नीतीश की चेतावनी के बाद भी नहीं रुके चंद्रशेखर, विवादों के चलते शिक्षा मंत्री का विभाग बदला?

7
नीतीश की चेतावनी के बाद भी नहीं रुके चंद्रशेखर, विवादों के चलते शिक्षा मंत्री का विभाग बदला?

नीतीश की चेतावनी के बाद भी नहीं रुके चंद्रशेखर, विवादों के चलते शिक्षा मंत्री का विभाग बदला?

ऐप पर पढ़ें

बिहार की नीतीश कैबिनेट में आरजेडी के तीन मंत्रियों का विभागीय फेरबदल हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा मंत्री चंद्रशेखर की हो रही है। उन्हें शिक्षा मंत्री से हटाकर गन्ना मंत्री बना दिया गया है। उनकी जगह मौजूदा गन्ना मंत्री आलोक मेहता को शिक्षा विभाग की कमान सौंपी गई है। महागठबंधन सरकार में शिक्षा मंत्री बनने के बाद से ही चंद्रशेखर कई बार अपने बयानों की वजह से विवादों में आ चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें नसीहत और चेतावनी भी दी थी, लेकिन वे नहीं रुके। अब उनका विभाग बदल दिया गया है। दूसरी ओर, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से चंद्रशेखर की तनातनी को भी वजह माना जा रहा है।

नीतीश सरकार की ओर से शनिवार रात जारी अधिसूचना के मुताबिक चंद्रशेखर का शिक्षा विभाग से गन्ना विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया। वहीं, गन्ना मंत्री आलोक मेहता को शिक्षा विभाग की कमान सौंप दी गई। ये दोनों ही नेता आरजेडी के ही हैं। इसके अलावा आरजेडी कोटे से एक अन्य मंत्री ललित यादव को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का भी प्रभार दे दिया गया है। पहले इसके मंत्री आलोक मेहता ही थे। यानी कि चंद्रशेखर को आलोक मेहता की जगह तो भेजा गया, लेकिन उन्हें दो की जगह एक ही विभाग की जिम्मेदारी दी गई। चंद्रशेखर को सिर्फ गन्ना मंत्री बनाया गया है, उन्हें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का प्रभार भी नहीं दिया गया। सियासी गलियारे में इसे चंद्रशेखर को साइडलाइन किए जाने के रूप में देखा जा रहा है।

चंद्रशेखर अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहते हैं। पिछले साल उन्होंने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताकर विवाद को जन्म दे दिया था। इस पर बिहार ही नहीं देशभर में बहस छिड़ गई थी। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की कई मंचों पर आलोचना हुई, लेकिन वे अपने बयान पर अड़िग रहे। यहां तक कि आरजेडी की सहयोगी जेडीयू के नेताओं ने भी मंत्री चंद्रशेखर के बयान की निंदा की थी। 

चंद्रशेखर की इस टिप्पणी से नीतीश सरकार पर भी सवाल उठने लगे। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से उन्हें नसीहत देते हुए कहा था कि किसी भी धर्म के बारे में टिप्पणी करना बिल्कुल गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। हालांकि, चंद्रशेखर नहीं माने और हिंदू धर्म ग्रंथों के बारे में टिप्पणियां करते रहे। 

केके पाठक के छुट्टी से लौटते ही शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ट्रांसफर, आलोक मेहता को विभाग की कमान

पिछले दिनों अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर को लेकर चंद्रशेखर ने विवादित टिप्पणी की। उन्होंने आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने मंदिर को गुलामी का रास्ता बताया था। चंद्रशेखर ने कहा कि अगर किसी को चोट लगेगी तो वो अस्पताल जाएगा, ना कि मंदिर। किसी को पढ़ लिखकर योग्य अधिकारी बनना होगा तो वो स्कूल जाएगा, ना कि मंदिर। हिंदूवादी संगठन ने पटना में चंद्रशेखर के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाकर शिकायत भी दर्ज कराई।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News