Alka Lamba: जानिए कौन हैं AAP-कांग्रेस विवाद के बीच सुर्खियों में आई अलका लांबा, विवादों से रहा है नाता

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Alka Lamba: जानिए कौन हैं AAP-कांग्रेस विवाद के बीच सुर्खियों में आई अलका लांबा, विवादों से रहा है नाता

Alka Lamba: जानिए कौन हैं AAP-कांग्रेस विवाद के बीच सुर्खियों में आई अलका लांबा, विवादों से रहा है नाता

नई दिल्ली: विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच एक बार फिर खींचतान शुरू हो गई है। इसकी शुरुआत हुई बुधवार कांग्रेस नेता अलका लांबा के दिए एक बयान के बाद। अलका लांबा के दिए बयान के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आपस में उलझकर रह गई है। मामला बढ़ता देख पहले कांग्रेस और फिर आम आदमी पार्टी की ओर से डैमेज कंट्रोल की कोशिश हुई। 26 दलों के गठबंधन I.N.D.I.A की बैठक जल्द मुंबई में होने वाली है और इस मीटिंग से पहले अलका लांबा के बयान से विवाद बढ़ गया है। अलका लांबा की ओर कहा गया कि कांग्रेस पार्टी की मीटिंग में दिल्ली की सभी सात सीटों पर तैयारी करने को कहा गया है। हालांकि बाद में उनकी ओर सफाई दी गई। अलका लांबा के समर्थन में दिल्ली प्रदेश के कई नेता दिखाई पड़ रहे हैं। इस पूरे मामले में सुर्खियों में आईं अलका लांबा कौन हैं।

जिस अलका लांबा को लेकर आम आदमी पार्टी हमलावर है वह एक वक्त आम आदमी पार्टी की ही विधायक थीं। अलका लांबा का विवादों से पुराना नाता रहा है। साल 2018 की बात है जब दिल्ली विधानसभा में राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के कथित प्रस्ताव पर विवाद हो गया था। अलका लांबा से इस्तीफा ले लिया गया। आम आदमी पार्टी जब अलका लांबा ने छोड़ी तब उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि केजरीवाल जी आपके प्रवक्ता ने आपकी इच्छानुसार मुझे घमंड के साथ कहा था कि पार्टी मेरा इस्तीफा स्वीकार कर सकती है। इसलिए AAP की प्राथमिक सदस्यता से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। अब यह पार्टी खास हो गई है।
इसके बाद अलका लांबा एक बार फिर अपनी पुरानी पार्टी में लौट आईं। वह कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुई थीं और AAP के टिकट से चांदनी चौक सीट से चुनाव लड़कर दिल्ली विधानसभा पहुंचीं। वहीं दूसरी बार 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही अलका लांबा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। अलका लांबा के राजनीतिक सफर पर एक नजर-

अलका लांबा का जन्म 21 सितंबर 1975 को हुआ। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज से पढ़ाई की है।
-अलका लांबा का राजनीतिक सफर 1994 में शुरू हुआ जब उन्हें कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI की ओर से कन्वीनर का पद मिला।
– 1997 में अलका लांबा एनएसयूआई की राष्टीय अध्यक्ष बनीं।
-2002 में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की जनरल सेक्रेटरी बनीं।
-2003 में बीजेपी नेता मदन लाल खुराना के खिलाफ दिल्ली के मोती नगर से चुनाव लड़ीं। जीत नहीं मिली।
-2014 में अलका लांबा कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी से जुड़ गईं।
– 2015 के विधानसभा चुनाव में AAP के टिकट पर चांदनी चौक से जीत दर्ज कर इस सीट से पहली महिला विधायक होने का गौरव हासिल किया।
-2019 में आम आदमी पार्टी से इस्तीफा, 2020 में कांग्रेस के टिकट पर चांदनी से चुनाव लड़ीं। मिली हार।

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विवादों से रहा है नाता
-साल 2012 में तब सुर्खियों में आई थीं जब एक राज्य की दुष्कर्म पीड़िता लड़की का नाम सार्वजनिक कर दिया था।
-चांदनी चौक का विधायक रहते अलका लांबा का विश्वास नगर से बीजेपी विधायक ओपी शर्मा से झड़प। आरोप लगा कि अलका लांबा ने बीजेपी विधायक के दुकान में घुसकर कैश बिल मशीन फेंक दिया।
-दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी विवाद, आप विधायक सौरभ भारद्वाज के साथ ट्विटर वार।
– साल 2022 में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिए बयान के बाद पंजाब में अलका लांबा के खिलाफ मामला दर्ज।

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