बिहार में महंगी हो सकती है बिजली, उपभोक्ताओं को लग सकता है झटका… खबर को समझिये

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बिहार में महंगी हो सकती है बिजली, उपभोक्ताओं को लग सकता है झटका… खबर को समझिये

बिहार में महंगी हो सकती है बिजली, उपभोक्ताओं को लग सकता है झटका… खबर को समझिये

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नए वित्तीय वर्ष यानी एक अप्रैल 2024 से बिहार में 4.38 फीसदी बिजली महंगी हो सकती है। बिजली कंपनियों की ओर से बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष इससे संबंधित याचिका सौंपी गई। बीते कई वर्षों की तर्ज पर इस बार भी कंपनी ने अनुदानरहित याचिका दायर किया है। कंपनी ने फिक्सड चार्ज में कोई वृद्धि नहीं करने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि विनियामक आयोग कंपनी की याचिका पर जनसुनवाई के बाद ही नई दर तय करेगा। बिजली कंपनी हर साल 15 नवम्बर तक बिजली दर का प्रस्ताव आयोग को सौंपता रहा है। उसी परम्परा के तहत ट्रांसमिशन कंपनी की ओर से बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड,  बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने अलग-अलग याचिका दायर की। जबकि घरेलू, व्यवसायिक और औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली दर तय करने के लिए नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने अलग-अलग याचिका दायर की है। 

याचिका में खास

बिजली आपूर्ति के खर्च में हुई वृद्धि को आधार बनाते हुए तर्क दिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में कंपनी को 34 हजार 862 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। मौजूदा बिजली दर से कंपनी को 34 हजार 266 करोड़ की आमदनी होगी। इस तरह 595 करोड़ 79 करोड़ का अंतर होगा। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2023-24 में 441 करोड़ 18 लाख का अंतर आएगा। इस तरह कुल 1036 करोड़ 97 लाख का नुकसान होगा। इसकी भरपाई के लिए 3.03 फीसदी की वृद्धि जरूरी है। लेकिन कंपनी ने एसएस (बिना मीटर वाले) को छोड़ बाकी सभी श्रेणी में फिक्सड चार्ज में कोई वृद्धि नहीं करते हुए बिजली दर में 4.38 फीसदी वृद्धि करने का निर्णय लिया है। 

याचिका में यह भी

अधिक वृद्धि के प्रस्ताव के साथ ही कंपनी ने गैर-घरेलू और आईएएस-एक श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए केवीएएच आधारित बिलिंग, 400 केवी पर एचटीआईएस और 132/220 केवी पर एचटीएसएस के लिए नई टैरिफ श्रेणी की शुरुआत की बात कही है। राज्य की वास्तविक मांग के अनुसार दिन के समय (टीओडी) टैरिफ संरचना में परिवर्तन किया जाएगा। समय पर ऑनलाइन पेमेंट करने वाले एचटी श्रेणी के लिए उपभोक्ताओं को अनुदान दिया जाएगा। उपभोक्ताओं की बिलिंग मांग का युक्तिकरण करने की बात कही गई है। सरकारी कनेक्शन में भुगतान तिथि में बदलाव होगा। होमस्टे (पेइंग गेस्ट) प्रतिष्ठानों को घरेलू टैरिफ में शामिल किया जाएगा। कृषि उपभोक्ताओं के लिए उनकी कटाई के मौसम के अनुसार बिलिंग संरचना को तर्कसंगत बनाया जाएगा। 

आगे होगा यह

बिजली कंपनी की ओर से सौंपी गई याचिका पर विनियामक आयोग अध्ययन करेगा। प्रमंडलवार जनसुनवाई शिविर का आयोजन कर आम लोगों से इस पर राय ली जाएगी। अंतिम जनसुनवाई पटना में दो दिनों की होगी। जनसुनवाई शिविर के लिए आयोग जल्द ही तिथि घोषित करेगा। सुनवाई के बाद आयोग जरूरत के अनुसार कंपनी से कुछ जरुरी आंकड़ों की मांग कर मार्च 2023 तक सभी प्रक्रिया पूरी कर नई बिजली दर तय कर देगा। विनियामक आयोग के फैसले के बाद राज्य सरकार अनुदान देकर यह तय करेगी कि बिजली दर में वृद्धि होगा या नहीं। कंपनी दो सौ करोड़ से अधिक मुनाफे में है। ऐसे में बिजली दर में वृद्धि की संभावना कम ही है। 

कंपनी ने तय समय में बिजली दर की याचिका सौंप दी है। बिजली आपूर्ति में हो रहे खर्च को देखते हुए ही वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है।

— महेन्द्र कुमार, एमडी,  साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड।

एक नजर में बिजली दर (रुपए प्रति यूनिट में )

ग्रामीण घरेलू


यूनिट         रुपए     

0-50          2.60

51-100         2.90

100 यूनिट से अधिक    3.15

शहरी घरेलू 

0-100         4.27

101-200         5.12

201  से अधिक      6.22

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