रविचंद्रन अश्विन का छलका दर्द, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के बाद बोले गेंदबाज बनने का रहेगा पछतावा?

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रविचंद्रन अश्विन का छलका दर्द, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के बाद बोले गेंदबाज बनने का रहेगा पछतावा?


रविचंद्रन अश्विन का छलका दर्द, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के बाद बोले गेंदबाज बनने का रहेगा पछतावा?

नई दिल्ली: भारत के ऑफ स्पिनर रविंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) टेस्ट में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज हैं। इसके बाद भी उन्हें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्लेइंग इलेवन में नहीं चुना गया। गेंद के साथ ही अश्विन बल्ले से भी कारगर साबित होते हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका रिकॉर्ड भी शानदार है। फाइनल मुकाबले में भारतीय गेंदबाज विकेट के लिए जूझते रहे। अंत में टीम इंडिया को 209 रनों की करारी हार मिली।

कैसे गेंदबाज बने अश्विन?

रविचंद्रन अश्विन करियर की शुरुआत में बल्लेबाज थे। लेकिन उन्होंने फिर गेंदबाजी चुनी और अब इसकी वजह का खुलासा भी किया है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा- यह एक सच्ची कहानी है और मैं किसी बनावटी चीज से बात नहीं करता। एक दिन मैं भारत-श्रीलंका का मैच देख रहा था और भारत की गेंदबाजी चरमरा गई थी। मेरे फेवरेट सचिन तेंदुलकर थे और वह जो भी रन बनाते थे, हम गेंद से उन रनों को लीक कर देते थे।

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अश्विन ने आगे कहा, ‘मैं सोचता था एक दिन, मुझे गेंदबाज बनना ही है। क्या मैं मौजूदा गेंदबाजों से बेहतर नहीं हो सकता? यह सोचने का बहुत ही बचकाना तरीका है लेकिन मैंने ऐसा ही सोचा और इसलिए मैंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी शुरू की। यहीं से इसकी शुरुआत हुई।’

गेंदबाज बनने का पछतावा रहेगा

रविचंद्रन अश्विन का कहना है कि उन्हें गेंदबाज होने का पछतावा रहेगा। उन्होंने इंटरव्यू में आगे कहा- कल जब मैं संन्यास लूंगा, तो सबसे पहले मुझे इस बात का पछतावा होगा कि मैं इतना अच्छा बल्लेबाज था, मुझे कभी गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था। यह एक ऐसी धारणा है जिससे मैंने लगातार लड़ने की कोशिश की है लेकिन गेंदबाजों और बल्लेबाजों के लिए अलग-अलग मानदंड हैं। उनके साथ बर्ताव भी अलग तरीके से होता है। मैं समझता हूं कि बल्लेबाजों के लिए यह एक गेंद का खेल है और उन्हें मौके की जरूरत है।’

भारत के लिए 2011 में टेस्ट डेब्यू करने वाले रविचंद्रन अश्विन के नाम इस फॉर्मेट में 474 विकेट हैं। 92 मैचों में अश्विन ने 32 बार पारी में 5 विकेट और 7 बार मुकाबले में 10 विकेट लिए हैं। वह टेस्ट में मुरलीधरन के बाद सबसे कम मैचों में 400 विकेट लेने वाले गेंदबाज भी हैं।

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