सतना : भाजपा को बड़ा झटका, रैगांव विधायक स्व. जुगुल के बेटे और पुत्रवधु ने कांग्रेस का दामन थामा | Big blow to BJP, Jugul’s son and daughter-in-law joined Congress | Patrika News h3>
सतनाPublished: Aug 24, 2023 04:22:48 pm
रैगांव की राजनीति के महत्वपूर्ण स्तंभ माने जाने वाले स्व. विधायक जुगुलकिशोर बागरी के बेटे देवराज बागरी और बहू वंदना बागरी ने भाजपा को अलविदा कहते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कमलनाथ के हाथों सदस्यता ग्रहण करने के बाद वंदना ने कहा कि अब की भाजपा पराक्रम की नहीं परिक्रमा करने वालों की रह गई है।
सतना जिले की रैगांव विधानसभा की राजनीति स्व. विधायक जुगुल किशोर बागरी के इर्द गिर्द लंबे समय से रही आई है। चाहे वे सत्ता में रहे हो या नहीं। लेकिन उनके निधन के बाद उनके राजनीतिक वारिस माने जा रहे उनके अपने बेटों को दरकिनार कर जिस तरीके से जातीय समीकरण के लिए उन्ही के परिवार के अन्य चेहरे को मैदान में उतारा उसी दिन से इस परिवार के मन में भाजपा के प्रति क्लेश तो नजर आने लग गया था। लेकिन सत्ता का दबाव कहें या साहस की कमी उनके दोनों बेटे पुष्पराज और देवराज भाजपा में ही रहकर एक कोने में पड़े रहे। लेकिन अब उनके छोटे बेटे और बहू वंदना ने आखिर इसे अपना अपमान बताते हुए आखिर भाजपा को अलविदा कह दिया और गुरुवार को कमलनाथ के हाथों कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली।
सतनाPublished: Aug 24, 2023 04:22:48 pm
रैगांव की राजनीति के महत्वपूर्ण स्तंभ माने जाने वाले स्व. विधायक जुगुलकिशोर बागरी के बेटे देवराज बागरी और बहू वंदना बागरी ने भाजपा को अलविदा कहते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कमलनाथ के हाथों सदस्यता ग्रहण करने के बाद वंदना ने कहा कि अब की भाजपा पराक्रम की नहीं परिक्रमा करने वालों की रह गई है।
सतना जिले की रैगांव विधानसभा की राजनीति स्व. विधायक जुगुल किशोर बागरी के इर्द गिर्द लंबे समय से रही आई है। चाहे वे सत्ता में रहे हो या नहीं। लेकिन उनके निधन के बाद उनके राजनीतिक वारिस माने जा रहे उनके अपने बेटों को दरकिनार कर जिस तरीके से जातीय समीकरण के लिए उन्ही के परिवार के अन्य चेहरे को मैदान में उतारा उसी दिन से इस परिवार के मन में भाजपा के प्रति क्लेश तो नजर आने लग गया था। लेकिन सत्ता का दबाव कहें या साहस की कमी उनके दोनों बेटे पुष्पराज और देवराज भाजपा में ही रहकर एक कोने में पड़े रहे। लेकिन अब उनके छोटे बेटे और बहू वंदना ने आखिर इसे अपना अपमान बताते हुए आखिर भाजपा को अलविदा कह दिया और गुरुवार को कमलनाथ के हाथों कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली।