इधर-उधर की…नेताजी की “गजब की कलाबाजी” | netaji ki GAJAB KI KALABAJI | News 4 Social h3>
जयपुरPublished: Nov 02, 2023 02:52:20 pm
कल अचानक एक सूचना आई कि हवामहल सीट से वर्तमान विधायक व मंत्री महेश जोशी का टिकट कट गया। किसने काटा, क्यों काटा, यह सूचना कहां से आई, किसने फैलाई, क्यों फैलाई। कुछ पता नहीं। लेकिन कांग्रेस में सूची से पहले ही सिर फुटव्वल जरुर हो गई।
इधर-उधर की…नेताजी की
राजेश दीक्षित
नेताओं की “कलाबाजी” भी बड़ी गजब की है। टिकट का तो अता-पता नहीं, लेकिन टिकट मिलने की “उम्मीद की खुशी” में एक नेताजी ने जोरदार आतिशबाजी जरूर कर दी। माला भी पहन ली। पूरा माहौल बन गया। अंदरखाने चर्चा निकली कि सूची तो निकली ही नहीं है। यह तो आलाकमान का काम है। तो फिर ये आतिशबाजी…। देर रात तक आंखें उम्मीद में जगी रही। लेकिन सूची आखिर नहीं आई। कुछ ऐसा ही एक नजारा मारवाड़ में मंगलवार रात देखने को मिला। यहां से “राज्य के मुखियाजी ***** यानी अशोक गहलोत की सीट से भाजपा ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं। लेकिन जेडीए के पूर्व चैयरमेन महेन्द्र सिंह राठौड़ का नाम खुलकर चर्चा में आ गया। यह राजपूत का बड़ा नाम माना जाता है। जेएनवीयू में प्रो. हैं। हर बार टिकट भी मांगते हैं। सबसे खास बात यह है कि ये पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के करीबी हैं। इन दिनों यह सीट चर्चा में इसलिए भी है कि इस सीट से मुख्यमंत्री गहलोत के प्रबल प्रतिद्धंदी गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम भी लम्बे समय तक जोर-शोर से चला था। लेकिन अब चर्चा आई कि शेखावत इस सीट से लडऩा ही नहीं चाहते। चर्चाओं के बाजार की बात करें तो शेखावत अपने लोकसभा क्षेत्र से एक मजबूत विधानसभा क्षेत्र नहीं तलाश पा रहे हैं। पहले वे जैसलमेर में पोकरण सीट से उनका नाम चर्चा में आया। यह सीट जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में आती है। वे जोधपुर से दो बार सांसद व दोनों ही बार केन्द्रीय मंत्री भी बने हैं। इसके बाद भी उनको किस सीट से लड़ाया जाए यह तय नहीं हो पाया। वे हर सीट पर अपनी “जीत-हार की गणित” लगाने में जुटे रहे। अब चर्चा यह भी चल पड़ी है कि वे किसी भी सीट से चुनाव नहीं लडेंगे। महेन्द्र सिंह राठौड़ पिछले तीन चुनाव से लगातार भाजपा से टिकट मांग रहे हैं। लेकिन पिछले दो चुनाव में यहां से राजपूत प्रत्याशी शंभूसिंह खेतासर को ही मैदान में उतारा है।
अब इधर आ जाओ राजधानी में ही। कल अचानक एक सूचना आई कि हवामहल सीट से वर्तमान विधायक व मंत्री महेश जोशी का टिकट कट गया। किसने काटा, क्यों काटा, यह सूचना कहां से आई, किसने फैलाई, क्यों फैलाई। कुछ पता नहीं। लेकिन कांग्रेस में सूची से पहले ही सिर फुटव्वल जरुर हो गई। राज्य व देश की राजधानी में विरोध-प्रदर्शन कर अपनी ताकत जता दी। केवल अनुमान है कि हवामहल सीट से दूसरे पंडितजी के नाम की हवा चल रही है। उन्होंने फार्म मंगाया है। उन्होंने मोबाइल से सूचना दे दी है। जोशी का नाम कटने के हल्ले से राजधानी के साथ कोटा व अजमेर तक खलबली मच गई। अगर जोशी का नाम कटता है तो कोटा व अजमेर से टिकट मांग रहे नेताजी का क्या होगा? खैर…। सूची भी आज-कल में आ जाएंगी। लेकिन सूची के पहले “कहीं खुशी व कहीं गम” का माहौल जरुर हैं।
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जयपुरPublished: Nov 02, 2023 02:52:20 pm
कल अचानक एक सूचना आई कि हवामहल सीट से वर्तमान विधायक व मंत्री महेश जोशी का टिकट कट गया। किसने काटा, क्यों काटा, यह सूचना कहां से आई, किसने फैलाई, क्यों फैलाई। कुछ पता नहीं। लेकिन कांग्रेस में सूची से पहले ही सिर फुटव्वल जरुर हो गई।
इधर-उधर की…नेताजी की
राजेश दीक्षित
नेताओं की “कलाबाजी” भी बड़ी गजब की है। टिकट का तो अता-पता नहीं, लेकिन टिकट मिलने की “उम्मीद की खुशी” में एक नेताजी ने जोरदार आतिशबाजी जरूर कर दी। माला भी पहन ली। पूरा माहौल बन गया। अंदरखाने चर्चा निकली कि सूची तो निकली ही नहीं है। यह तो आलाकमान का काम है। तो फिर ये आतिशबाजी…। देर रात तक आंखें उम्मीद में जगी रही। लेकिन सूची आखिर नहीं आई। कुछ ऐसा ही एक नजारा मारवाड़ में मंगलवार रात देखने को मिला। यहां से “राज्य के मुखियाजी ***** यानी अशोक गहलोत की सीट से भाजपा ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं। लेकिन जेडीए के पूर्व चैयरमेन महेन्द्र सिंह राठौड़ का नाम खुलकर चर्चा में आ गया। यह राजपूत का बड़ा नाम माना जाता है। जेएनवीयू में प्रो. हैं। हर बार टिकट भी मांगते हैं। सबसे खास बात यह है कि ये पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के करीबी हैं। इन दिनों यह सीट चर्चा में इसलिए भी है कि इस सीट से मुख्यमंत्री गहलोत के प्रबल प्रतिद्धंदी गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम भी लम्बे समय तक जोर-शोर से चला था। लेकिन अब चर्चा आई कि शेखावत इस सीट से लडऩा ही नहीं चाहते। चर्चाओं के बाजार की बात करें तो शेखावत अपने लोकसभा क्षेत्र से एक मजबूत विधानसभा क्षेत्र नहीं तलाश पा रहे हैं। पहले वे जैसलमेर में पोकरण सीट से उनका नाम चर्चा में आया। यह सीट जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में आती है। वे जोधपुर से दो बार सांसद व दोनों ही बार केन्द्रीय मंत्री भी बने हैं। इसके बाद भी उनको किस सीट से लड़ाया जाए यह तय नहीं हो पाया। वे हर सीट पर अपनी “जीत-हार की गणित” लगाने में जुटे रहे। अब चर्चा यह भी चल पड़ी है कि वे किसी भी सीट से चुनाव नहीं लडेंगे। महेन्द्र सिंह राठौड़ पिछले तीन चुनाव से लगातार भाजपा से टिकट मांग रहे हैं। लेकिन पिछले दो चुनाव में यहां से राजपूत प्रत्याशी शंभूसिंह खेतासर को ही मैदान में उतारा है।
अब इधर आ जाओ राजधानी में ही। कल अचानक एक सूचना आई कि हवामहल सीट से वर्तमान विधायक व मंत्री महेश जोशी का टिकट कट गया। किसने काटा, क्यों काटा, यह सूचना कहां से आई, किसने फैलाई, क्यों फैलाई। कुछ पता नहीं। लेकिन कांग्रेस में सूची से पहले ही सिर फुटव्वल जरुर हो गई। राज्य व देश की राजधानी में विरोध-प्रदर्शन कर अपनी ताकत जता दी। केवल अनुमान है कि हवामहल सीट से दूसरे पंडितजी के नाम की हवा चल रही है। उन्होंने फार्म मंगाया है। उन्होंने मोबाइल से सूचना दे दी है। जोशी का नाम कटने के हल्ले से राजधानी के साथ कोटा व अजमेर तक खलबली मच गई। अगर जोशी का नाम कटता है तो कोटा व अजमेर से टिकट मांग रहे नेताजी का क्या होगा? खैर…। सूची भी आज-कल में आ जाएंगी। लेकिन सूची के पहले “कहीं खुशी व कहीं गम” का माहौल जरुर हैं।