‘सीएम पद के लिए मेरा चेहरा बुरा है क्या?’ दिल्ली में बैठक के बाद भी राजस्थान कांग्रेस में नहीं थम रहा घमासान

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‘सीएम पद के लिए मेरा चेहरा बुरा है क्या?’ दिल्ली में बैठक के बाद भी राजस्थान कांग्रेस में नहीं थम रहा घमासान

‘सीएम पद के लिए मेरा चेहरा बुरा है क्या?’ दिल्ली में बैठक के बाद भी राजस्थान कांग्रेस में नहीं थम रहा घमासान

जयपुर: दिल्ली में हुई कांग्रेस की हाईलेवल बैठक के बाद भी राजस्थान में मंत्रियों और विधायकों की बयानबाजी जारी है। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त चेहरे से जुड़े सवाल पर कांग्रेस के कई नेताओं ने अपनी राय रखते हुए बयान दिए हैं। राजस्थान के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ने तो यहां तक कह दिया कि ‘मुख्यमंत्री पद के लिए उनका चेहरा बुरा है क्या।’ कांग्रेस आलाकमान ने ऐसी बयानबाजी करने से मना किया है। बावजूद इसके नेताओं की ओर से ऐसे कमेंट्स का दौर जारी है।

मुख्यमंत्री के चेहरे पर अलग-अलग राय

कैबिनेट मंत्री और जयपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री के चेहरों की कमी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सीएम हैं। सचिन पायलट, गोविन्द सिंह डोटासरा भी इसमें शामिल हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए मेरा चेहरा क्या बुरा लग रहा है। खाचरियावास ने कहा कि वैसे पार्टी का चेहरा राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे हैं। बाकि चेहरे तो उनके पीछे कार्यकर्ता बनकर चलते हैं।

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भरत सिंह ने खाचरियावास को बताया सीएम फेस

पिछले दिनों मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने कहा कि प्रताप सिंह खाचरियावास भी संभावित मुख्यमंत्री के नेताओं में शामिल हैं। भरत सिंह ने कहा था कि युवाओं में सिर्फ सचिन पायलट ही मुख्यमंत्री के दावेदारों में नहीं हैं बल्कि और भी कई नेता हैं जो युवाओं के आदर्श हैं। राजस्थान का यूथ उन्हें भावी मुख्यमंत्री के रूप में देख रहे हैं। भरत सिंह ने कहा कि प्रतापसिंह खाचरियावास भी उनमें से एक हैं। उनमें क्षमता भी है और संभावना भी है।

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विधायक मिलकर तय करेंगे सीएम

आपदा राहत मंत्री गोविन्द राम मेघवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस की बैठक में किसी भी तरह के बयान देने से मना किया गया है। जहां तक मुख्यमंत्री के चेहरे का सवाल है तो कांग्रेस में कभी ऐसी परंपरा नहीं रही कि चुनाव से पहले सीएम घोषित करे। हर बार कांग्रेस बहुमत हासिल करने के बाद ही विधायकों की पसंद के नेता को मुख्यमंत्री घोषित करती है। राजस्थान का भावी मुख्यमंत्री भी कांग्रेस आलाकमान ही तय करेगा लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद। कांग्रेस के नेता आलाकमान के हर निर्देश को मानते हैं।

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‘सीएम की कुर्सी के लिए झगड़ रहे नेता, भुगत रही जनता’

बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि राजस्थान में पिछले साढ़े चार साल तक कांग्रेस के नेताओं में मुख्यमंत्री को लेकर खींचतान चलती रही। सीएम की कुर्सी पाने के लिए कुछ नेता राजस्थान छोड़कर मानेसर चले गए थे और कुर्सी बचाने के लिए कुछ नेता डेढ महीने तक होटलों में कैद रहे। कुर्सी हथियाने और बचाने का सिलसिला चलता रहा और राजस्थान की जनता विकास को तरसती रही।

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रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर

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