If BJP not against reservation then amend constitution to increase reservation Nitish government challenge – आरक्षण विरोधी नहीं है बीजेपी तो रिजर्वेशन बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन करे; नीतीश सरकार की चुनौती, बिहार न्यूज

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If BJP not against reservation then amend constitution to increase reservation Nitish government challenge – आरक्षण विरोधी नहीं है बीजेपी तो रिजर्वेशन बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन करे; नीतीश सरकार की चुनौती, बिहार न्यूज

If BJP not against reservation then amend constitution to increase reservation Nitish government challenge – आरक्षण विरोधी नहीं है बीजेपी तो रिजर्वेशन बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन करे; नीतीश सरकार की चुनौती, बिहार न्यूज

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बिहार में 75 फीसदी आरक्षण लागू करने के बाद अब नीतीश सरकार ने केंद्र सरकार से इस कानून को 9वीं अनुसूची में डालने की मांग की है। राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बीजेपी की नरेंद्र मोदी सरकार को खुली चुनौती दी गई है। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि अगर बीजेपी आरक्षण विरोधी नहीं है तो संविधान में संशोधन करे और रिजर्वेशन का दायरा बढ़ाए। राज्य सरकार की ओर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की भी मांग की गई है।

वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को पटना में आयोजित पीसी में कहा कि बिहार सरकार की कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सीएम नीतीश ने बिहार के हित में विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है। नीतीश कुमार पिछले 14 साल से इस दिशा में प्रयास किया गया है। जातीय गणना का काम बिहार में पूरा किया गया। इससे जातियों की संख्या के साथ–साथ उनकी आर्थिक सामाजिक स्थिति के बारे में भी पूरी जानकारी मिली। 1931 के बाद जातीय जनगणना पहली बार हुई है। नीति आयोग ने गरीब लोगों के जो आंकड़े प्रकाशित किए उसमे बिहार में 33.78 प्रतिशत लोग गरीब हैं।

मंत्री चौधरी ने कहा कि जातीय गणना से जो आंकड़े आए  उसके लिए आरक्षण का सीमा को बढ़ाया गया है। 94 लाख गरीब परिवारों को आगे बढ़ाने के लिए अभियान चलाना सरकार की प्राथमिकता है। जो गृहविहीन परिवार हैं उनका घर बनवाना है। जिनके पास आमदनी नहीं है, उन्हें 2 लाख रुपये देकर रोजगार से जोड़ना है। इन सभी कामों के लिए 2.50 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है, जो पांच सालों में खर्चे जाएंगे।

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विजय चौधरी ने कहा कि यह राज्य सरकार के संसाधन के बूते की बाहर की बात है। इसलिए हम बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं। केंद्र प्रायोजित योजनाओं में भी केंद्रांश समय पर नहीं मिल रहा है। विशेष दर्जा मिलने से 40 हजार करोड़ की राहत मिलेगी। इस राशि से गरीब परिवारों को ऊपर उठाएंगे। 

मंत्री ने आरोप लगाए कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में भी केंद्रांश समय पर नहीं मिलता है। विशेष दर्जा मिलने से 40 हजार करोड़ की राहत मिलेगी। इस राशि से गरीब परिवारों को ऊपर उठाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने अपनी उपयोगिता साबित कर दी है। अब विशेष सहायता को विशेष दर्जे के तहत मांगने का प्रस्ताव केंद्र को दिया है। इसके साथ ही 

चौधरी ने कहा कि बिहार में लागू किए गए नए आरक्षण के दायरे को सविधान की नौवीं अनुसूची में डालने का आग्रह केंद्र से किया गया है। ताकि ये आरक्षण कानून किसी अनावश्यक विवाद में ना आए। बिहार सरकार के फैसले को न्यायिक पचड़े से बचाने के लिए केंद्र सरकार आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के लिए संविधान संशोधन करे। बीजेपी कहती है वो आरक्षण विरोधी नहीं है। अब केंद्र सरकार इसे साबित करके दिखाए।

दूसरे राज्यों से बिहार का गैप खत्म करना है : बिजेंद्र यादव

बिहार सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि राज्य विकास के पथ पर अग्रसर है। साल 2021-22 में बिहार की विकास दर 10.98 फीसदी रही, जो कि देश में तीसरे नंबर पर है। बिहार की प्रति व्यक्ति आय 54.4 हजार रुपये है, जबकि देश की डेढ़ लाख है। इसी गैप को खत्म करने के लिए हम बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं। अन्य राज्यों के मुकाबले बराबरी पर खड़ा होना हमारा हक है। 

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