विपक्षी एकता के महाजुटान को BJP ने बताया वंशवादी दलों की बैठक, कहा- अपनी-अपनी दुकान बचाने के लिए एकजुट

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विपक्षी एकता के महाजुटान को BJP ने बताया वंशवादी दलों की बैठक, कहा- अपनी-अपनी दुकान बचाने के लिए एकजुट

विपक्षी एकता के महाजुटान को BJP ने बताया वंशवादी दलों की बैठक, कहा- अपनी-अपनी दुकान बचाने के लिए एकजुट

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राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होगी। जिसमें 18 दलों के दिग्गज शामिल होंगे, और लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी। लेकिन वहीं बीजेपी इस बैठक को फ्लॉप करार दे रही है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि विपक्षी एकता के नाम पर भ्रष्टाचार में डूबे वंशवादी दलों की बैठक बुलायी गई है। और ये सभी दल केवल  अपनी-अपनी दुकान बचाने के लिए एक-साथ दिख रहे हैं। 

विपक्षी एकता पर सुशील मोदी का तंज

सुशील मोदी ने कहा कि इस जुटान का न देशहित, लोकतंत्र और विकास से कोई वास्ता है और न इनमें से कोई दल अपने प्रभाव वाले राज्य में दूसरे गैर-भाजपा दल से हाथ मिलाने को तैयार है। जिन दलों ने इसमें भाग लेने की सहमति दी है, उनमें कांग्रेस,  राजद, सपा, टीएमसी, माकपा, झामुमो, द्रमुक सहित दर्जन-भर पार्टियां ऐसी हैं, जिनका नेतृत्व किसी एक परिवार के हाथ में है और जिनके बड़े नेता भ्रष्टचार के मामलों में जेल या बेल के बीच झूल रहे हैं। 

विपक्षी एकता में कुछ भी ठीक नहीं- मंगल पांडे

वहीं पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता मंगल पांडेय ने कहा है कि 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक से पूर्व बिहार महागठबंधन में बिखराव इस बात का गवाह है कि विपक्षी एकता में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। एनडीए के सामने कांग्रेस व उनके समर्थित दलों के बीच आपसी खींचतान का नजारा बिहार समेत अन्य राज्यों में भी दिख रहा है। एक ओर जहां महागठबंधन से हम पार्टी ने किनारा कर लिया तो वहीं बंगाल में सीएम ममता बनर्जी की तृणमूल पार्टी वामदल व कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमलावर है।

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विपक्षी एकता की बैठक से पहले बगावत

आपको बता दें विपक्ष एकता की बैठक से पहले ही जीतन मांझी ने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया है। उनके बेटे संतोष सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। और ये आरोप लगाया कि उनकी पार्टी का जेडीयू में विलय करना का दवाब बनाया जा रहा था। वहीं शनिवार को कांग्रेस में सीएम नीतीश के नेतृत्व को बगावत हो गई है। कांग्रेस के बिहार प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने पद और कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कुंतल कृष्ण ने विपक्षी एकता की मुहिम में नीतीश के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए। हालांकि नीतीश कहते आए हैं कि जीतन मांझी के जाने से महागठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। 

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