक्टर्स यहां मौजूद होंगे। वे अपने-अपने प्रदेशों में किए जा रहे कामों के बारे में चर्चा करेंगे। इस चर्चा के दौरान जीवन स्रोत जल के संरक्षण के लिए नीति तैयार की जाएगी। ताकि आने वाली पीढ़ियों को साफ जल मिले और जल का भंडार अक्षय रहे।
यह भी पढ़े : पश्चिम और पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में 48 घंटों में मेघ गर्जन और आकाशीय बिजली के साथ बौछारें और गिरेंगे ओले, IMD का अलर्ट
यूपी सरकार इसी कॉन्फ्रेंस में घरों तक नल से जल पहुंचाने की प्रक्रिया और उसके प्रबंधन के बारे में अपना पेपर प्रस्तुत करेगी। योगी सरकार बनने के बाद जल जीवन मिशन में देशभर के प्रदेशों का अगुआ बनकर उत्तर प्रदेश उभरा है। यही वजह है कि योगी सरकार की अगुआई में इस बार देश के सबसे बड़े जल सम्मेलन की मेजबानी का अवसर उत्तर प्रदेश को दिया गया है।
यह भी पढ़े : आवास विकास के फ्लैटों पर 42% छूट, शुरू हुआ पंजीकरण, जल्द करें अप्लाई
16 और 17 फरवरी को अलग-अलग विषयों पर जल शक्ति विभाग की नीतियों के वाहक अपने विचार रखेंगे। वे बताएंगे कि जल जीवन मिशन के तहत उन्होंने अपने-अपने प्रदेश में क्या किया है। इसके अलावा परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के दौरान जो चुनौतियां सामने आईं, उन पर भी बात होगी। बातचीत का यह सिलसिला अगले रोज यानी, 17 फरवरी को भी जारी रहेगा। सेशन दर सेशन होने वाली इस चर्चा के बाद जल संरक्षण, जल वितरण और इससे जुड़ी नीतियों पर आम राय बन सकती है, जिसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
यह भी पढ़े : यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का एडमिट कार्ड डाउनलोड शुरू, देखे तारीख
यूपी में होने जा रही इस जुटान की एक और खास बात यह है कि इस बार इसके साथ स्वच्छ भारत मिशन की भी चर्चा होगी। विशेषज्ञ स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन को एक साथ रखकर इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। चर्चा के लिए सात थीम की गई है तय जल शक्ति विभाग द्वारा आयोजित इस समारोह में चर्चा के लिए सात थीम तय की गई हैं। पहले दिन उद्घाटन के बाद वॉश यानी, वॉटर, सैनिटेशन और हाइजीन पर चर्चा होगी।
यह भी पढ़े : अच्छी खबर : 500 सौ रुपये में होंगे काशी दर्शन, सरकार की नई योजना
सभी प्रदेशों के ब्यूरोक्रेट्स और इन विभागों से जुड़े दूसरे अधिकारी इन विषयों पर बातचीत के रास्ते किसी नीति की तरफ बढ़ेंगे। जबकि परिचर्चा के दौरान एक सत्र केवल इस दिशा में किए गए बेहतर कामों को साझा करने के लिए आरक्षित रखा गया है। इससे अभिनव प्रयोगों के बारे में लोग एक दूसरे के बारे में जान सकेंगे। बेहतर कामों को दूसरी जगहों पर भी लागू करने की राह इसी सत्र से खुलेगी।
यह भी पढ़े : विधानसभा का बजट सत्र 2024: दिल के टुकड़े-टुकड़े करके मुस्कुराके चल दिये
जल जीवन मिशन की चुनौतियों और इसके स्थायित्व पर चर्चा करने के लिए भी एक अलग सत्र रखा गया है। घरों तक नल से जल पहुंचाने के चुनौतीपूर्ण काम के बाद इसे बरकरार रखना भी एक चुनौती होगी। इस पर बातचीत ऑपरेशन एंड मेंटीनेंस के लिए आयोजित सत्र में की जाएगी।
यह भी पढ़े : हल्द्वानी हिंसा पर बोले राजा भैया ‘समाज में माहौल बिगाड़ने का हो रहा प्रयास
जल जीवन मिशन का एक महत्वपूर्ण काम लोगों को कुशल बनाना भी है। इस मिशन के तहत किस क्षेत्र में लोगों की कुशलता को विकसित किया जाएगा, जिससे उनके लिए रोजगार के साधन तो खुलेंगे ही योजना की सफलता भी उसी पर निर्भर करेगी। इसके लिए कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन सत्र रखा गया है। जनता के फीडबैक और उनकी समस्याओं का फौरी समाधान कैसे होगा, इसपर चर्चा सत्र के दूसरे दिन की जाएगी।