पीएम मोदी की जाति पर जेडीयू के सवाल पर बरसे सुशील मोदी, बोले- राहुल गांधी की जाति क्यों नहीं पूछी? h3>
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जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर सवाल उठाया तो बीजेपी हमलवार हो गई। बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि मुद्दाविहीन विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछड़ी जाति और उनके माता-पिता की गरीबी का मजाक उड़ा रहा है। उनमें सरकार के कल्याणकारी फैसलों पर बात करने की हिम्मत नहीं है। रविवार को जारी बयान में मोदी ने कहा कि जो लोग नौ साल बाद प्रधानमंत्री मोदी की जाति पूछ रहे हैं, उन्होंने कभी राहुल गांधी की जाति क्यों नहीं पूछी?
सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने पिछड़े समाज के चरण सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में संसद का मुंह नहीं देखने दिया और एचडी देवगौड़ा की सरकार मात्र 11 महीने में गिरा दी। अब कांग्रेस की गोद में बैठे जदयू-राजद जैसे क्षेत्रीय दल भी पिछड़े वर्ग से आने वाले नरेंद्र मोदी को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। पिछड़े समाज से पहली बार कोई ऐसा व्यक्ति प्रधानमंत्री बना है जो कांग्रेस की कृपा पर निर्भर नहीं है। 9 साल से बिना एक दिन की भी छुट्टी लिए पिछड़े, अतिपिछड़े और दलित समुदाय के करोड़ों गरीबों के लिए काम कर रहा है। क्या इस पर बात नहीं होनी चाहिए?
जेडीयू ने पीएम मोदी की जाति पर उठाया सवाल तो बौखलाई बीजेपी, नीतीश को घेरा; 2020 की दिलाई याद
पीएम की जाति पर भ्रम फैला रहा है जदयू : मनोज शर्मा
वहीं बिहार बीजेपी मनोज शर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति के बारे में बिहार सरकार और सत्तारूढ़ दल जदयू के लोग भ्रम फैला रहे हैं। रविवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि जदयू तथ्यहीन बातें कर रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि जदयू नेताओं में जानकारी की कमी है। आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन के पास गंभीर और तथ्यात्मक मुद्दा नहीं है तो ऐसे मुद्दे पर लोगों के बीच में भ्रम पैदा कर रहे हैं जिसका कोई आधार ही नहीं है। जो लोग कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री की अन्य पिछड़ा वर्ग की पहचान फर्जी है, जब वे मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने अपनी जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल कराया था। उनकी जानकारी के लिए बता दें नरेंद्र मोदी ‘घांची जाति’ से आते हैं। गुजरात में तेली को घांची कहा जाता है। काका कालेकर आयोग ने 1953-55 में गुजरात के अंदर घांची जाति को बीसी सूची में शामिल किया था। लेकिन 1999 में अति पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में तेली, मोध घांची जाति को शामिल किया गया। उस वर्ष नरेन्द्र मोदी किसी संवैधानिक पद पर नहीं थे।
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जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर सवाल उठाया तो बीजेपी हमलवार हो गई। बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि मुद्दाविहीन विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछड़ी जाति और उनके माता-पिता की गरीबी का मजाक उड़ा रहा है। उनमें सरकार के कल्याणकारी फैसलों पर बात करने की हिम्मत नहीं है। रविवार को जारी बयान में मोदी ने कहा कि जो लोग नौ साल बाद प्रधानमंत्री मोदी की जाति पूछ रहे हैं, उन्होंने कभी राहुल गांधी की जाति क्यों नहीं पूछी?
सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने पिछड़े समाज के चरण सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में संसद का मुंह नहीं देखने दिया और एचडी देवगौड़ा की सरकार मात्र 11 महीने में गिरा दी। अब कांग्रेस की गोद में बैठे जदयू-राजद जैसे क्षेत्रीय दल भी पिछड़े वर्ग से आने वाले नरेंद्र मोदी को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। पिछड़े समाज से पहली बार कोई ऐसा व्यक्ति प्रधानमंत्री बना है जो कांग्रेस की कृपा पर निर्भर नहीं है। 9 साल से बिना एक दिन की भी छुट्टी लिए पिछड़े, अतिपिछड़े और दलित समुदाय के करोड़ों गरीबों के लिए काम कर रहा है। क्या इस पर बात नहीं होनी चाहिए?
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वहीं बिहार बीजेपी मनोज शर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति के बारे में बिहार सरकार और सत्तारूढ़ दल जदयू के लोग भ्रम फैला रहे हैं। रविवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि जदयू तथ्यहीन बातें कर रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि जदयू नेताओं में जानकारी की कमी है। आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन के पास गंभीर और तथ्यात्मक मुद्दा नहीं है तो ऐसे मुद्दे पर लोगों के बीच में भ्रम पैदा कर रहे हैं जिसका कोई आधार ही नहीं है। जो लोग कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री की अन्य पिछड़ा वर्ग की पहचान फर्जी है, जब वे मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने अपनी जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल कराया था। उनकी जानकारी के लिए बता दें नरेंद्र मोदी ‘घांची जाति’ से आते हैं। गुजरात में तेली को घांची कहा जाता है। काका कालेकर आयोग ने 1953-55 में गुजरात के अंदर घांची जाति को बीसी सूची में शामिल किया था। लेकिन 1999 में अति पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में तेली, मोध घांची जाति को शामिल किया गया। उस वर्ष नरेन्द्र मोदी किसी संवैधानिक पद पर नहीं थे।