Rajasthan Assembly Election 2023: लोगों से मिलने वाले चंदे से करते थे चुनाव-प्रसार | Rajasthan Politics: Rajasthan Election 2023 Special News Of BJP leader Atal Bihari Vajpayee Time | News 4 Social h3>
Rajasthan Election 2023 Special News: बात उन दिनों की है जब बैराठ विधानसभा का मुख्य केंद्र शाहपुरा हुआ करता था। 1983 के चुनावों में भाजपा के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी की शाहपुरा के मुख्य स्टैण्ड (पुराना बस स्टैण्ड बिजली ग्रिड) पर सभा होने वाली थी।
Rajasthan Election 2023 Special News: बात उन दिनों की है जब बैराठ विधानसभा का मुख्य केंद्र शाहपुरा हुआ करता था। 1983 के चुनावों में भाजपा के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी की शाहपुरा के मुख्य स्टैण्ड (पुराना बस स्टैण्ड बिजली ग्रिड) पर सभा होने वाली थी। उनके आने की कार्यकर्ताओं को सूचना एक दिन पहले मिली। कार्यकर्ता असमंजस की स्थिति में थे कि आखिर अचानक कैसे मंच बनेगा और कैसे व्यवस्थाएं होंगी। वरिष्ठ कार्यकर्ता गणपत वर्मा ने बताया कि सभा की सूचना से चिंता का माहौल हो गया था कि इतनी जल्दी कैसे व्यवस्थाएं होंगी। बाद में निर्णय किया कि चौपड़ में रामलीला चल रही है उसके तख्ते लाने होंगे, वो भी रामलीला का मंचन रात्रि 12 बजे खत्म होने के बाद। चिंता यह थी कि रात को ऊंटगाड़ी व ठेली वाले नहीं मिलेंगे और ना ही इतने वजनी तख्ते उठाए जा सकेंगे। चर्चा रही कि सिर पर रख दें तो छोटू पहलवान उठा कर ला सकता है। बाद में करीब 6 तख्तों को लाने में सुबह के 4 बज गए। इसके बाद दोपहर 2 बजे सभा हुई। आज भी उन कार्यकर्ताओं को याद करते नमन करते हैं। पार्टी के लिए कार्यकर्ता समर्पित भाव से जुटे रहते थे।
Rajasthan Election 2023: ‘चुनावी एक्सप्रेस’ में सवार होने के लिए मची मारामारी, ‘लखपति’ विधायक भी टिकट की कतार में
नोटों की माला से चलाते थे खर्चा
बताते हैं कि पार्टी के प्रत्याशी को जिताने के साथ चुनाव प्रचार और पैसा खर्च की भी चिंता होती थी। 1980 में पार्टी की तरफ से प्रत्याशी तय होने बाद प्रदेश नेतृत्व की तरफ से कोई सहायता राशि नहीं मिलती थी। प्रत्याशी जिताने और चुनाव प्रचार में होने वाले खर्च की भी व्यवस्था कार्यकर्ताओं के जिम्मे थी। कार्यकर्ता उस जमाने में मोहल्ले, ढाणियों और मोजिज व्यक्तियों से चंदा इकट्टा कर प्रत्याशी के आगमन पर नोटों की माला पहनाते थे, उसी से चुनाव का खर्चा जुटाते थे।
Rajasthan election 2023
: लिस्ट आने से पहले सियासी गलियारों में मचा हड़कंप, अब ये छात्रनेता ‘दिग्गजों’ को देंगे टक्कर !
मूंगफली, चना खाकर ही गुजार देते थे दिन
चंदा उगाकर प्रत्याशी को नोटों की माला पहनाई जाती थी। उसी से जीपों में डीजल भरते थे। सारे दिन कार्यकर्ताओं के घर से चाय मंगा कर पीते, मूंगफली, चना खाकर सारा दिन गुजारते थे। रात को घर आ कर या चुनाव प्रचार के दौरान किसी मित्र या रिश्तेदार या पार्टी समर्थक के भोजन करते थे।