जलगांव में बीजेपी को झटका, शरद पवार की मौजूदगी में NCP में शामिल हुए तीन बार विधायक रहे बीएस पाटिल h3>
मुंबई: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की बगावत से जूझ रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने जलगांव में रैली की। इस रैली में एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) के अलावा पार्टी के नेता एकनाथ खड़से और जयंत पाटिल भी मौजूद रहे। रैली में बीजेपी के अमलनेर (Amalner) से बीजेपी के पूर्व विधायक डॉ. बीएस पाटिल ने एनसीपी में शामिल हुए। मंच पर शरद पवार की मौजूदगी में उन्हाेंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर जयंत पाटिल ने कहा कि जेल देश भर में हो रही घटनाओं का बारीकी से अध्ययन करने की जरूरत है।आने वाले चुनाव में निर्णायक होकर मतदान करना हमारी जिम्मेदारी है। पाटिल ने कहा उनकी पार्टी गिर गई थी। जलगांव जिले ने एकता बनाए रखी। हमें विश्वास है कि पुरानी और नई पीढ़ी के सहयोग से हम निश्चित रूप से अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
मोदी ने पहले शिवसेना को तोड़ा और अब एनसीपी को। मोदी सत्ता का इस्तेमाल लोगों के कल्याण का करने के बजाय राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए कर रहे हैं।
शरद पवार, एनसीपी चीफ (जलगांव में)
एनसीपी नेताओं ने भरी हुंकार
एनसीपी की स्वाभिमान सभा में उमड़ी भीड़ से शरद पवार भी उत्साहित दिखे। रैली में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख भी मौजूद रहे। एनसीपी नेताओं में राज्य में सूखे की स्थिति और जालना में मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निशाने पर लिया और कहा कि जालना में मराठा प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा बेरहमी से लाठीचार्ज किया गया। माताएं, बहनें और बच्चे भी घायल हो गए। राज्य में कोई कानून व्यवस्था नहीं है। क्या गृह विभाग असंतुलित है? ऐसा सवाल उठ रहा है। एनसीपी नेताओं ने पूछा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि साबित करो कि हमने लाठीचार्ज का आदेश दिया था। यदि पुलिस प्रशासन आपके आदेश के बिना ऐसे क्रूर कृत्य कर रहा है तो क्या आपको सरकार में बने रहने का अधिकार है?
बीजेपी को बड़ा झटका
अमलनेर (Amalner Assembly constituency) से पूर्व बीजेपी विधायक और वरिष्ठ नेता डॉ. बीएस पाटिल के शरद पवार के साथ आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। पाटिल 1995, 1999 और 2004 में बीजेपी की टिकट पर विधायक बन चुके हैं। 2019 में इस सीट से एनसीपी के प्रत्याशी रहे अनिल पाटिल ने जीत हासिल की थी। इससे पहले के 2009 और 2014 में इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार को जीत हासिल हुई थी। डॉ. बीएस पाटिल पेशे से चिकित्सक हैं। बतौर चिकित्सक उनकी अपने क्षेत्र में काफी अच्छी छवि है। यही वजह है कि पूर्व में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं।
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मोदी ने पहले शिवसेना को तोड़ा और अब एनसीपी को। मोदी सत्ता का इस्तेमाल लोगों के कल्याण का करने के बजाय राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए कर रहे हैं।
शरद पवार, एनसीपी चीफ (जलगांव में)
एनसीपी नेताओं ने भरी हुंकार
एनसीपी की स्वाभिमान सभा में उमड़ी भीड़ से शरद पवार भी उत्साहित दिखे। रैली में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख भी मौजूद रहे। एनसीपी नेताओं में राज्य में सूखे की स्थिति और जालना में मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निशाने पर लिया और कहा कि जालना में मराठा प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा बेरहमी से लाठीचार्ज किया गया। माताएं, बहनें और बच्चे भी घायल हो गए। राज्य में कोई कानून व्यवस्था नहीं है। क्या गृह विभाग असंतुलित है? ऐसा सवाल उठ रहा है। एनसीपी नेताओं ने पूछा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि साबित करो कि हमने लाठीचार्ज का आदेश दिया था। यदि पुलिस प्रशासन आपके आदेश के बिना ऐसे क्रूर कृत्य कर रहा है तो क्या आपको सरकार में बने रहने का अधिकार है?
बीजेपी को बड़ा झटका
अमलनेर (Amalner Assembly constituency) से पूर्व बीजेपी विधायक और वरिष्ठ नेता डॉ. बीएस पाटिल के शरद पवार के साथ आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। पाटिल 1995, 1999 और 2004 में बीजेपी की टिकट पर विधायक बन चुके हैं। 2019 में इस सीट से एनसीपी के प्रत्याशी रहे अनिल पाटिल ने जीत हासिल की थी। इससे पहले के 2009 और 2014 में इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार को जीत हासिल हुई थी। डॉ. बीएस पाटिल पेशे से चिकित्सक हैं। बतौर चिकित्सक उनकी अपने क्षेत्र में काफी अच्छी छवि है। यही वजह है कि पूर्व में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं।
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