Varanasi News Live Today: ज्ञानवापी मामले में दायर हुई नई याचिका, अब वजूखाने के भीतर एएसआई सर्वे कराने की मांग h3>
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी का मुद्दा खासा गरमाया हुआ है। ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे चल रहा है। सर्वे टीम वहां की तमाम चीजों को खंगाल रही हैं। एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर श्रृंगार गौरी केस में अहम मोड़ आ सकता है। हिंदू पक्ष की ओर से मस्जिद परिसर में मंदिर होने के दावों के बीच एएसआई सर्वे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एएसआई सर्वे के बीच वाराणसी कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है। श्रृंगार गौरी केस में याचिकाकर्ता राखी सिंह की ओर से जिला जज के यहां आवेदन दिया गया है। इस आवेदन में ज्ञानवापी मस्जिद वजूखाने का भी एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे कराने की मांग की गई है। दरअसल, एएसआई सर्वे को लेकर वाराणसी कोर्ट की ओर से ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने को छोड़कर अन्य भागों का सर्वे कराने का आदेश दिया था। इसी आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा।
ज्ञानवापी के वजूखाने में एडवोकेट कमिश्नर की अगुआई में कराए गए सर्वे के दौरान 16 मई 2022 को शिवलिंग की आकृति जैसी संरचना मिली थी। हिंदू पक्ष की ओर से इसे शिवलिंग बताया गया। वहीं, मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा कहता रहा है। विवाद गहराने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थल को सील करने का आदेश दिया है। वहां पर सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है। ऐसे में कोर्ट की ओर से सील स्थल का सर्वे नहीं कराने का आदेश दिया गया था। अब राखी सिंह की ओर से दायर याचिका में वजूखाने का सर्वे भी कराने की मांग की गई है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए इस पर 8 सितंबर को सुनवाई की तारीख तय की है। वाराणसी जिला जज ने चार याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर श्रृंगार गौरी पूजन की याचिका पर सुनवाई के दौरान 21 जुलाई को परिसर के एएसआई सर्वे का आदेश दिया था।
मंगलवार को दायर हुई नई याचिका
विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) की संस्थापक सदस्य राखी सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी ने कहा कि मंगलवार को अदालत के समक्ष 62 पेज का एक अर्जी दायर की है। इसमें हमने अपना पक्ष रखा है। 16 मई 2022 को वजूखाना में शिवलिंग मिला था, उसका सर्वे कराए जाने की जरूरत को हमने बताया है। कोर्ट ने हमारे आवेदन को स्वीकार कर लिया है। सुनवाई के लिए 8 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है। 21 जुलाई को जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे के आदेश दिए थे। एएसआई को रेडार (जीपीआर), खुदाई, डेटिंग विधि और अन्य आधुनिक तकनीक के जरिए ज्ञानवापी परिसर की वास्तविक संरचना का पता लगाने का आदेश दिए गया।
इस सर्वे आदेश में 17 मई 2022, 20 मई 2022 और 11 नवंबर 2022 को विभिन्न अदालतों की ओर से जारी आदेशों पर सील किए गए ‘वजूखाना’ क्षेत्र को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण आदेश दिया। एएसआई ने 24 जुलाई से सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया। सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने के कारण सर्वे का काम रुका, लेकिन आदेश के बाद 4 अगस्त से सर्वे का काम फिर शुरू हुआ है।
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ज्ञानवापी के वजूखाने में एडवोकेट कमिश्नर की अगुआई में कराए गए सर्वे के दौरान 16 मई 2022 को शिवलिंग की आकृति जैसी संरचना मिली थी। हिंदू पक्ष की ओर से इसे शिवलिंग बताया गया। वहीं, मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा कहता रहा है। विवाद गहराने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थल को सील करने का आदेश दिया है। वहां पर सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है। ऐसे में कोर्ट की ओर से सील स्थल का सर्वे नहीं कराने का आदेश दिया गया था। अब राखी सिंह की ओर से दायर याचिका में वजूखाने का सर्वे भी कराने की मांग की गई है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए इस पर 8 सितंबर को सुनवाई की तारीख तय की है। वाराणसी जिला जज ने चार याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर श्रृंगार गौरी पूजन की याचिका पर सुनवाई के दौरान 21 जुलाई को परिसर के एएसआई सर्वे का आदेश दिया था।
मंगलवार को दायर हुई नई याचिका
विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) की संस्थापक सदस्य राखी सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी ने कहा कि मंगलवार को अदालत के समक्ष 62 पेज का एक अर्जी दायर की है। इसमें हमने अपना पक्ष रखा है। 16 मई 2022 को वजूखाना में शिवलिंग मिला था, उसका सर्वे कराए जाने की जरूरत को हमने बताया है। कोर्ट ने हमारे आवेदन को स्वीकार कर लिया है। सुनवाई के लिए 8 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है। 21 जुलाई को जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे के आदेश दिए थे। एएसआई को रेडार (जीपीआर), खुदाई, डेटिंग विधि और अन्य आधुनिक तकनीक के जरिए ज्ञानवापी परिसर की वास्तविक संरचना का पता लगाने का आदेश दिए गया।
इस सर्वे आदेश में 17 मई 2022, 20 मई 2022 और 11 नवंबर 2022 को विभिन्न अदालतों की ओर से जारी आदेशों पर सील किए गए ‘वजूखाना’ क्षेत्र को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण आदेश दिया। एएसआई ने 24 जुलाई से सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया। सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने के कारण सर्वे का काम रुका, लेकिन आदेश के बाद 4 अगस्त से सर्वे का काम फिर शुरू हुआ है।