Rajasthan Politics: PM मोदी के दौरे के बीच पायलट ने CM गहलोत से तकरार को लेकर कह दी ये बड़ी बात | Rajasthan Politics PM Modi’s visit Sachin Pilot said about Fight with CM Ashok Gehlot | News 4 Social

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Rajasthan Politics: PM मोदी के दौरे के बीच पायलट ने CM गहलोत से तकरार को लेकर कह दी ये बड़ी बात | Rajasthan Politics PM Modi’s visit Sachin Pilot said about Fight with CM Ashok Gehlot | News 4 Social

Rajasthan Politics: PM मोदी के दौरे के बीच पायलट ने CM गहलोत से तकरार को लेकर कह दी ये बड़ी बात | Rajasthan Politics PM Modi’s visit Sachin Pilot said about Fight with CM Ashok Gehlot | News 4 Social

Rajasthan Politics : राजस्थान की सियासत सिर्फ एक बैठक में बदल गई है। राजस्थान कांग्रेस के दो धुर विरोधी ध्रुब अब एक साथ हो गए हैं।

rajasthan politics : राजस्थान की सियासत सिर्फ एक बैठक में बदल गई है। राजस्थान कांग्रेस के दो धुर विरोधी ध्रुब अब एक साथ हो गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट में पड़ी फूट अब खत्म हो गई है। राजस्थान के चुनावी अखाड़े में अब दोनों एक साथ उठा पटक करते नजर आएंगे। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अशोक गहलोत और सचिन पायलट के एक साथ आने से पूरी राजस्थान की राजनीति ही बदल गई है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।

2018 में पायलट ने कर दिया था भाजपा का साफ
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में सचिन पायलट ने पूर्वी राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी का सफाया कर दिया था। सचिन पायलट ने इस इलाके में मीणा और गुर्जर वोटों को साध लिया था और इसका परिणाम यह था कि इस इलाके में आने वाली 39 विधानसभा सीटों में से 35 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया। भाजपा को मुंडावर और धौलपुर में जीत मिली थी। ऐसे में सचिन पायलट के फिर से अशोक गहलोत के साथ आने पर पूर्वी राजस्थान का सियासी मिजाज बदल गया है।

दौसा में दिखा था सचिन का क्रेज
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को दौसा में सचिन पायलट का क्रेज देखने को मिला था। पूर्वी राजस्थान के दौसा, अलवर, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर और धौलपुर में सचिन पायलट का काफी असर है। ऐसे में परंपरा बदलकर सत्ता वापसी के लिए जोर लगा रही कांग्रेस को इस सुलह से बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है।

40 सीटों पर सीधी चुनौती
सचिन पायलट के सुलह से भाजपा के लिए 40 सीटों पर चुनौती खड़ी हो गई है। सचिन पायलट वाई माधोपुर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा सहित अन्य जिलों की कुल 40 सीटों पर प्रभाव रखते हैं। यहां बड़ी संख्या में गुर्जर मतदाता हैं। पायलट के पास अलग अलग समुदायों के 20 विधायकों का भी समर्थन है और यह 40 से अलग 15 सीटों के परिणाम को प्रभावित करने में सक्षम हैं।

आठ में से दो उपचुनाव जीत पाई भाजपा
भारतीय जनता पार्टी को उपचुनावों में भी मुंह की खानी पड़ी है। प्रदेश में 8 में से 6 विधानसभा उप चुनाव कांग्रेस ने ही जीते हैं। बीजेपी दो ही उप चुनाव जीत पाई है। राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में यह बात साफ है कि जिस दल ने पूर्वी राजस्थान जीत लिया। सत्ता की चाबी उसी के पास रहती है।

परिपाटी बदलने में लगे गहलोत
राजस्थान में सत्ता बदलने की एक परंपरा सी बन गई है। पांच साल भाजपा तो पांच साल कांग्रेस। ऐसे में इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर हाल में यह परिपाटी बदलने में लगे हैं। गहलोत हर जगह दावा कर रहे हैं कि इस बार सत्ता कांग्रेस की फिर से आएगी। राज्य में सत्ता विरोधी लहर नहीं है। वहीं भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया कहते हैं कि महिलाओं और दलितों पर अत्याचार काफी बढ़ गया है।

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