‘लस्‍ट स्‍टोरीज 2’ देखकर मन में घुमड़ रहे हैं सवाल? यहां समझ‍िए चारों कहानी के अंत में हुआ क्‍या!

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‘लस्‍ट स्‍टोरीज 2’ देखकर मन में घुमड़ रहे हैं सवाल? यहां समझ‍िए चारों कहानी के अंत में हुआ क्‍या!

‘लस्‍ट स्‍टोरीज 2’ देखकर मन में घुमड़ रहे हैं सवाल? यहां समझ‍िए चारों कहानी के अंत में हुआ क्‍या!

‘लस्ट स्टोरीज 2’ की चर्चा हर तरफ है। गुरुवार, 29 जून को नेटफ्ल‍िक्‍स पर रिलीज हुई इस फिल्‍म का ओटीटी के दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था। साल 2018 में इस फिल्‍म का पहला पार्ट रिलीज हुआ था, जिसने दर्शकों के दिल और दिमाग पर अमिट छाप छोड़ी। एक बार फिर चार अलग-अलग डायरेक्‍टर्स की चार अलग-अलग कहानियों के साथ यह फिल्‍म हाजिर हो चुकी है। फिल्‍म की इन चार छोटी-छोटी कहानियों को सुजॉय घोष, आर बाल्की, कोंकणा सेन शर्मा और अमित शर्मा ने डायरेक्‍ट किया है। ये चारों कहानियां एक-दूसरे से बिल्‍कुल जुदा हैं और अपने-अपने हिसाब से असर छोड़ती हैं। हालांकि, इन सभी शॉर्ट स्‍टोरीज की खासियत है कि वो जहां खत्‍म होते हैं, वहीं से दर्शकों के दिमाग के घोड़े दौड़ने लगते हैं। कई अनकही बातें, दिमाग में घुमड़ने लगती हैं। तो अगर आपने ‘लस्‍ट स्‍टोरीज 2’ देख ली है और आपके मन में भी कई सवाल हैं, तो आइए उनका जवाब ढूंढ़ने की कोश‍िश करते हैं।

1. आर. बाल्की – मेड फॉर इच अदर

मेड फॉर इच अदर

‘लस्ट स्टोरीज 2’ में हमें पहली कहानी आर. बाल्की की Made For Each Other देखने को मिलती है। टीजर और ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे इस कहानी के केंद्र में वेदा (मृणाल ठाकुर) और अर्जुन (अंगद बेदी) हैं। दोनों एक-दूसरे से प्‍यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं। लेकिन इसी कहानी में दादी (नीना गुप्‍ता) भी है। वेदा की दादी इस बात पर जोर देती है कि मियां-बीवी के रिश्‍ते में शारीरिक संबंध का अच्‍छा होना क्‍यों सबसे जरूरी है। यह कहानी अपने अंत में एक जरूरी बात समझा जाती है। लाइफ पार्टनर आपका बेस्‍ट सेक्‍स पार्टनर हो यह जरूरी है। नीना गुप्‍ता का किरदार इस मायने में बेहद खास है कि वह औरतों की यौन संतुष्टि की भावना को प्रमुखता से रखती है। इसमें घबराहट या शर्मिंदगी की बात नहीं है। खासकर औरतों की इच्‍छाएं, जो बंद कमरों में कहीं दबी रह जाती है। दुनियाभर के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं क‍ि कैसे 75% कपल्‍स के तलाक की वजह रिश्‍ते में शारीरिक संतुष्‍ट‍ि की कमी है।

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2. कोंकणा सेन शर्मा – द मिरर

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कोंकणा सेन शर्मा के डायरेक्‍शन में बनी The Mirror एक कामकाजी महिला इश‍िता (तिलोत्‍तमा शोम) के बारे में है। जिंदगी की भागदौड़ में उसकी खुद की यौन इच्‍छाएं दबी रह गई हैं। लेकिन जब वह अपनी नौकरानी सीमा (अमृता सुभाष) को अपने ही घर में, अपने ही बिस्‍तर पर सेक्स करते देखती है, तो उसकी दबी हुई इच्‍छाओं में पंख लग जाते हैं। ‘द मिरर’ का अंत हमें यौन इच्‍छाओं के एक अलग दृष्‍ट‍िकोण को समझाती है। यौन संतुष्‍ट‍ि के लिए शरीरिक संबंध का बनाए जाना ही जरूरी नहीं है। इस आनंद को महसूस करने के और भी तरीके हैं और इसमें कोई गलत बात भी नहीं है, जब तक कि वह किसी को धोखे में रखकर या किसी की प्राइवेसी में खलल न बने। खासकर आज के दौर में जब मर्द हो या औरत, सिंगल रहने का चलन बढ़ा है, वहां यौन सुख के आनंद को लेकर अलग-अलग दृष्‍ट‍िकोण भी बन गए हैं। सही और गलत से अलग, ये बस एक नजरिया है।

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3. सुजॉय घोष – सेक्स विद एन एक्‍स

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सेक्‍स विद एन एक्‍स

सुजॉय घोष के डायरेक्‍शन में तीसरी कहानी Sex with an Ex है। यह फिल्‍म की रिलीज से पहले सबसे चर्चा में रही है। इसकी वजह है तमन्‍ना भाटिया और विजय वर्मा, जो कथ‍ित तौर पर इन दिनों रीयल लाइफ कपल भी हैं। टीजर और ट्रेलर में ही हमें यह झलक मिल जाती है कि विजय वर्मा का किरदार एक्‍स्‍ट्रा मैरिटल अफेयर में दिलचस्‍पी रखता है। यह शॉर्ट स्‍टोरी जहां खत्‍म हुई है, कहानी के बीच में जो भी हुआ, वह विजय की धूर्तता, उससे मन की गंदगी और अंदर छुपे संगीन अपराध के राज को सामने लाती है। यह कहानी आख‍िरी वक्‍त में इंसान का उसके पाप और कर्मों से सामना करवाती है।

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4. अमित रवीन्द्रनाथ शर्मा – तिलचट्टा

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‘लस्ट स्टोरीज 2’ की चौथी और आखिरी कहानी Tilchatta है। इसे अमित रवीन्‍द्रनाथ शर्मा ने डायरेक्‍ट किया है। कहानी में एक ऊंची जाति का भ्रष्ट इंसान (कुमुद मिश्रा) है। उसकी पत्‍नी (काजोल) है। एक बेटा है और घर में काम करने वाली एक नौकरानी (अनुष्‍का कौश‍िक) है। पत्‍नी अपने पति की ज्‍यादती से त्रस्‍त है। वह उससे छुटकारा पाना चाहती है और एक साजिश रचती है। लेकिन, अंत में भाग्य साथ नहीं देता। ब्‍लक‍ि किस्‍मत का उल्‍टा तमाचा पड़ता है। कहानी जहां खत्‍म होती है, वहां यह साफ है कि साजिश करने वाले को ही उसका अंजाम भुगतना पड़ता है। शारीरिक नहीं तो मानसिक रूप से ही सही। चारों शॉर्ट स्‍टोरीज में ‘मेड फॉर इच अदर’ और ‘त‍िलचट्टा’ ही दो ऐसी कहानियां हैं, जो एक पूरक अंत के साथ खत्‍म होती हैं। इस कहानी का नाम डायरेक्‍टर ने ‘त‍िलचट्टा’ रखा है, एक ऐसा कीट-पतंग है जो हर हाल में जिंदा बच जाता है। ठीक कहानी के भ्रष्‍ट, हवसी इंसान की तरह, जो किसी का पति है और किसी का पिता।