Balaghat News: चंद्रयान 3 की सफल लॉन्चिंग का मध्यप्रदेश के इस आदिवासी जिले से है गहरा कनेक्शन

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Balaghat News: चंद्रयान 3 की सफल लॉन्चिंग का मध्यप्रदेश के इस आदिवासी जिले से है गहरा कनेक्शन

Balaghat News: चंद्रयान 3 की सफल लॉन्चिंग का मध्यप्रदेश के इस आदिवासी जिले से है गहरा कनेक्शन

बालाघाट: हाल ही में ISRO द्वारा लॉन्च किए गए चंद्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण में मध्यप्रदेश का बालाघाट जिला भी साक्षी रहा। जिले के बिरसा तहसील के ग्राम कैंडा टोला के निवासी वैज्ञानिक महेंद्र कुमार ठाकरे की इस मिशन में प्रमुख भूमिका रही है। उन्होंने इस मिशन में प्रोजेक्ट हेड की भूमिका से काम किया है। चन्द्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसरो के द्वारा अपना दम दिखाने में मील का पत्थर साबित हुआ है।
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महेंद्र कुमार ठाकरे वर्तमान में इसरो में वैज्ञानिक के रूप में त्रिवेंद्रम में काम कर रहे हैं। उनकी शिक्षा शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बिरसा में पूरी हुई है। इसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली में दाखिला लिया और पास होकर फिलहाल इसरो में वैज्ञानिक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
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चंद्रयान 3 मिशन में अहम भूमिका निभाने वाले महेंद्र कुमार के गांव और सम्पूर्ण बिरसा ब्लॉक में खुशी की लहर है। लोगों में गांव के बेटे द्वारा इतने अहम मिशन में अपनी सहभागिता दर्ज कराने का गर्व भी है। महेंद्र के माता पिता कहते है कि उन्हें अपने होनहार पुत्र पर गर्व है। इसी तरह वो देशसेवा करते रहें और भारत देश सफलता के शिखर को छुए।
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बता दें कि इसरो (ISRO) ने चांद पर खोजबीन करने के लिए तीसरा चन्द्र मिशन चंद्रयान 3 लॉन्च किया है। इस यान में चंद्रयान 2 के जैसा एक लैंडर और एक रोवर है, लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं है। जैसे ही चंद्रयान 3 को प्रक्षेपित किया गया, पूरे देश में गर्व और हर्ष की लहर दौड़ गई। चंद्रयान-3 के जरिए इसरो की कोशिश चंद्रयान-2 के अधूरे मिशन को पूरा करने की हैं। 24 से 28 अगस्त के बीच चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने की प्रक्रिया शुरू होगी। यह मिशन करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा।

इसका वजन 3900 किलोग्राम है। इसे पहले यूआर राव सैटलाइट केंद्र में रॉकेट के पेलोड फेयरिंग यानी ऊपरी हिस्से में डाला गया और फिर इस रॉकेट के निचले हिस्से से जोड़ने के लिए ले जाया गया। यह हिस्सा इसे पृथ्वी की कक्षा के बाहर धकेल देगा और इस पृथ्वी से लगभग 3 लाख 84000 किलोमीटर दूर चंद्रमा की ओर ले जाएगा। इस मिशन का पूरा बजट 651 करोड़ रुपए का है। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज का दिन सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा।

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