फिर जिले की 1164 सेविकाएं व 1070 सहायिकाएं हुईं चयनमुक्त
h3>
हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव :
फिर जिले की 1164 सेविकाएं व 1070 सहायिकाएं हुईं चयनमुक्त
पिछले हफ्ते भी 38 सेविकाएं तो 3 सहायिकाएं की गयी थीं बर्खास्त
बेन, बिहारशरीफ व परवलपुर प्रखंडों की एक भी सेविका-सहायिका नहीं लौटीं काम पर
एक माह से अधिक समय से हड़ताल पर हैं सेविका-सहायिकाएं
मंगलवार को भी नहीं लौटने वाली सेविका-सहायिकाओं पर होगी कार्रवाई
फोटो :
आंगनबाड़ी सेंटर : जिले के एक आंगनबाड़ी केन्द्र पर कर्मियों के हड़ताल से वापस लौटने के लिए नोटिस चिपकाते लोग।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
आईसीडीएस निदेशालय के आदेश पर हफ्ते में दूसरी बार आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं पर कार्रवाई की गाज गिरी है। सोमवार को 1,164 सेविकाएं व 1,070 सहायिकाओं को सीडीपीओ की अनुशंसा पर डीपीओ रीना कुमारी ने चयनमुक्त कर दिया। डीपीओ ने बताया कि 6 नवंबर को भी हड़ताल से वापस नहीं लौटने पर 38 सेविकाएं व तीन सहायिकाओं को चयनमुक्त किया गया था। इसके बाद सैकड़ों आंगनबाड़ी कर्मी काम पर लौटी थीं। बावजूद, बेन, बिहारशरीफ व परवलपुर की एक भी सेविका-सहायिका अब तक काम पर नहीं लौटी हैं।
जबकि, हिलसा, इस्लामपुर व करायपसुराय प्रखंडों की तकरीबन सभी सेविका-सहायिकाएं हड़ताल छोड़कर काम पर वापस लौट चुकी हैं। इसी तरह, नूरसराय व राजगीर की 70 फीसद सेविका-सहायिकाएं काम पर लौटी है। एकंगरसराय प्रखंड की सेविका-सहायिकाओं ने भी तेजी से काम पर लौटना शुरू कर दिया है।
रहुई में लौटीं इक्का-दुक्का :
रहुई, थरथरी, अस्थावां व नगरनौसा प्रखंडों की इक्का-दुक्का आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाएं हड़ताल से वापस काम पर लौटी हैं। डीपीओ का स्पष्ट कहना है कि मंगलवार को हड़ताल पर अडिग रहने वाली शेष सेविका-सहायिओं को चयनमुक्त कर दिया जाएगा।
कई माध्यम से लौटने की दी गयी सूचना :
डीपीओ ने बताया कि सेविका-सहायिकाओं को लगातार मिडिया के माध्यम से काम पर नहीं लौटने पर कार्रवाई होने की सूचना दी जा रही है। सेविकाओं से अनाधिकृत रूप से गायब रहने पर शोकॉज भी किया जा चुका है। बावजूद, न तो किसी ने जवाब दिया और न ही काम पर वापस लौटीं। महिला पर्यवेक्षिकाओं के माध्यम से भी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हड़ताल से वापस लौटने की सूचना चिपकाई जा चुकी है। संघ के जिलाध्यक्ष व प्रखंडों अध्यक्षों से वार्ता भी की जा चुकी है। फिर भी कई सेविका-सहायिकाएं हड़ताल से वापस लौटने को तैयार नहीं हुईं। आखिरकार, बाध्य होकर कार्रवाई करनी पड़ी।
निदेशालय कर रही है समीक्षा :
सूत्रों ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारी लगातार वीसी के माध्यम से जिले के संबंधित अधिकारियों से हड़ताल पर रहने वाली सेविका-सहायिकाओं की समीक्षा कर रहे हैं। नोटिस देने के बाद भी काम पर नहीं लौटने वाली सेविका-सहायिकाओं को चयनमुक्त करने का आदेश दिया जा रहा है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव :
फिर जिले की 1164 सेविकाएं व 1070 सहायिकाएं हुईं चयनमुक्त
पिछले हफ्ते भी 38 सेविकाएं तो 3 सहायिकाएं की गयी थीं बर्खास्त
बेन, बिहारशरीफ व परवलपुर प्रखंडों की एक भी सेविका-सहायिका नहीं लौटीं काम पर
एक माह से अधिक समय से हड़ताल पर हैं सेविका-सहायिकाएं
मंगलवार को भी नहीं लौटने वाली सेविका-सहायिकाओं पर होगी कार्रवाई
फोटो :
आंगनबाड़ी सेंटर : जिले के एक आंगनबाड़ी केन्द्र पर कर्मियों के हड़ताल से वापस लौटने के लिए नोटिस चिपकाते लोग।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
आईसीडीएस निदेशालय के आदेश पर हफ्ते में दूसरी बार आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं पर कार्रवाई की गाज गिरी है। सोमवार को 1,164 सेविकाएं व 1,070 सहायिकाओं को सीडीपीओ की अनुशंसा पर डीपीओ रीना कुमारी ने चयनमुक्त कर दिया। डीपीओ ने बताया कि 6 नवंबर को भी हड़ताल से वापस नहीं लौटने पर 38 सेविकाएं व तीन सहायिकाओं को चयनमुक्त किया गया था। इसके बाद सैकड़ों आंगनबाड़ी कर्मी काम पर लौटी थीं। बावजूद, बेन, बिहारशरीफ व परवलपुर की एक भी सेविका-सहायिका अब तक काम पर नहीं लौटी हैं।
जबकि, हिलसा, इस्लामपुर व करायपसुराय प्रखंडों की तकरीबन सभी सेविका-सहायिकाएं हड़ताल छोड़कर काम पर वापस लौट चुकी हैं। इसी तरह, नूरसराय व राजगीर की 70 फीसद सेविका-सहायिकाएं काम पर लौटी है। एकंगरसराय प्रखंड की सेविका-सहायिकाओं ने भी तेजी से काम पर लौटना शुरू कर दिया है।
रहुई में लौटीं इक्का-दुक्का :
रहुई, थरथरी, अस्थावां व नगरनौसा प्रखंडों की इक्का-दुक्का आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाएं हड़ताल से वापस काम पर लौटी हैं। डीपीओ का स्पष्ट कहना है कि मंगलवार को हड़ताल पर अडिग रहने वाली शेष सेविका-सहायिओं को चयनमुक्त कर दिया जाएगा।
कई माध्यम से लौटने की दी गयी सूचना :
डीपीओ ने बताया कि सेविका-सहायिकाओं को लगातार मिडिया के माध्यम से काम पर नहीं लौटने पर कार्रवाई होने की सूचना दी जा रही है। सेविकाओं से अनाधिकृत रूप से गायब रहने पर शोकॉज भी किया जा चुका है। बावजूद, न तो किसी ने जवाब दिया और न ही काम पर वापस लौटीं। महिला पर्यवेक्षिकाओं के माध्यम से भी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हड़ताल से वापस लौटने की सूचना चिपकाई जा चुकी है। संघ के जिलाध्यक्ष व प्रखंडों अध्यक्षों से वार्ता भी की जा चुकी है। फिर भी कई सेविका-सहायिकाएं हड़ताल से वापस लौटने को तैयार नहीं हुईं। आखिरकार, बाध्य होकर कार्रवाई करनी पड़ी।
निदेशालय कर रही है समीक्षा :
सूत्रों ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारी लगातार वीसी के माध्यम से जिले के संबंधित अधिकारियों से हड़ताल पर रहने वाली सेविका-सहायिकाओं की समीक्षा कर रहे हैं। नोटिस देने के बाद भी काम पर नहीं लौटने वाली सेविका-सहायिकाओं को चयनमुक्त करने का आदेश दिया जा रहा है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।