एक रोटी से पेट नहीं भरता, कम से कम दो दीजिए; जीतन मांझी की ‘सियासी भूख’ ने नीतीश सरकार की बढ़ाई टेंशन h3>
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बिहार की नई एनडीए सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत 8 मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। जिसमें पूर्व सीएम जीतन मांझी के बेटे और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन को एससी-एसटी कल्याण विभाग दिया गया है। जो जीतन मांझी को रास नहीं आ रहा है। मांझी ने कम से कम नीतीश कैबिनेट में हम के कोटे के दो मंत्री पद की मांग कर रहे हैं। और लगातार भाजपा-जदयू के समर्थन वाली सरकार पर प्रेशर बना रहे हैं।
जीतन मांझी ने एक बार फिर से कहा कि हमारा एक रोटी से पेट नहीं भरता है, हम 2-3 रोटी की मांग करेंगे। कम से कम 2 रोटी तो दीजिए। गरीबों के लिए काम करना है तो हमको अच्छा विभाग भी चाहिए। अपने नेता से इसके लिए मांग रखे हैं। इससे पहले मांझी ने बेटे संतोष सुमन को एससी-एसटी मंत्रालय दिए जाने पर भी नाराजगी जताते हुए कहा था कि मेरे परिवार को खानदानी एससी-एसटी मंत्री बना दिया है। हमारी पार्टी को पथ निर्माण या भवन निर्माण जैसे विभाग क्यों नहीं मिलते हैं।
जीतन मांझी ने मन की बात बताते हुए कहा कि मैं गांव से आता हूं। शहर से मेरा कोई मतलब नहीं रहता है। मैं 43 साल से काम कर रहा हूं। लोगों को मुझसे उम्मीद रहती है कि कुछ काम मैं कर दूं। यदि मुझे कोई मंत्रालय मिल जाए तो और काम हो सकता है। जो विभाग हमारे ही वर्ग के रत्नेश सदा के पास था। वही मंत्रालय उनसे छीनकर हमें दे दिया गया है। जबकि वो अच्छा काम कर रहे थे। हमें कोई और विभाग भी दिया जा सकता था।
उन्होने कहा कि हमेशा मैं एक ही विभाग देखता रहूं ये अच्छा नहीं लगता है… हमारे मन में आती है कि जान बूझ कर हमारे समाज को नजरअंदाज किया जा रहा है। ये कोई रंजिश नहीं है। इसके कारण समर्थन देने और लेने का कोई फर्क नहीं आता है। हम नीतीश जी और एनडीए के साथ हैं और रहेंगे। 12 फरवरी को जो फ्लोर टेस्ट होगा उसमें डट कर हम एनडीए का साथ देंगे।
यह भी पढ़िए- खानदानी एससी-एसटी मंत्री बना दिया है; संतोष सुमन को पथ या भवन निर्माण ना मिलने से भड़के जीतनराम मांझी
इससे पहले जीतन मांझी ने उनकी पार्टी को दो मंत्री पद दिए जाने की मांग रखी। जिसे एक बार फिर उठाया है। इसके लिए मांझी ने अपनी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री अनिल कुमार सिंह का नाम भी बढ़ा दिया था। साथ नीतीश सरकार को इस बात का भी एहसास कराया था कि उन्हें महागठबंधन की ओर से सीएम पद का ऑफर दिया गया था। लेकिन गठबंधन धर्म के कारण उन्होने इस ऑफर को ठुकरा दिया था।
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बिहार की नई एनडीए सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत 8 मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। जिसमें पूर्व सीएम जीतन मांझी के बेटे और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन को एससी-एसटी कल्याण विभाग दिया गया है। जो जीतन मांझी को रास नहीं आ रहा है। मांझी ने कम से कम नीतीश कैबिनेट में हम के कोटे के दो मंत्री पद की मांग कर रहे हैं। और लगातार भाजपा-जदयू के समर्थन वाली सरकार पर प्रेशर बना रहे हैं।
जीतन मांझी ने एक बार फिर से कहा कि हमारा एक रोटी से पेट नहीं भरता है, हम 2-3 रोटी की मांग करेंगे। कम से कम 2 रोटी तो दीजिए। गरीबों के लिए काम करना है तो हमको अच्छा विभाग भी चाहिए। अपने नेता से इसके लिए मांग रखे हैं। इससे पहले मांझी ने बेटे संतोष सुमन को एससी-एसटी मंत्रालय दिए जाने पर भी नाराजगी जताते हुए कहा था कि मेरे परिवार को खानदानी एससी-एसटी मंत्री बना दिया है। हमारी पार्टी को पथ निर्माण या भवन निर्माण जैसे विभाग क्यों नहीं मिलते हैं।
जीतन मांझी ने मन की बात बताते हुए कहा कि मैं गांव से आता हूं। शहर से मेरा कोई मतलब नहीं रहता है। मैं 43 साल से काम कर रहा हूं। लोगों को मुझसे उम्मीद रहती है कि कुछ काम मैं कर दूं। यदि मुझे कोई मंत्रालय मिल जाए तो और काम हो सकता है। जो विभाग हमारे ही वर्ग के रत्नेश सदा के पास था। वही मंत्रालय उनसे छीनकर हमें दे दिया गया है। जबकि वो अच्छा काम कर रहे थे। हमें कोई और विभाग भी दिया जा सकता था।
उन्होने कहा कि हमेशा मैं एक ही विभाग देखता रहूं ये अच्छा नहीं लगता है… हमारे मन में आती है कि जान बूझ कर हमारे समाज को नजरअंदाज किया जा रहा है। ये कोई रंजिश नहीं है। इसके कारण समर्थन देने और लेने का कोई फर्क नहीं आता है। हम नीतीश जी और एनडीए के साथ हैं और रहेंगे। 12 फरवरी को जो फ्लोर टेस्ट होगा उसमें डट कर हम एनडीए का साथ देंगे।
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इससे पहले जीतन मांझी ने उनकी पार्टी को दो मंत्री पद दिए जाने की मांग रखी। जिसे एक बार फिर उठाया है। इसके लिए मांझी ने अपनी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री अनिल कुमार सिंह का नाम भी बढ़ा दिया था। साथ नीतीश सरकार को इस बात का भी एहसास कराया था कि उन्हें महागठबंधन की ओर से सीएम पद का ऑफर दिया गया था। लेकिन गठबंधन धर्म के कारण उन्होने इस ऑफर को ठुकरा दिया था।