नीतीश-मांझी विवाद में MLA श्रेयसी सिंह ने ली एंट्री, कहा- महिला-दलित विरोधी हैं सीएम; संस्कार पर भी बोलीं h3>
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बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र नीतीश कुमार के बयानों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। महिलाओं के बाद नीतीश कुमार ने पूर्व सीएम जितेंद्र मांझी के साथ सदन में जो व्यवहार किया उससे प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। बीजेपी एमएलए श्रेयसी सिंह ने भी नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला विधायक ने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री को दलित विरोधी बताया है।
शुक्रवार को एमएलए, बीजेपी, श्रेयसी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री रहे जीतनराम मांझी को अपमानित किया है। मांझी जी कभी गलत बात नहीं करते। उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार पर महिला विरोधी और दलित विरोधी होने का आरोप लगाया। श्रेयसी सिंह ने यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संस्कार गिर गया है इसीलिए महिलाओं और दलितों को लेकर उनके मुंह से ऐसी बात निकली।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी जी विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से अपनी बात कह रहे थे। लेकिन, मुख्यमंत्री ने उन्हें अपनी बात भी पूरी नहीं करने दी और बीच में ही उन पर भड़क गए। इस दौरान कई अपमानजनक बातें कह दी जो जो लोकतंत्र और संविधान दोनों के हिसाब से ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार विधानसभा में नियम का पालन नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री और विधानससभा स्पीकर की बात नहीं सुनते हैं। मांझी उलूल-जुलूल बात नहीं करते हैं बल्कि नीतीश कुमार की सरकार महिला विरोधी है और एससी विरोधी भी है।
मुख्यमंत्री में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी जो सदन में बयान दिया उसे सही नहीं कहा जा सकता लड़की पढ़ी-लिखी लड़कियां प्रजनन दर को नियंत्रित रखती हैं। यह बात सत्य है लेकिन, सीएम ने जिस तरीके से इस तथ्य को प्रस्तुत किया वह गलत है। उसके बाद गुरुवार को तो मुख्यमंत्री पूर्व सीएम जीतनराम मांझी पर आप ऐसे बाहर हो गए यह दोनों ही गलत बात है।
बता दें कि गुरुवार को जीतन राम मांझी बिहार सरकार द्वारा कराए गए जाते सर्वेक्षण और आरक्षण को सही तरीके से लागू करने की प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे थे इसी दौरान मुख्यमंत्री उन पर बिगड़ गए और बार-बार कहा कि मैं इसे कम बना दिया यह मेरी मूर्खता थी या किसी लायक नहीं है इसे कोई सेंस भी नहीं है गवर्नर बनने का मन है तो बेकार की बात बोल रहे हैं। इस पर श्रेयसी सिंह का कहना है कि जीतन राम मांझी ने कोई गलत बात सदन में नहीं कही। सीएम ने खुद आगे बढ़कर उन्हें चुप करा दिया और अपमानिति करने वाली भाषा का प्र्योग किया।
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बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र नीतीश कुमार के बयानों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। महिलाओं के बाद नीतीश कुमार ने पूर्व सीएम जितेंद्र मांझी के साथ सदन में जो व्यवहार किया उससे प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। बीजेपी एमएलए श्रेयसी सिंह ने भी नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला विधायक ने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री को दलित विरोधी बताया है।
शुक्रवार को एमएलए, बीजेपी, श्रेयसी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री रहे जीतनराम मांझी को अपमानित किया है। मांझी जी कभी गलत बात नहीं करते। उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार पर महिला विरोधी और दलित विरोधी होने का आरोप लगाया। श्रेयसी सिंह ने यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संस्कार गिर गया है इसीलिए महिलाओं और दलितों को लेकर उनके मुंह से ऐसी बात निकली।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी जी विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से अपनी बात कह रहे थे। लेकिन, मुख्यमंत्री ने उन्हें अपनी बात भी पूरी नहीं करने दी और बीच में ही उन पर भड़क गए। इस दौरान कई अपमानजनक बातें कह दी जो जो लोकतंत्र और संविधान दोनों के हिसाब से ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार विधानसभा में नियम का पालन नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री और विधानससभा स्पीकर की बात नहीं सुनते हैं। मांझी उलूल-जुलूल बात नहीं करते हैं बल्कि नीतीश कुमार की सरकार महिला विरोधी है और एससी विरोधी भी है।
मुख्यमंत्री में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी जो सदन में बयान दिया उसे सही नहीं कहा जा सकता लड़की पढ़ी-लिखी लड़कियां प्रजनन दर को नियंत्रित रखती हैं। यह बात सत्य है लेकिन, सीएम ने जिस तरीके से इस तथ्य को प्रस्तुत किया वह गलत है। उसके बाद गुरुवार को तो मुख्यमंत्री पूर्व सीएम जीतनराम मांझी पर आप ऐसे बाहर हो गए यह दोनों ही गलत बात है।
बता दें कि गुरुवार को जीतन राम मांझी बिहार सरकार द्वारा कराए गए जाते सर्वेक्षण और आरक्षण को सही तरीके से लागू करने की प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे थे इसी दौरान मुख्यमंत्री उन पर बिगड़ गए और बार-बार कहा कि मैं इसे कम बना दिया यह मेरी मूर्खता थी या किसी लायक नहीं है इसे कोई सेंस भी नहीं है गवर्नर बनने का मन है तो बेकार की बात बोल रहे हैं। इस पर श्रेयसी सिंह का कहना है कि जीतन राम मांझी ने कोई गलत बात सदन में नहीं कही। सीएम ने खुद आगे बढ़कर उन्हें चुप करा दिया और अपमानिति करने वाली भाषा का प्र्योग किया।