क्या बिहार में लालू और तेजस्वी यादव बांटेंगे इंडिया गठबंधन की लोकसभा सीटें? दीपांकर के बयान से अटकल तेज h3>
बिहार के सीएम और जेडीयू नेता नीतीश कुमार की पहल पर एक साथ आए विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की तीन बैठक हो चुकी है लेकिन अब तक लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे का कोई फॉर्मूला नहीं आया है। मुंबई में एक सिंतबर को तीसरी बैठक के बाद 13 नेताओं की कोर्डिनेशन कमिटी बनी जिसमें बिहार से डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह सदस्य हैं। ये भी कहा गया कि गठबंधन में शामिल दल तुरंत सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू कर देंगे जिसमें किसी को नुकसान भी होगा तो उठाएगा। बिहार में सीट बंटवारे पर बातचीत कहां पहुंची है ये साफ नहीं है लेकिन कांग्रेस से लेकर लेफ्ट पार्टियां तक सीट को लेकर अपनी मांग रख रही है। अब यह अटकल तेज है कि इंडिया गठबंधन में बिहार की 40 लोकसभा सीटों का बंटवारा लालू यादव और तेजस्वी यादव की आरजेडी करेगी।
इस अटकल की शुरुआत हुई है महागठबंधन सरकार को बाहर से समर्थन दे रही वामपंथी पार्टी सीपीआई-एमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के एक बयान से। 12 विधायकों वाली माले 40 में चार लोकसभा सीट मांग रही है। दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे पर विचार शुरू कर दिया गया है और माले ने लोकसभा सीट की मांग को लेकर अपना प्रस्ताव राजद को सौंप दिया है।
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आरजेडी को सीट की मांग का प्रस्ताव सौंपने पर जब पत्रकारों ने सवाल पूछा तो भाकपा माले महासचिव दीपांकर ने कहा कि मुंबई की बैठक में तय हुआ है कि जिस राज्य में जो प्रमुख दल होगा, प्रस्ताव उसी को दिया जाएगा। माले महासचिव के इस बयान से ये स्पष्ट हो रहा है कि बिहार में आरजेडी को इंडिया गठबंधन का वो प्रमुख दल माना गया है जिसके पास बाकी सारे दल अपनी सीट की डिमांड पेश करेंगे।
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हालांकि दीपांकर भट्टाचार्य ने आगे कहा कि गठबंधन के अन्य दलों से भी इसी महीने बात होगी। उन्होंने यह बताने से मना कर दिया कि कितनी और कौन सी सीट माले ने मांगी है। उन्होंने कहा कि राजद के बाद जदयू और दूसरे वाम दलों से भी चर्चा करेंगे। 2019 के लोकसभा चुनाव में आरा लोकसभा सीट पर महागठबंधन ने माले को समर्थन दिया था जिसके बदले माले ने पाटलिपुत्र सीट पर आरजेडी की मीसा भारती को सपोर्ट किया था। हालांकि दोनों ही बीजेपी कैंडिडे से चुनाव हार गए थे। 2019 में महागठबंधन और लेफ्ट से सिर्फ कांग्रेस ही एक सीट किशनगंज जीत पाई थी।
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सीट बंटवारे को लेकर राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा है कि आरजेडी और जेडीयू दोनों 17-17 सीट लड़ना चाहती है। बची हुई 6 सीटों में 4 कांग्रेस और 2 लेफ्ट को देना चाहती हैं। यह भी चर्चा है कि अगर पप्पू यादव और मुकेश सहनी आते हैं तो उनके लिए 1-1 सीट की जगह बनाई जाएगी और तब आरजेडी-जेडीयू 16-16 सीट पर लड़ेगी। लेकिन कांग्रेस या लेफ्ट पार्टियों की दावेदारी से लगता नहीं कि आरजेडी या जेडीयू का ये प्लान कामयाब होगा।
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बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने शुक्रवार को भी कहा कि 2019 में उनकी पार्टी 9 सीट लड़ी थी और 2024 में भी इतनी सीट जरूर लड़ेगी। माले 4 सीट मांग रही है। सीपीआई और सीपीएम भी 2-2 सीट पर दावा कर रहे हैं लेकिन कम से कम 1 सीट तो लेकर ही मानेंगे। सितंबर का महीना सीट बंटवारे के लिए अहम है क्योंकि अगली मीटिंग भोपाल में हो सकती है और उससे पहले कम से कम सीट पर असहमति को जितना हो सके कम कर लेना घटक दलों की प्राथमिकता है।
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बिहार के सीएम और जेडीयू नेता नीतीश कुमार की पहल पर एक साथ आए विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की तीन बैठक हो चुकी है लेकिन अब तक लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे का कोई फॉर्मूला नहीं आया है। मुंबई में एक सिंतबर को तीसरी बैठक के बाद 13 नेताओं की कोर्डिनेशन कमिटी बनी जिसमें बिहार से डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह सदस्य हैं। ये भी कहा गया कि गठबंधन में शामिल दल तुरंत सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू कर देंगे जिसमें किसी को नुकसान भी होगा तो उठाएगा। बिहार में सीट बंटवारे पर बातचीत कहां पहुंची है ये साफ नहीं है लेकिन कांग्रेस से लेकर लेफ्ट पार्टियां तक सीट को लेकर अपनी मांग रख रही है। अब यह अटकल तेज है कि इंडिया गठबंधन में बिहार की 40 लोकसभा सीटों का बंटवारा लालू यादव और तेजस्वी यादव की आरजेडी करेगी।
इस अटकल की शुरुआत हुई है महागठबंधन सरकार को बाहर से समर्थन दे रही वामपंथी पार्टी सीपीआई-एमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के एक बयान से। 12 विधायकों वाली माले 40 में चार लोकसभा सीट मांग रही है। दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे पर विचार शुरू कर दिया गया है और माले ने लोकसभा सीट की मांग को लेकर अपना प्रस्ताव राजद को सौंप दिया है।
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आरजेडी को सीट की मांग का प्रस्ताव सौंपने पर जब पत्रकारों ने सवाल पूछा तो भाकपा माले महासचिव दीपांकर ने कहा कि मुंबई की बैठक में तय हुआ है कि जिस राज्य में जो प्रमुख दल होगा, प्रस्ताव उसी को दिया जाएगा। माले महासचिव के इस बयान से ये स्पष्ट हो रहा है कि बिहार में आरजेडी को इंडिया गठबंधन का वो प्रमुख दल माना गया है जिसके पास बाकी सारे दल अपनी सीट की डिमांड पेश करेंगे।
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हालांकि दीपांकर भट्टाचार्य ने आगे कहा कि गठबंधन के अन्य दलों से भी इसी महीने बात होगी। उन्होंने यह बताने से मना कर दिया कि कितनी और कौन सी सीट माले ने मांगी है। उन्होंने कहा कि राजद के बाद जदयू और दूसरे वाम दलों से भी चर्चा करेंगे। 2019 के लोकसभा चुनाव में आरा लोकसभा सीट पर महागठबंधन ने माले को समर्थन दिया था जिसके बदले माले ने पाटलिपुत्र सीट पर आरजेडी की मीसा भारती को सपोर्ट किया था। हालांकि दोनों ही बीजेपी कैंडिडे से चुनाव हार गए थे। 2019 में महागठबंधन और लेफ्ट से सिर्फ कांग्रेस ही एक सीट किशनगंज जीत पाई थी।
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सीट बंटवारे को लेकर राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा है कि आरजेडी और जेडीयू दोनों 17-17 सीट लड़ना चाहती है। बची हुई 6 सीटों में 4 कांग्रेस और 2 लेफ्ट को देना चाहती हैं। यह भी चर्चा है कि अगर पप्पू यादव और मुकेश सहनी आते हैं तो उनके लिए 1-1 सीट की जगह बनाई जाएगी और तब आरजेडी-जेडीयू 16-16 सीट पर लड़ेगी। लेकिन कांग्रेस या लेफ्ट पार्टियों की दावेदारी से लगता नहीं कि आरजेडी या जेडीयू का ये प्लान कामयाब होगा।
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