Monsoon 2023: राजस्थान में बांध रह गए प्यासे, पिछले साल की तुलना में कम आवक, ये है आंकड़े | Less Water In Rajasthan Dam Due To Not Heavy Rain In Monsoon 2023 | News 4 Social

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Monsoon 2023: राजस्थान में बांध रह गए प्यासे, पिछले साल की तुलना में कम आवक, ये है  आंकड़े | Less Water In Rajasthan Dam Due To Not Heavy Rain In Monsoon 2023 | News 4 Social

Monsoon 2023: राजस्थान में बांध रह गए प्यासे, पिछले साल की तुलना में कम आवक, ये है आंकड़े | Less Water In Rajasthan Dam Due To Not Heavy Rain In Monsoon 2023 | News 4 Social

Monsoon 2023: मानसून की बेरुखी से प्रदेश में पेयजल व सिंचाई के लिए अलार्मिंग स्थिति बन रही है। ज्यादातर बांधों का बड़ा हिस्सा खाली पड़ा है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार बांधों में 15 प्रतिशत कम पानी आया है।

भवनेश गुप्ता/जयपुर. Monsoon 2023: मानसून की बेरुखी से प्रदेश में पेयजल व सिंचाई के लिए अलार्मिंग स्थिति बन रही है। ज्यादातर बांधों का बड़ा हिस्सा खाली पड़ा है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार बांधों में 15 प्रतिशत कम पानी आया है।

गत वर्ष 6 सितम्बर को 688 बांध में 10,218 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमक्यूएम) पानी था, लेकिन रावतभाटा स्थित राणा प्रताप सागर बांध अपनी पूर्ण भराव क्षमता 1157.50 फीट के मुकाबले 1144.81 फीट पर इस वर्ष इसी दिन 8,281 एमक्यूएम पहुंच गया हैं। वर्तमान में बांध 12.69 फीट खाली है। ही पानी आ पाया है। यानि 1,937 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी कम पहुंचा। यह इतना पानी है कि जिससे बीसलपुर बांध दो बार भर जाए। ऐसे हालात के बीच जल संसाधन विभाग ने जलदाय विभाग के अफसरों को आगामी माह में पेयजल सप्लाई का प्लान तैयार करने की राय दी है। यदि बारिश नहीं होती या कमी होती है तो पेयजल व सिंचाई के लिए कितना पानी लिया जाए।

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किसानों के लिए दोहरी परेशानी….
मानसून में अपेक्षित बारिश नहीं होने से कई जगह किसानों की फसल खराब हो गई है। अक्टूबर-नवम्बर में रबी सीजन शुरू हो जाएगा, जिसमें ज यादा पानी की जरूरत होगी। इस दौरान बांधों से ही सिंचाई के लिए पानी आवंटन किया जाता रहा है। ऐसी स्थिति में परेशानी बढ़ेगी।

कुछ बड़े बांधों में आया पानी…
कोटा बैराज पूरा भरा हुआ है। पाली का जवाई, भीलवाड़ा का मेजा, डूंगरपुर का सोम कमला अम्बा और राजसमंद बांध में पिछले वर्ष के मुकाबले ज्यादा पानी है।

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अभी से करने होंगे उपाय
जब पानी की कमी होती है तब जल प्रबंधन की जरूरत बढ़ जाती है। जल संसाधन और जलदाय विभाग को संयुक्त रूप से स्टेट लेवल का प्लान तैयार करना होगा। इसमें कृषि विभाग को भी शामिल करें, क्योंकि रबी सीजनआने वाला है और उसमें सिंचाई के लिए पानी की जरूरत होगी। बांध का पानी वाष्पीकरण कम से कम हो, इसके भी उपाय करने होंगे।
– विनोद शाह, सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग

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