जब दिल मिलते हैं तो गले मिलते हैं… योगी के पैर छूने वाले रजनीकांत को गले लगाकर अखिलेश ने क्या संदेश दिया है?

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जब दिल मिलते हैं तो गले मिलते हैं… योगी के पैर छूने वाले रजनीकांत को गले लगाकर अखिलेश ने क्या संदेश दिया है?

जब दिल मिलते हैं तो गले मिलते हैं… योगी के पैर छूने वाले रजनीकांत को गले लगाकर अखिलेश ने क्या संदेश दिया है?

लखनऊः उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों साउथ की फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत छाए हुए हैं। शनिवार और रविवार को वह अपनी फिल्म जेलर के प्रमोशन के लिए उत्तर प्रदेश आए हैं। शनिवार को उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और रविवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव से मिले। प्रदेश के दो बड़े नेताओं से रजनीकांत मुलाकात करें और इस पर राजनीति न हो, ऐसा कैसे हो सकता है? शनिवार के दिन तो रजनीकांत के योगी के पैर छूने को लेकर ही बहस चलती रही। रविवार को अपनी मुलाकात के दौरान अखिलेश ने रजनीकांत को गले लगाने की तस्वीर लगाकर जैसे कोई सियासी जवाब देने की कोशिश की है। इसके साथ ही उन्होंने जो कैप्शन लिखा है, वह काफी कुछ इशारा कर रहा है।

दरअसल, रजनीकांत की फिल्म जेलर सिनेमाघरों में हाल ही में रिलीज हुई है। इसे लेकर अभिनेता रजनीकांत उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। इसी क्रम में उन्होंने रविवार को योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने सीएम के साथ अपनी फिल्म की खास स्क्रीनिंग में भी हिस्सा लिया। रजनीकांत और योगी की मुलाकात भी हुई। इस दौरान एक ऐसा वाकया हुआ, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा का बाजार गरमा गया। दरअसल, योगी से मिलने पहुंचे रजनीकांत ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद ले लिया। उम्र में काफी छोटे योगी आदित्यनाथ का पैर छूने के दौरान जरूर रजनीकांत के मन में उनकी एक योगी-संन्यासी होने की छवि रही होगी लेकिन इसे लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बहस हुई। लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं।

अखिलेश यादव से भी मिले रजनीकांत
हालांकि, इसके ठीक एक दिन बाद रजनीकांत नेता प्रतिपक्ष और ‘9 साल पुराने दोस्त’ अखिलेश से मिलने उनके आवास गए। मुलाकात के बाद रजनीकांत ने अखिलेश को दोस्त बताया और कहा कि उनकी फोन पर बातचीत होती रहती है। इसके कुछ ही देर बाद अखिलेश यादव ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर किया, जिसमें वह रजनीकांत को गले लगाते दिख रहे हैं। इस फोटो के साथ उन्होंने लिखा, ‘जब दिल मिलते हैं तो लोग गले मिलते हैं। मैसूर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान पर्दे पर रजनीकांत जी को देखकर जितनी ख़ुशी होती थी वो आज भी बरकरार है। हम 9 साल पहले व्यक्तिगत रूप से मिले और तब से दोस्ती है।’

योगी के साथ की फोटो पर साधा निशाना
माना जा रहा है कि गले मिलते हुए शेयर की गई इस फोटो के जरिए अखिलेश यादव ने योगी की एक दिन पुरानी उस तस्वीर पर निशाना साधा है, जिसमें रजनीकांत योगी के पैर छू रहे हैं। उनका कैप्शन भी उसी ओर इशारा करता है कि जब दिल मिलते हैं तो लोग गले मिलते हैं। जाहिर है कि नेता प्रतिपक्ष का यह संदेश खासतौर पर सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके समर्थकों के लिए है।

रजनीकांत की मुलाकातों के राजनैतिक मायने
रजनीकांत जब योगी आदित्यनाथ से मिले तो ऐसे भी कयास लगने लगे थे कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले साल 2021 में तमिलनाडु चुनाव के दौरान भी रजनीकांत के भाजपा में शामिल होने की अटकलें थीं। तब उन्होंने यह कहकर सक्रिय राजनीति में आने से इनकार कर दिया था कि वह आध्यात्मिक राजनीति करेंगे। हालांकि, इसके बाद से उन्हें भाजपा का सहयोगी माना जाने लगा था। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद रजनीकांत ने मोदी और शाह की जोड़ी की खूब तारीफ की थी। उन्होंने दोनों को कृष्ण और अर्जुन की जोड़ी बता दिया था। हालांकि, योगी से मिलने के बाद जब रजनीकांत अखिलेश यादव से मिले तब उनके बीजेपी में जाने के कयास नरम पड़ गए। अखिलेश ने भी ‘दिल मिलने’ वाली बात कहकर इन संभावनाओं को खारिज ही कर दिया है।

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