शैक्षणिक सत्र व नैक मूल्यांकन में लनामिवि ने बाजी मारी h3>
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के लिए वर्ष 2023 कई मायनों में उपलब्धियों का…

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,दरभंगाTue, 26 Dec 2023 10:15 PM
ऐप पर पढ़ें
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के लिए वर्ष 2023 कई मायनों में उपलब्धियों का वर्ष रहा। इस वर्ष कोरोना काल की परिस्थतियों से बाहर निकलते हुए लनामिवि ने शैक्षणिक सत्र को नियमित करने और नैक मूल्यांकन कराने में बाजी मारी। इन मामलों में लनामिवि राज्य में सबसे अव्वल रहा। इस वर्ष लनामिवि का शैक्षणिक सत्र पटरी पर लौट आया। स्नातक के सत्र तो गत वर्ष ही पटरी पर आ चुके थे, लेकिन स्नातकोत्तर के सत्र विलंब से चल रहे थे। इस वर्ष शिक्षा विभाग की पहल और विवि प्रशासन के प्रयासों से सात के अंत तक स्नातकोत्तर के सत्र में लगभग पटरी पर लौट चुके हैं। हालांकि इस प्रक्रिया के दौरान पूरे वर्ष विवि का परीक्षा विभाग विवादों में भी घिरा रहा। परीक्षा विभाग को सुव्यवस्थित करने के लिए कई प्रयोग भी किए गए। परीक्षा नियंत्रक के होते हुए भी यह पद कई महीनों तक रिक्त रहा। उनकी जगह उप परीक्षा नियंत्रक (सामान्य शिक्षा) का नया पद भी सृजित किया गया, लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हो सका। कोई पदाधिकारी इस पद पर टिक नहीं सके। आखिरकार, सात के अंत तक परीक्षा नियंत्रक की पुन: वापसी हुई, लेकिन परीक्षाफल को लेकर विवाद खत्म नहीं हो सका। साल के अंतिम महीने में भी परीक्षाफल को लेकर छात्रों के आंदोलन होते रहे। सत्र नियमित करने की प्रक्रिया और परीक्षाफल में त्रुटियों को लेकर छात्रों व शिक्षकों में असंतोष की स्थिति बनी रही। कोरोना काल के बाद नैक मूल्यांकन कराने में भी लनामिवि राज्य में अग्रणी रहा। तीसरे चरण के नैक मूल्यांकन में विवि ने क्वालिटी इनहान्समेंट करते हुए बी प्लस प्लस ग्रेड हासिल किया। विवि प्रशासन का लक्ष्य कम से कम ए ग्रेड हासिल करना था, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिल सकी। बावजूद, नैक मूल्यांकन विवि की महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। नैक से ए ग्रेड हासिल करने में विफल रहने के कारण दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीई) के संचालन की बाधाएं दूर नहीं हो सकी और एक बार पुन: इसके भविष्य को लेकर संशय की स्थिति बन गई। उम्मीद है कि नए वर्ष में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को लेकर विवि प्रशासन की ओर से सकारात्मक पहल हो और उसका लाभ मिथिलांचल के हजारों छात्र-छात्राओं को मिले जो डीडीई में नामांकन ठप होने से गत चार वर्षों से उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। एडवांस रिसर्च सेंटर के तहत विभिन्न प्रकार के अत्याधुनिक लैबों की स्थापना, केंद्रीय पुस्तकालय के आधुनिकीकरण सहित बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में उपलब्धियां उल्लेखनीय रही। वर्तमान कुलपति के कार्यकाल का यह अंतिम वर्ष रहा। इस वर्ष विवि प्रशासन के भ्रष्टाचार के कई मामले भी सुर्खियों में रहे। नए वर्ष में नए कुलपति के नेतृत्व में शैक्षणिक व प्रशासनिक स्तर पर नैक ग्रेड पाने के बाद विकास के ट्रैक पर विवि की रफ्तार तेज होने की उम्मीद की जा रही है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के लिए वर्ष 2023 कई मायनों में उपलब्धियों का…
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,दरभंगाTue, 26 Dec 2023 10:15 PM
ऐप पर पढ़ें
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के लिए वर्ष 2023 कई मायनों में उपलब्धियों का वर्ष रहा। इस वर्ष कोरोना काल की परिस्थतियों से बाहर निकलते हुए लनामिवि ने शैक्षणिक सत्र को नियमित करने और नैक मूल्यांकन कराने में बाजी मारी। इन मामलों में लनामिवि राज्य में सबसे अव्वल रहा। इस वर्ष लनामिवि का शैक्षणिक सत्र पटरी पर लौट आया। स्नातक के सत्र तो गत वर्ष ही पटरी पर आ चुके थे, लेकिन स्नातकोत्तर के सत्र विलंब से चल रहे थे। इस वर्ष शिक्षा विभाग की पहल और विवि प्रशासन के प्रयासों से सात के अंत तक स्नातकोत्तर के सत्र में लगभग पटरी पर लौट चुके हैं। हालांकि इस प्रक्रिया के दौरान पूरे वर्ष विवि का परीक्षा विभाग विवादों में भी घिरा रहा। परीक्षा विभाग को सुव्यवस्थित करने के लिए कई प्रयोग भी किए गए। परीक्षा नियंत्रक के होते हुए भी यह पद कई महीनों तक रिक्त रहा। उनकी जगह उप परीक्षा नियंत्रक (सामान्य शिक्षा) का नया पद भी सृजित किया गया, लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हो सका। कोई पदाधिकारी इस पद पर टिक नहीं सके। आखिरकार, सात के अंत तक परीक्षा नियंत्रक की पुन: वापसी हुई, लेकिन परीक्षाफल को लेकर विवाद खत्म नहीं हो सका। साल के अंतिम महीने में भी परीक्षाफल को लेकर छात्रों के आंदोलन होते रहे। सत्र नियमित करने की प्रक्रिया और परीक्षाफल में त्रुटियों को लेकर छात्रों व शिक्षकों में असंतोष की स्थिति बनी रही। कोरोना काल के बाद नैक मूल्यांकन कराने में भी लनामिवि राज्य में अग्रणी रहा। तीसरे चरण के नैक मूल्यांकन में विवि ने क्वालिटी इनहान्समेंट करते हुए बी प्लस प्लस ग्रेड हासिल किया। विवि प्रशासन का लक्ष्य कम से कम ए ग्रेड हासिल करना था, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिल सकी। बावजूद, नैक मूल्यांकन विवि की महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। नैक से ए ग्रेड हासिल करने में विफल रहने के कारण दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीई) के संचालन की बाधाएं दूर नहीं हो सकी और एक बार पुन: इसके भविष्य को लेकर संशय की स्थिति बन गई। उम्मीद है कि नए वर्ष में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को लेकर विवि प्रशासन की ओर से सकारात्मक पहल हो और उसका लाभ मिथिलांचल के हजारों छात्र-छात्राओं को मिले जो डीडीई में नामांकन ठप होने से गत चार वर्षों से उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। एडवांस रिसर्च सेंटर के तहत विभिन्न प्रकार के अत्याधुनिक लैबों की स्थापना, केंद्रीय पुस्तकालय के आधुनिकीकरण सहित बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में उपलब्धियां उल्लेखनीय रही। वर्तमान कुलपति के कार्यकाल का यह अंतिम वर्ष रहा। इस वर्ष विवि प्रशासन के भ्रष्टाचार के कई मामले भी सुर्खियों में रहे। नए वर्ष में नए कुलपति के नेतृत्व में शैक्षणिक व प्रशासनिक स्तर पर नैक ग्रेड पाने के बाद विकास के ट्रैक पर विवि की रफ्तार तेज होने की उम्मीद की जा रही है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।