अल्जाइमर, मेमरी लॉस जैसी समस्या में मददगार है भ्रामरी प्राणायाम, AIIA और IIT दिल्ली की स्टडी

15
अल्जाइमर, मेमरी लॉस जैसी समस्या में मददगार है भ्रामरी प्राणायाम, AIIA और IIT दिल्ली की स्टडी

अल्जाइमर, मेमरी लॉस जैसी समस्या में मददगार है भ्रामरी प्राणायाम, AIIA और IIT दिल्ली की स्टडी

नई दिल्लीःऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (AIIA) और आईआईटी दिल्ली ने एक डिवाइस की मदद से यह साबित किया है कि योग का भ्रामरी प्राणायाम ब्रेन के न्यूरॉन्स सेल पर पॉजिटिव असर होता है। इसकी लगातार प्रैक्टिस से अल्जाइमर, डिमेंशिया और मेमरी लॉस की परेशानी को न केवल दूर करने में मदद मिल सकती है बल्कि यह बीमारी को रोकने में भी सक्षम है।ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की योग डिपार्टमेंट की हेड डॉ. मेधा कुलकर्णी ने कहा कि योग पर हमने तीन स्टडी की है। जिसमें पहली स्टडी को हमने डिवाइस की मदद से योग के फायदे साबित करने में सफलता पाई है। इस स्टडी का मकसद भ्रामरी का ब्रेन के न्यूरॉन्स सेल पर असर देखना था। 40 की उम्र के बाद ब्रेन की एक्टिविटी कम होने लगती है। स्टडी में 40 साल से ऊपर के 30 लोगों को शामिल किया गया था। स्टडी से पहले सभी को एक बार भ्रामरी प्राणायाम करने को कहा गया। इसके बाद उन्हें 21 दिन भ्रामरी की ट्रेनिंग दी गई।

दिल को दुरुस्त रखने का ‘रामबाण’ मिल गया! AIIMS की स्टडी ने लगा दी मुहर, जानें कैसे करेगा काम
स्टडी में शामिल आईआईटी दिल्ली के साइंटिस्ट डॉ. दीपक दोषी ने एक डिवाइस बनाई है, जिसे भ्रामरी के दौरान नाक में डाली जाती है। सभी की ब्रेन की ईईजी की गई और फिर जब स्टडी शुरू हुई तो भ्रामरी के दौरान डिवाइस की मदद से साउंड वेव और ब्रेन की ईईजी की मैपिंग की गई। इसमें पाया गया कि भ्रामरी के बाद लोगों के ब्रेन के न्यूरॉन्स सेल पर अच्छा असर हुआ है। हमने अपनी यह स्टडी पब्लिश भी की है। यह डिमेंशिया, अल्जाइमर, मेमरी लॉस जैसी समस्या से बाहर निकलने में मदद कर सकता है। इसके रेगुलर प्रैक्टिस से न्यूरांस सेल को कंट्रोल करने और इसमें आ रही गिरावट को कम करने में यह सहायक हो सकता है।

Yoga for Migraine Problems: इन 3 योगासन से माइग्रेन हो जाएगा छूमंतर

एथलीट्स की परफॉर्मेंस में सुधार

डॉ. मेधा ने बताया कि हमारी दूसरी स्टडी खासतौर से एथलीट्स पर चल रही है। हम डॉ. आशीष मिश्रा के साथ काम कर रहे हैं। 3 महीने का एक योग पैकेज बनाया है। इसमें यह देखा गया है कि रेगुलर योग प्रैक्टिस से फ्लेक्सिबिलिटी आती है, कॉन्सनट्रेशन बेहतर होता है। इस स्टडी को तीन ग्रुप में बांटकर किया गया। एक ग्रुप ने कुछ नहीं किया, दूसरे ग्रुप ने योग किया और तीसरे ग्रुप को योग के साथ एक खास प्रकार का लड्डू खिलाया गया। यह लड्डू रागी और उड़द के साथ मिक्स कर बनाया गया है। इसमें एथलीट को नेचुरल प्रोटीन और कैल्शियम भी दिया गया है। शुरुआती असर पॉजिटिव आया है। इसका आकलन चल रहा है। रिजल्ट आना बाकी है।

पुलिसवालों के स्ट्रेस को दूर करने के लिए स्टडी

डॉ. मेधा ने कहा कि तीसरी स्टडी में हम दिल्ली पुलिस पर कर रहे हैं। जो पुलिसवाले स्ट्रेस में हैं, उन्हें दवा के साथ योग कराया गया है। जिस प्रकार लोगों का शहरी जीवन है, उसमें काम के साथ स्ट्रेस हावी है। इससे बचाव के लिए योग को अपनाना बेहतर विकल्प है।

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News