सेहत के 10 सूत्र, संकल्प लें, मिलेंगे चमत्कारी फायदे | 10 sources of health, take a resolution, you will get miraculous benef | News 4 Social

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सेहत के 10 सूत्र, संकल्प लें, मिलेंगे चमत्कारी फायदे | 10 sources of health, take a resolution, you will get miraculous benef | News 4 Social

सेहत के 10 सूत्र, संकल्प लें, मिलेंगे चमत्कारी फायदे | 10 sources of health, take a resolution, you will get miraculous benef | News 4 Social


शरीर का निर्माण पंचमहाभूतों यानी पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश से बना है। इनके असंतुलन से शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन बिगड़ता है। शरीर रोगग्रस्त होता है। आयुर्वेद में इन्हें त्रिदोष कहते हैं। इनका सीधा संबंध हमारे आहार-विहार, दिनचर्या से है। ऐसे में अगर दिनचर्या सही रखेंगे तो स्वस्थ रहेंगे। सूर्य व चंद्रमा का ध्यान रखकर स्वस्थ हों, क्योंकि इन्हें ध्यान में रखते हुए हमारे पूर्वजों ने स्वस्थ जीवनशैली के लिए दिनचर्या का निर्धारण किया था।

1. ब्रह्ममुहूर्त में उठने के वैज्ञानिक तर्क
यह सुबह (4.30-5.30) उठने का सबसे अच्छा समय होता है। इस समय उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, सुबह की शुद्ध वायु, तन-मन को स्फूर्ति व ऊर्जा से भर देती है। इस समय योग, व्यायाम व प्राणायाम करने से शरीर निरोगी हो सकता है। पक्षियों की चहचहाहट से माहौल खुशनुमा और हमारा तन-मन प्रफुल्लित हो जाता है।

2. पसीना आने तक व्यायाम
सुबह जल्दी उठकर शौच निवृत्त, चेहरा-मुंह साफ करें। इसके बाद व्यायाम करें। आयुर्वेद के अनुसार, योग तब तक करें जब तक कि अंडर आम्र्स से पसीना न निकलने लगे। इससे पता चलता है कि शरीर के सभी अंगों तक ऊर्जा पहुंच चुकी होती है और वे सक्रिय हो गए होते हैं।

3. प्रकृति आधारित स्नान
शरीर की प्रकृति कफ वाली हो तो गर्म या गुनगुने पानी से नहाएं तो ज्यादा अच्छा है। इसी तरह पित्त प्रकार वालों को ठंडे पानी और वात प्रकार वालों को बहुत हल्के गुनगुने पानी से नहाने से लाभ मिलता है। इससे मौसमी बीमारियों से बचाव होता है। जिन्हें अपनी प्रकृति नहीं पता, वे सामान्य पानी से नहाएं। पहले पैरों पर पानी गिराएं।

4. खाली पेट लगाएं ध्यान
नहाने के बाद पूजा व ध्यान की बात की गई है। शरीर के लिए जरूरी योग-व्यायाम के समान ही दिमाग के लिए भी ध्यान जरूरी है। इससे याद्दाश्त व स्मरणशक्ति बढ़ती है। यह हमेशा ध्यान रखें कि ध्यान हमेशा खाली ही पेट करें।

5. ध्यान के बाद नाश्ता
बिस्तर छोडऩे के 2-3 घंटे के बीच (7.30-8.00 बजे) नाश्ता अनिवार्य है। नाश्ता हमेशा सूर्य निकलने के बाद ही करें, ताकि मेटाबॉलिज्म सक्रिय हो सके। इसमें सभी पोषक तत्व होने चाहिए। इसके आधे घंटे बाद काम शुरू करें।

6. कब लें लंच
लंच 12 से एक बजे के बीच होना चाहिए। इसकी वजह सूर्य का सबसे तेज होना है। इस समय जठर अग्नि यानी मेटाबॉलिज्म सिस्टम बहुत अच्छा होता है। नाश्ता-लंच-डिनर के बीच में एक मौसमी फल-हल्के स्नैक्स खाएं।

7. दिन में सोने से बचें
कुछ लोग लंच के बाद थोड़ी देर सोते हैं, लेकिन आयुर्वेद में इसका जिक्र नहीं है। तापमान अधिक होने की स्थिति में थोड़ी देर विश्राम की बात कही गई है। जो लोग एसी या बंद कमरे में रहते हैं। ऐसे लोगों को दिन में भी थोड़ा कम खाना चाहिए।

8. शाम को करें मनपसंद काम
मनपसंद काम शाम को करना चाहिए। फैमिली के साथ आउटिंग आदि भी शाम को करें। इसमें खेलना, गाना, डांस और अपनी दूसरी शौक की चीजें करें।

हैल्थ टिप्स
प्याज एक दर्द निवारक के रूप में काम करता है। यह तनावरोधी, अजीर्ण, दस्त आदि में लाभप्रद है। प्रतिदिन भोजन के साथ एक प्याज खाएं।

कच्चे प्याज से खराब कॉलेस्ट्रोल दूर व हृदय की कार्यप्रणाली व रक्त संचार में सुधार होता है। यह इम्युनिटी बढ़ाता व कैंसर सेल्स की वृद्धि रोकता है।

करी पत्ता पोषक तत्त्वयुक्त होता है। इसका नियमित सेवन पेट की समस्याएं दूर करता है। बाल असमय सफेद न होकर लंबे समय तक काले रहते हैं।

तुलसी, गिलोय व अश्वगंधा नियमित लेने से इम्युनिटी बेहतर होती है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स युक्त फल व सब्जियां थायरॉइड बढऩे से रोकते हैं।

आंखों के लिए विटामिन ए जरूरी है, इसलिए पपीता, गाजर, दूध एवं आम का लें। गुलाब जल या खीरे का रस भी आंखों में डालने से ठंडक रहती है।

मेथी दाना लेने से ब्लड शुगर का स्तर कम होता है। मोतियाबिंद से बचाव भी होता है। रात में पांच ग्राम मेथी दाना भिगो दें। सुबह खाली पेट इसको ले सकते हैं।

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