Fadnavis Vs Uddhav: ‘कलंक’ सुनकर फडणवीस बोले- ‘दिमाग के डॉक्टर को दिखाएं उद्धव ठाकरे’ h3>
मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की कलंक वाली टिप्पणी पर पलटवार किया है। ठाकरे पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने कहा कि, ऐसा लगता है कि मौजूदा राजनीतिक स्थिति के कारण शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख को मनोरोग उपचार की जरूरत है। फडणवीस के गृह नगर नागपुर में उद्धव ने कहा था, ‘भाजपा नेता फडणवीस) नागपुर पर एक ‘कलंक’ हैं, क्योंकि उन्होंने कहा था कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी उन्होंने ऐसा किया।
ठाकरे की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, ‘विपक्षी और पूर्व मित्र (ठाकरे) को वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम के प्रभाव का सामना करते हुए देखकर मुझे दुख होता है। मुझे लगता है कि उन्हें मनोचिकित्सक से परामर्श लेने की आवश्यकता है।’ फडणवीस ने कहा, ‘जो व्यक्ति अपनी वर्तमान मनोवैज्ञानिक स्थिति के कारण आरोप लगाता है, उस पर प्रतिक्रिया देना अनुचित है। उनकी वर्तमान मानसिक स्थिति ऐसी है कि हमें इसे समझने का प्रयास करना चाहिए। वह जो कह रहे हैं उस पर प्रतिक्रिया न देना ही बेहतर है।’
भाजपा की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया के बीच उद्धव ठाकरे ने पलटवार करते हुए पूछा कि क्या भाजपा के नेता भी दूसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाते और उन पर कलंक का कटाक्ष नहीं करते? उन्होंने दावा किया कि संजय राउत और अनिल परब जैसे प्रमुख शिवसेना (यूबीटी) नेताओं को भाजपा के जरिए लगातार परेशान किया जा रहा है। ठाकरे ने राकांपा नेता और नवनियुक्त राज्य मंत्री हसन मुशरिफ के बारे में कहा, ‘जब आप सभी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाएंगे, उन पर दाग लगाएंगे और फिर कैबिनेट में उनके बगल में बैठेंगे, तो वह परिवार समाज का सामना कैसे करेंगे?’
राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार और उनके आठ सहयोगी दो जुलाई को एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे, जिससे शरद पवार की स्थापित पार्टी राकांपा विभाजित हो गई। अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि अन्य को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News
ठाकरे की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, ‘विपक्षी और पूर्व मित्र (ठाकरे) को वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम के प्रभाव का सामना करते हुए देखकर मुझे दुख होता है। मुझे लगता है कि उन्हें मनोचिकित्सक से परामर्श लेने की आवश्यकता है।’ फडणवीस ने कहा, ‘जो व्यक्ति अपनी वर्तमान मनोवैज्ञानिक स्थिति के कारण आरोप लगाता है, उस पर प्रतिक्रिया देना अनुचित है। उनकी वर्तमान मानसिक स्थिति ऐसी है कि हमें इसे समझने का प्रयास करना चाहिए। वह जो कह रहे हैं उस पर प्रतिक्रिया न देना ही बेहतर है।’
भाजपा की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया के बीच उद्धव ठाकरे ने पलटवार करते हुए पूछा कि क्या भाजपा के नेता भी दूसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाते और उन पर कलंक का कटाक्ष नहीं करते? उन्होंने दावा किया कि संजय राउत और अनिल परब जैसे प्रमुख शिवसेना (यूबीटी) नेताओं को भाजपा के जरिए लगातार परेशान किया जा रहा है। ठाकरे ने राकांपा नेता और नवनियुक्त राज्य मंत्री हसन मुशरिफ के बारे में कहा, ‘जब आप सभी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाएंगे, उन पर दाग लगाएंगे और फिर कैबिनेट में उनके बगल में बैठेंगे, तो वह परिवार समाज का सामना कैसे करेंगे?’
राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार और उनके आठ सहयोगी दो जुलाई को एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे, जिससे शरद पवार की स्थापित पार्टी राकांपा विभाजित हो गई। अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि अन्य को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
News