₹81 अरब की सबसे बड़ी चोरी, कारोबारी से स्टेट जीएसटी ने ऐसे पकड़ी गड़बड़ी | State GST caught the biggest theft of 81 billion | Patrika News h3>
भोपाल/इंदौर. एमपी में सबसे बड़ी टैक्स चोरी उजागर हुई है। राज्य कर विभाग ने बोगस करदाताओं की पहचान कर अब तक की इस सबसे बड़ी टैक्स का खुलासा किया है। बीते दो साल में ऐसे करदाताओं की पहचान की गई है, जो सीधे तौर पर इस चोरी में लिप्त पाए गए हैं। डेटा एनालिसिस के आधार पर की गई जांच में प्रारंभिक रूप से वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में टैक्स एवं आइटीसी (इनपुट क्रेडिट लिमिट) के रूप में 8100 करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी पकड़ी गई है।
विभाग अब इन व्यवसायियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने जा रहा है।
दरअसल बोगस जीएसटी पंजीयन के विरुद्ध सशक्त कार्रवाई के उद्देश्य से वाणिज्यिक कर विभाग विशेष अभियान चला रहा है। इसी के तहत बोगस करदाताओं के नेटवर्क का खुलासा हुआ है। अभियान में संदिग्ध करदाताओं को निर्धारित पैरामीटर्स के आधार पर चिह्नित किया गया। अब ऑनलाइन मोबाइल एप्लीकेशन से भौतिक सत्यापन कराए जा रहे हैं।
बोगस डीलरों के नेटवर्क में 4909 से ज्यादा जीएसटी नंबर को चिह्नित
देश में बोगस डीलरों के नेटवर्क में 4909 से ज्यादा जीएसटी नंबर को चिह्नित किया गया है। इसमें दिल्ली, उप्र, हरियाणा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, तेलंगाना के व्यापारी शामिल हैं। इन्होंने 2 साल में जीएसटी रिटर्न में 29 हजार करोड़ का टर्नओवर दर्शाया है। विभाग डाटा एनालिसिस में अन्य राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों से संदिग्ध व्यवसायियों के खिलाफ केस करने जा रहा है।
वाणिज्यिक कर आयुक्त लोकेश कुमार जाटव बताते हैं कि सभी प्रकरणों में करीब 29 हजार करोड़ के टर्नओवर और 8100 करोड़ की संभावित टैक्स चोरी सामने आ रही है। फर्जी दस्तावेजों पर प्राप्त जीएसटी पंजीयन एवं संगठित होकर की जा रही कर चोरी के विरुद्ध निरंतर कार्रवाई जारी रहेगी।
ऐसे हो रही थी कर चोरी
डाटा एनालिसिस के दौरान इंदौर के एक संदिग्ध व्यवसायी से बोगस व्यवसायियों की चेन का पता चला। इनके पंजीयन में दर्ज पैन नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस के आधार पर डाटा एनालिसिस किया गया। पहले चरण में चिह्नित 14 संदिग्धों पर जीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 67 के तहत कार्रवाई की गई। इन व्यवसायियों का कोई पता नहीं था।
ऐसी बोगस फर्मों के नेटवर्क एवं उसके पीछे छुपे व्यक्तियों का पता लगाने के लिए वाणिज्यिक कर विभाग की टैक्स रिसर्च एंड एनालिसिस विंग ने डेटा की जानकारी जुटाई। डेटा विश्लेषण करने पर पूरे देश में 4900 से अधिक व्यवसायी संदिग्ध पाए गए। इनमें मध्यप्रदेश से संबंधित 139 व्यवसायी हैं।