Punjab News: किसान को ट्रैक्टर से कुचला, पुलिसकर्मियों पर लाठियों से हमला, पंजाब के संगरूर में ये क्या हो रहा? h3>
चंडीगढ़: पंजाब के संगरूर जिले के गांव लोंगोवाल में एक ट्रैक्टर-ट्रॉली ने बुजुर्ग किसान प्रीतम सिंह को कुचल दिया। इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया। बाद में उसे पटियाला रेफर कर दिया गया और पटियाला अस्पताल ले जाते समय किसान की मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस और किसानों के बीच झड़प उस वक्त हुई जब पुलिसकर्मियों ने भारती किसान यूनियन (एकता-आजाद) के बैनर तले जिले में किसानों को रोकने की कोशिश की। किसान एक सड़क और एक टोल प्लाजा को जाम करने के लिए आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इसमें कुछ पुलिसकर्मी और किसान घायल हो गए।
संगरूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुरेंद्र लांबा ने कहा कि ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और बसों पर सवार प्रदर्शनकारी किसान पुलिस की ओर से लगाए गए अवरोधकों को जबरन पार कर गए। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ प्रदर्शनकारी हिंसक भी हो गए और उन्होंने पुलिसकर्मियों पर लाठियों से हमला किया। इसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर समेत समेत दो लोग घायल हो गए।
एक ट्रैक्टर-ट्रॉली ने बुजुर्ग किसान प्रीतम सिंह को कुचल दिया, जिससे उनके पैर घायल हो गए…उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया। बाद में उसे पटियाला रेफर कर दिया गया और पटियाला अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. पुलिस द्वारा कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया, प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए और आगे बढ़ते रहे।
सुरेंद्र लांबा, एसएसपी, संगरूर
पुलिस ने कहा कि एक ट्रैक्टर-ट्रॉली ने बुजुर्ग किसान प्रीतम सिंह को कुचल दिया। इससे उनके पैर घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया। बाद में उसे पटियाला रेफर कर दिया गया और पटियाला अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
दरअसल किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), बीकेयू (एकता आजाद), आजाद किसान समिति, दोआबा, बीकेयू (बेहरामके) और भूमि बचाओ मोहिम सहित सोलह किसान संगठनों ने मंगलवार को चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। सोमवार को, प्रदर्शनकारी किसानों ने दावा किया कि किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के अध्यक्ष सरवन सिंह पंढेर, केएमएससी के सतकार सिंह कोटली, बीकेयू (बेहरामके) के बोहर सिंह सहित उनके कई नेताओं को प्रदर्शन से पहले पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
पुलिस विभाग की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। किसान नेता पंजाब समेत उत्तरी क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए केंद्र से 50,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग कर रहे हैं। वे फसल के नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, क्षतिग्रस्त घर के लिए 5 लाख रुपये और बाढ़ में मरने वाले व्यक्ति के परिवार के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं।
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संगरूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुरेंद्र लांबा ने कहा कि ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और बसों पर सवार प्रदर्शनकारी किसान पुलिस की ओर से लगाए गए अवरोधकों को जबरन पार कर गए। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ प्रदर्शनकारी हिंसक भी हो गए और उन्होंने पुलिसकर्मियों पर लाठियों से हमला किया। इसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर समेत समेत दो लोग घायल हो गए।
एक ट्रैक्टर-ट्रॉली ने बुजुर्ग किसान प्रीतम सिंह को कुचल दिया, जिससे उनके पैर घायल हो गए…उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया। बाद में उसे पटियाला रेफर कर दिया गया और पटियाला अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. पुलिस द्वारा कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया, प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए और आगे बढ़ते रहे।
सुरेंद्र लांबा, एसएसपी, संगरूर
पुलिस ने कहा कि एक ट्रैक्टर-ट्रॉली ने बुजुर्ग किसान प्रीतम सिंह को कुचल दिया। इससे उनके पैर घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया। बाद में उसे पटियाला रेफर कर दिया गया और पटियाला अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
दरअसल किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), बीकेयू (एकता आजाद), आजाद किसान समिति, दोआबा, बीकेयू (बेहरामके) और भूमि बचाओ मोहिम सहित सोलह किसान संगठनों ने मंगलवार को चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। सोमवार को, प्रदर्शनकारी किसानों ने दावा किया कि किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के अध्यक्ष सरवन सिंह पंढेर, केएमएससी के सतकार सिंह कोटली, बीकेयू (बेहरामके) के बोहर सिंह सहित उनके कई नेताओं को प्रदर्शन से पहले पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
पुलिस विभाग की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। किसान नेता पंजाब समेत उत्तरी क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए केंद्र से 50,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग कर रहे हैं। वे फसल के नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, क्षतिग्रस्त घर के लिए 5 लाख रुपये और बाढ़ में मरने वाले व्यक्ति के परिवार के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं।