9 लाख 76 हजार आयुष्मान कार्ड में 10231 फर्जी कार्ड निरस्त, फिर बन गए 2000 कार्ड | Out of 9 lakh 76 thousand Ayushman cards, 10231 fake cards canceled | Patrika News

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9 लाख 76 हजार आयुष्मान कार्ड में 10231 फर्जी कार्ड निरस्त, फिर बन गए 2000 कार्ड | Out of 9 lakh 76 thousand Ayushman cards, 10231 fake cards canceled | Patrika News

9 लाख 76 हजार आयुष्मान कार्ड में 10231 फर्जी कार्ड निरस्त, फिर बन गए 2000 कार्ड | Out of 9 lakh 76 thousand Ayushman cards, 10231 fake cards canceled | News 4 Social

भोपालPublished: Nov 15, 2023 06:59:49 pm

राजधानी में 11 लाख आयुष्मान कार्ड बनाने का है लक्ष्य

राजधानी में 11 लाख आयुष्मान कार्ड बनाने का है लक्ष्य

9 लाख 76 हजार आयुष्मान कार्ड में 10231 फर्जी कार्ड निरस्त, फिर बन गए 2000 कार्ड

भोपाल. पांच लाख तक के निशुल्क इलाज के लिए बनाए जा रहे आयुष्मान कार्ड में फर्जीवाड़ा थम नहीं रहा है। फरवरी 2022 में 10231 फर्जी आयुष्मान कार्ड डिलीट करने के बाद अक्टूबर 2023 में तक दो हजार फर्जी आयुष्मान फिर से बन गए हैं। वर्तमान में 9 लाख 75 हजार 923 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसमें से भी काफी जांच के दायरे में हैं। फर्जीवाड़ा बढऩे से भोपाल जिले का जो लक्ष्य तय था उसे पूरा करने में अभी समय लगेगा, अब जांच पड़ताल के बाद ही कार्ड बन रहे हैं। जिले में 11 लाख कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
कोरोना काल में बनाई थी डेस्क
कोरोना काल में पांच लाख तक इलाज के लिए अस्पतालों में डेस्क बनाकर आयुष्मान कार्ड बना दिए। इस कारण बड़ी संख्या में ऐसे लोगों के कार्ड भी बन गए जो पात्र नहीं थे। इसके बाद जांच हुई तो पकड़ में आ गए, अब पहले से फर्जीवाड़ा कम हुआ है, लेकिन पांच लाख तक के मुफ्त इलाज के लिए लोग पांच से दस हजार रुपए देकर किसी न किसी रूप में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। ऐसे कार्ड दूसरे की आइडी नंबर पर बनाए जाते हैं जो कहीं न कहीं पकड़ में आ रहे हैं। आयुष्मान योजना का लाभ गरीब वंचित ग्रामीण शहरी श्रमिक और आर्थिक रूप से बेहद कमजोर शहरी परिवार को ही दिया जा रहा है। 2011 में की गई सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना के डेटाबेस में जिन व्यक्तियों के नाम मौजूद हैं वे खुद ब खुद आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पात्र हैं।
कार्ड के लिए ये दस्तावेज
इसे बनवाने के लिए लोकसेवा गारंटी केंद्र में आवेदन करना होता है। इसमें बीपीएलए पात्रता पर्ची, समग्र आईडी, विकलांगों के लिए प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज होना जरूरी है, लेकिन यहां काफी लोगों ने साठगांठ कर पात्रों के दस्तावेज का उपयोग कर आयुष्मान कार्ड बनवाए गए, लेकिन ऑनलाइन जांच में आईडी मैच होने से पकड़े गए।
केस -1 सीएससी सेंटर के कर्मचारी ने बनाए 4 कार्ड
राजधानी में कॉमन सर्विस सेंटर के कर्मचारी मोहम्मद जुनेदउद्दीन की आइडी से चार फर्जी आयुष्मान कार्ड बने थे। इसमें दूसरे की समग्र आइडी का उपयोग किया गया। इनसे 4 लाख 95 हजार रुपए का इलाज भी हो गया। इसी प्रकार हिना शेख की आइडी पर अजमत बी नामक महिला का आयुष्मान बना जो बाद में पकड़ में आया।
केस- 2 – एक ही कैंप में 15 फर्जी आयुष्मान कार्ड
पूर्व में बैरागढ़ के एक कैंप में ही 15 फर्जी आयुष्मान कार्ड मिले। इसमें प्रभु नगर निवासी नवीन केसवानी और शांति नगर निवासी ईश्वर सतवानी सहित 13 अन्य लोगों ने बताया कि उनका कार्ड बना है इस आधार पर उनके परिवार का आयुष्मान कार्ड बना दिया जाए। सरकारी वेबसाइट पर ये नंबर डाले गए तो किसी दूसरों के नाम खुले।

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