ट्रेन में फायरिंग के आरोपी चेतन सिंह ने मुस्लिम ऑटो ड्राइवर वाहिद खान को आतंकवादी कहकर किया था टॉर्चर h3>
उज्जैन: महाकाल की नगरी उज्जैन में 45 वर्षीय ऑटो ड्राइवर वाहिद खान को 2016-17 में आरपीएफ कॉन्स्टेबल चेतन सिंह (Train Firing Accused Chetan Singh) ने परेशान किया था। साथ ही उस पर हमला किया गया था। उसने कहा है कि चेतन सिंह ने अगस्त 2017 में एक ब्लैंक पेपर पर जबरन साइन करवा लिया था। अपने ऊपर हुए शिकायत में कार्रवाई से बचने के लिए इसका इस्तेमाल करता था। साथ ही ऑटो ड्राइवर खान को कई दिनों तक परेशान किया गया। आरपीएफ कॉन्स्टेबल चेतन सिंह ने गैरकानूनी तरीके से उसे हिरासत में भी लिया।
इस दौरान चेतन ने गलत तरीके से वाहिद पर हमला किया गया और धमकी भी दी। वाहिद खान को टॉर्चर करने वाले चेतन सिंह ने ही 31 जुलाई को घृणित अपराध करते हुए जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सवार अपने वरिष्ठ और तीन मुस्लिम लोगों की हत्या कर दी।
मुझे आतंकवादी कहा
18 फरवरी, 2017 को, खान ने एक शिकायत दर्ज कराई कि चेतन सिंह ने उसे आतंकवादी कहा, उसकी पिटाई की और उसे झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी। खान ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि उन्हें उनके धर्म के अलावा किसी और कारण से परेशान नहीं किया गया था।
ब्लैंक पेपर पर साइन करवाए
उन्होंने कहा कि मेरी शिकायत के बारे में बार-बार पूछताछ के बाद, मुझे एक बार दो आरपीएफ कर्मियों और चेतन ने उठाया था। उन्होंने मेरा मोबाइल फोन जब्त कर लिया और जबरन एक खाली कागज पर मेरे हस्ताक्षर ले लिए। मैंने ब्लैंक पेपर साइन को लेकर सवाल किया तो उनमें से एक ने कहा कि वे उसी के अनुसार मेरा बयान लिखेंगे। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार वाहिद खान ने शिकायती पत्र को दिखाया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मैंने कुछ किया तो वे मुझे अपनी गाड़ी नहीं चलाने देंगे।
आरटीआई लगाकर मांगी जानकारी
वहीं, खान ने आगे कहा कि उन्होंने कई आरटीआई दायर कर अधिकारियों और रेल मंत्रालय से सवाल किया है। साथ ही पूछा है कि ब्लैंक पेपर पर क्या लिखा था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा और इसके बजाए जवाब दिया कि किसी को भी खाली कागज पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए।
ऑटो ड्राइवर पर बदसलूकी का लगाया था आरोप
पूछताछ के दौरान, चेतन सिंह ने अधिकारियों को बताया था कि खान ने रेलवे प्लेटफॉर्म पर उसके साथ “दुर्व्यवहार” किया और बिना टिकट के रेलवे स्टेशन में प्रवेश किया। उन्होंने यह भी कहा कि सांप्रदायिक टिप्पणी, दुर्व्यवहार और झूठे मामले में फंसाने के संबंध में शिकायत में लगाए गए सभी आरोप फर्जी हैं।
आरपीएफ के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बार-बार शिकायत करने के बाद, पहली शिकायत के एक साल बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। अंत में चेतन सिंह का ट्रांसफर गुजरात के भावनगर में हो गया।
वहीं, वाहिद खान की पहली मुलाकात 2016 के मध्य में आरपीएफ के डॉग स्क्वाड में तैनात चेतन सिंह से हुई थी। वह एक ऑटो चालक थे और उनका सामान्य पार्किंग स्थल उज्जैन रेलवे स्टेशन के ‘माल गोदाम’ के पास था।
गौरतलब है कि आरपीएफ का आरोपी कॉन्स्टेबल चेतन सिंह का बचपन रतलाम में गुजरा है। वह शुरु से ही गुस्सैल था। पिता की मौत के बाद उसे अनुकंपा पर नौकरी मिली थी। सूत्र बताते हैं कि उसके व्यवहार की वजह से विभागीय कार्रवाई हुई थी लेकिन कोई सुधार नहीं आया। ट्रेन में फायरिंग के बाद वह जेल में बंद है।
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इस दौरान चेतन ने गलत तरीके से वाहिद पर हमला किया गया और धमकी भी दी। वाहिद खान को टॉर्चर करने वाले चेतन सिंह ने ही 31 जुलाई को घृणित अपराध करते हुए जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सवार अपने वरिष्ठ और तीन मुस्लिम लोगों की हत्या कर दी।
मुझे आतंकवादी कहा
18 फरवरी, 2017 को, खान ने एक शिकायत दर्ज कराई कि चेतन सिंह ने उसे आतंकवादी कहा, उसकी पिटाई की और उसे झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी। खान ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि उन्हें उनके धर्म के अलावा किसी और कारण से परेशान नहीं किया गया था।
ब्लैंक पेपर पर साइन करवाए
उन्होंने कहा कि मेरी शिकायत के बारे में बार-बार पूछताछ के बाद, मुझे एक बार दो आरपीएफ कर्मियों और चेतन ने उठाया था। उन्होंने मेरा मोबाइल फोन जब्त कर लिया और जबरन एक खाली कागज पर मेरे हस्ताक्षर ले लिए। मैंने ब्लैंक पेपर साइन को लेकर सवाल किया तो उनमें से एक ने कहा कि वे उसी के अनुसार मेरा बयान लिखेंगे। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार वाहिद खान ने शिकायती पत्र को दिखाया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मैंने कुछ किया तो वे मुझे अपनी गाड़ी नहीं चलाने देंगे।
आरटीआई लगाकर मांगी जानकारी
वहीं, खान ने आगे कहा कि उन्होंने कई आरटीआई दायर कर अधिकारियों और रेल मंत्रालय से सवाल किया है। साथ ही पूछा है कि ब्लैंक पेपर पर क्या लिखा था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा और इसके बजाए जवाब दिया कि किसी को भी खाली कागज पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए।
ऑटो ड्राइवर पर बदसलूकी का लगाया था आरोप
पूछताछ के दौरान, चेतन सिंह ने अधिकारियों को बताया था कि खान ने रेलवे प्लेटफॉर्म पर उसके साथ “दुर्व्यवहार” किया और बिना टिकट के रेलवे स्टेशन में प्रवेश किया। उन्होंने यह भी कहा कि सांप्रदायिक टिप्पणी, दुर्व्यवहार और झूठे मामले में फंसाने के संबंध में शिकायत में लगाए गए सभी आरोप फर्जी हैं।
आरपीएफ के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बार-बार शिकायत करने के बाद, पहली शिकायत के एक साल बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। अंत में चेतन सिंह का ट्रांसफर गुजरात के भावनगर में हो गया।
वहीं, वाहिद खान की पहली मुलाकात 2016 के मध्य में आरपीएफ के डॉग स्क्वाड में तैनात चेतन सिंह से हुई थी। वह एक ऑटो चालक थे और उनका सामान्य पार्किंग स्थल उज्जैन रेलवे स्टेशन के ‘माल गोदाम’ के पास था।
गौरतलब है कि आरपीएफ का आरोपी कॉन्स्टेबल चेतन सिंह का बचपन रतलाम में गुजरा है। वह शुरु से ही गुस्सैल था। पिता की मौत के बाद उसे अनुकंपा पर नौकरी मिली थी। सूत्र बताते हैं कि उसके व्यवहार की वजह से विभागीय कार्रवाई हुई थी लेकिन कोई सुधार नहीं आया। ट्रेन में फायरिंग के बाद वह जेल में बंद है।