Sitamarhi News: हेल्थ सेंटर में बंध रही गाय-भैंस, तेजस्वी जी देखिए बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल

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Sitamarhi News: हेल्थ सेंटर में बंध रही गाय-भैंस, तेजस्वी जी देखिए बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल

Sitamarhi News: हेल्थ सेंटर में बंध रही गाय-भैंस, तेजस्वी जी देखिए बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल

सीतामढ़ी: बिहार सरकार ने अलग-अलग प्रखंडों के लोगों को समय पर मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों (Bihar Health Dept) की स्थापना की थी। हालांकि, विभागीय लापरवाही के कारण सरकार की पहल और सोच पर पानी फिर गया। ये शायद संवेदनहीनता का ही परिणाम है कि जिले के अधिकांश हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बंद हैं। सेंटर पर ताला लगा रहता है। इन सेंटरों पर डॉक्टर और एएनएम की प्रतिनियुक्ति है, लेकिन कई जगह वो गायब नजर आते हैं। हैरानी की बात यह कि सीतामढ़ी के जगदर गांव में भी एक हेल्थ-वेलनेस सेंटर (Sitamarhi News) खुला। लेकिन वहां अब गाय-भैंस बांधा जाता है। ये हेल्थ-वेलनेस सेंटर तबेला नजर आ रहा।

सीतामढ़ी में 28 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर

जिले के विभिन्न प्रखंडों में 28 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर है। खबर है कि इनमें से दर्जन भर सेंटर ही चल रहे। हालांकि इन चालू सेंटरों का हाल भी बेहद खस्ता है। बताया गया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में तब्दील करना है। सेंटर के पीछे सरकार की सोच और मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाओं से लाभान्वित कराना था। साथ ही गंभीर रोगों वाले मरीजों की पहचान कर इलाज के लिए कारगर कदम उठाना था। इसके सेंटर तेजी में तो खुले पर कई का तो उद्घाटन के बाद ताला खुलते भी कम ही देखा गया।

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14 तरह की जांच से लोग वंचित

इन सेंटरों पर मलेरिया, हिमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर, वजन के अलावा बलगम सहित कुल 14 प्रकार की जांच की सुविधा उपलब्ध है। इतना ही नहीं, यहां पर तैनात डॉक्टर और एएनएम का आम लोगों को योग के माध्यम से निरोग रखने के लिए प्रेरित करने का भी दायित्व था। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में रहने वाले 30 साल से अधिक उम्र के लोगों का ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियों की फ्री जांच की व्यवस्था है। मरीजों को जरुरत के अनुसार निःशुल्क दवा और परामर्श भी देना का प्रावधान है। लेकिन अधिकांश सेंटरों के बंद रहने से इन सुविधाओं से ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों लोगों को वंचित रहना पड़ रहा है।

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सेंटर कैसे बना मवेशियों का तबेला

जिले के परिहार प्रखंड स्थित जगदर गांव में हेल्थ एंड वेनलेस सेंटर है। यह सेंटर छह साल पहले खुला था पर अबतक एक भी व्यक्ति को सेंटर से कोई फायदा नहीं मिला है। डॉक्टर और एएनएम आते ही नहीं है। बराबर ताला लटका रहता है। स्थानीय लोग सेंटर के परिसर को अपने गाय-भैंस दूसरे मवेशी बांधने के लिए उपयोग करते हैं। यहां डॉक्टर कैलाश चौबे हैं तो एक एएनएम भी तैनात हैं। दोनों में से किसी का सेंटर पर दर्शन दुर्लभ है। अब तो यह सेंटर जुआरियों का सेफ अड्डा भी बन चुका है।

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मुखिया ने बताई ऐसा होने की वजह

जगदर पंचायत की मुखिया ममता देवी ने बताया कि विभागीय लापरवाही के चलते इस सेंटर से आम लोग को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। आमजन के स्वास्थ्य के प्रति न तो विभाग और न ही डॉक्टर ही सजग है। उन्होंने कहा कि मैंने विभिन्न बैठकों में इसको लेकर आवाज उठाई है, लेकिन कोई अमल नहीं होने से सेंटर और अन्य सरकारी सुविधाओं का हाल बेहाल है। इस संबंध में सीएचएस, परिहार के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रमेश प्रसाद शाही ने बताया कि सेंटर से गायब डॉक्टर और एएनएम से जल्द स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। उनका वेतन बंद करने के लिए सीएस को रिपोर्ट किया जाएगा।

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